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कोटद्वार से मेरठ तक बने 4 पंक्ति वाला राज मार्ग

कोटद्वार से मेरठ तक बने 4 पंक्ति वाला राज मार्ग
यातायात जाम से मुक्ति के साथ मिलेगी पर्यटन को गति
अनिल पंत
देश को डिजिटल करने का दावे करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, देश के सबसे आबादी वाले उत्तर प्रदेश, जिसके वे सांसद भी है, की बुनियादी जरूरतों की और भी ध्यान दे।उप्र के मुख्यमंत्री योगी द्वारा पिछले जून माह तक तमाम सड़कों के गड्डे भरने का ऐलान किया थ। अब दूसरा जून आने वाला है सडकों के गड्डे तो भरना तो रहा दूर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र गाजियाबाद, नोएडा के भी सड़कों की बत्तियां तक नहीं जलने से उनकेा यह दावा हवाई साबित हुए।
मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सेना प्रमुख के गृह जनपद पौड़ी को देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने वाली ‘ कोटद्वार राजमार्ग, बिजनौर, नजिमाबाद, मीरापुर, कोटद्वार से मेरठ तक  इतने गड्डे हैं की लगता है कि यह क्षेत्र किसी बीहड में लगा हो। पूरे मार्ग पर गड्डों से सडक उखडी हुई है। जिससे यात्रा में बहुत व्यवधान होता है। जिससे गाडियों को नुकसान, यातायात जाम और यात्रियों का बुरा हाल होता है। खासकर मरीजों, बच्चों, व महिलाओं को भारी असुविधा होती है। घण्टों तक जाम लगा रहता है, लेकिन स्थानीय प्रशासन व पुलिस को इसकी सुध नहीं लेती। न कोई वैकल्पिक व्यवस्ािा ही करती है। जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस डायल 100 नम्बर दुनिया की नम्बर एक सेवा होने का दावा करती है। जिससे वाहनों को उबड़-खाबड रास्तों व गांवों की गलियों से होकर यात्रा करनी पडती है। इससे ईंधन का नुकसान, समय की बर्बादी व ध्वनि प्रदुषण में भी काफी इजाफा होता है।
इस ज्वलंत समस्या को हल करने में उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री, केन्द्रीय सड़क मंत्री से मिलकर सड़क को ठीक करवा सकते है। उप्र इन्वेस्ट मीट में लाखों करोड़ रूपये विगत रविवार को जारी हुए। साथ ही कोटद्वार से मेरठ तक चार पंक्ति की रोड़ बनाने का प्रयास करें। क्योंकि दिल्ली से मेरठ 16 पंक्ति का हाईवे मार्ग तक खुल जायेगा।
इसके बनने से कोटद्वार के विकास को नये आयाम मिलेंगे। खासकर लैंसडोन, सिद्धबली मंदिