उत्तर प्रदेश देश

कौरव व पाण्डवों के बीच नहीं अपितु सत्तांध कौरवों के बीच ही हो रहा है आज का महाभारत

भाजपा व कांग्रेस दोनों को भान होना चाहिए कि देश, जनता व धर्म को निर्ममता से रौंदने का कृत्य करने वाले पांडव नहीं अपितु कौरव ही कहलाते है।

देवसिंह रावत

भाजपा व कांग्रेस एक दूसरे को कौरव व खुद को पांडव बता रही है। देश की जनता भी इसी मामले में उलझी हुई है कि पांडव कौन है और पांडव कोन है? भाजपा के विरोधी भाजपा को कौरव बता रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के विरोधी कांग्रेस को कौरव बता रहे है।
मैं 18 मार्च को इन दोनों सत्तांध भाजपा व कांग्रेस  द्वारा भारतीय संस्कृति की गंगोत्री उत्तराखण्ड को निर्ममता से रौंदे जाने के खिलाफ श्रीकृष्णप्रिय देव होने के कारण इन दोनों दलों के खिलाफ देहरादून रूपि कुरूक्षेत्र में हुंकार भर रहा था। तब मेेेेने राहुल गांधी व भाजपा नेताओं का एक दूसरे के कौरव बताने वाले आरोप प्रत्यारोप सुन रहा था। भाजपा व कांग्रेस के बीच एक दूसरे को कौरब व खुद को पांडव बताने वाले आरोप प्रत्यारोप सुने तो मुझे लगा कि ये दोनों किसी भी कीमत पर पांडव तो हो ही नहीं सकते। ये दोनों कौरव है। दोनों न तो देश व जनता के हितों की रक्षा करने के लिए महाभारत लड रहे हैं व नहीं धर्म की रक्षा के लिए। फिर यह संघर्ष केवल व केवल कुर्सी यानी सत्ता के लिए संघर्ष का है। जिसको ये दोनों कालनेमी मुखौटा पहन कर जनता के आंखों में धूल झौंक रहे है।
क्योंकि यह जगजाहिर है कि अंग्रेजों के जाने के बाद 71 साल से देश के हुक्मरानों ने कुरू सभा की तरह भारत माता के चीर का शर्मनाक हरण करके कुकृत्य करते हुए लाखों शहीदों की शहादत के बदोलत अर्जित देश की आजादी को जमीदोज करके देश को पुन्न अंग्रेजों की भाषा अंग्रेजी का ही गुलाम बना दिया है। सवा करोड़ जनता को शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार, न्याय व शासन भारतीय भाषा में नहीं अंग्रेजी भाषा द्वारा संचालित किया जा रहा है। 71 साल से पूरे विश्व में देश को अपने नाम से वंचित किया गया। देश का नाम भारत मिटा कर इसे फिरंगियों द्वारा थोपे गये इंडिया के नाम से जाना जाता है।
देश की आम जनता, मंहगाई, भ्रष्टाचार, आतंक व कुशासन से त्रस्त है। परन्तु भाजपा व कांग्रेस की सरकारें देश की आम जनता को शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा व न्याय से दूर धकेल रही है।
देश की एकता अखण्डता को देश के दुश्मन पाकिस्तान व चीन दोनों मिल कर आतंरिक व सीमा पर तबाही मचा कर ग्रहण लगा रहे है। परन्तु क्या मजाल है भाजपा व कांग्रेस की सरकारें अपने अपने कार्यकाल में चीन व पाक को दुश्मन देश घोषित कर इस पर अंकुश लगा रही है। बेशर्मी की हद यह है कि ये सरकारें चीन व पाक को सबसे मित्र राष्ट्र का दर्जा दिये हुए है।
चीन प पाक द्वारा भारत को तबाह करने के लिए देश में आतंक फेलाया जा रहा है। इस पर अंकुश लगाने का काम भाजपा व कांग्रेस की सरकारें अपने कार्यकाल में करने की हिम्मत नहीं जुटाती है।

जहां तक धर्म की बात करें तो अहिंसा परमोधर्म का उदघोष करने वाले  देश में असंख्य कत्लखानों में हर रोज लाखों जीवों की निर्मम हत्या की जा रही है। गौ माता की निर्मम हत्या व मांस निर्यात बेशर्मी से किया जा रहा है। न भाजपा व नहीं कांग्रेस दोनों को इस पर अंकुश लगाने की हिम्मत नहीं।

आज के महाभारत का प्रसंग तब सामने आया जब 18 मार्च को दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के  महाधिवेशन को पार्टी अध्यक्ष के रूप में पहली बार संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मोदी नेतृत्व वाली भाजपा  को कौरव बताया व खुद के नेतृत्व वाली कांग्रेस को पांडव बताते हुए कहा कि कौरवों की तरह भाजपा और संघ सत्ता के लिए लड़ती हैं। वहीं कांग्रेस पांडवों की तरह सच के लिए संघर्ष करती है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ  पर चैतरफा वार करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आवाहन करते हुए कहा  कि वे 2019 के चुनाव से पहले कौरवों के मुकाबले पांडवों की तरह एकजुट हो जाएं।
वहीं कांग्रेस अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा भाजपा को कौरव बताये जाने पर तीब्र प्रतिक्रिया जताते हुए भाजपा ने कांग्रेस को ही कौरव बता दिया। वरिष्ठ भाजपा नेत्री व केन्द्रीय रक्षा मंत्री सीतारमण ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस हिंदू धर्म का उपहास उड़ाने का एक भी मौका नहीं छोड़ते हैं और अब वे अपनी तुलना पांडवों से कर रहे हैं। यह हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने हमेशा ही हिंदू धर्म, आस्था और मान्यताओं का मजाक ही उड़ाया है। भाजपा राहुल गांधी द्वारा हिन्दू धर्म का अपमान करने की निंदा करती है और राहुल एवं कांग्रेस से अविलम्ब माफी की मांग करती है।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने भाजपा की मातृ संगठन संघ पर करारा प्रहार  करते हुए कहा था  कि महात्मा गांधी तो आजादी के आंदोलन के दौरान जेल में थे, लेकिन इन लोगों (आरएसएस) के सावरकर जेल से निकलने के लिए अंग्रेजों से माफी मांग रहे थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस देश में संस्थाओं को खत्म कर देना चाहता है जबकि कांग्रेस उनका सम्मान करती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, उन्हें पसंद नहीं है कि लोग सवाल करें। उन्होंने गौरी लंकेश और एम एम कलबुर्गी से कहा कि हमसे सवाल करोगे तो मारे जाओगे। राहुल ने कहा, पहली बार ऐसा हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को न्याय पाने के लिए लोगों के सामने आना पड़ा।
राहुल के आरोपों का कडा जवाब देते हुए केन्द्रीय मंत्री सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस देश के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती। देश वीर सावरकर को भारत की एकता और अखंडता के लिए उनके अमूल्य योगदान को नमन करता है लेकिन राहुल गांधी उनका अपमान करते हैं। कांग्रेस की संप्रग सरकार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष से लेकर पाताल तक कांग्रेस ने यूपीए सरकार के 10 वर्षों में 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले किये।
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कांग्रेसी कार्यकत्र्ताओं  से कहा था कि वे लोगों के सामने विकल्प रखें कि वे अच्छे दिन, स्वच्छ भारत और हर बैंक खाते में 15 लाख रुपये की हवा-हवाई दुनिया वाली मोदी की माया में रहना चाहते हैं या कांग्रेस के साथ रहना चाहते हैं, जो सच के साथ है। राहुल ने कहा, मोदी नाम ही सांठगांठ वाले पूंजीवाद का प्रतीक बन गया है।

ऐसे में जब भाजपा व कांग्रेस आदि दल जब भी सत्ता में आते हैं तो वे जनता, देश व धर्म की रक्षा करने के बजाय कुठाराघात करते है। ऐसे में ऐसे दलों के बीच हो रहे संघर्ष को आज के महाभारत में कांग्रेस व भाजपा के बीच के संघर्ष को पांडव व कौरवों के बीच का संघर्ष नहीं कहा जा सकता है। यह तो सत्तांध कौरवों के बीच का महाभारत ही समझा जा सकता है। क्योंकि दोनों का उदेश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, देश, धर्म व न्याय की रक्षा करने का उदेश्य नहीं होता अपितु मात्र किसी भी तरह से सत्ता पर काबिज होने के उदेश्य का ही संघर्ष है। देश के सम्मान व सावरकर जैसे देशभक्तों का खुले आम अपमान हो इससे बडा अपमान देश का क्या हो सकता है।

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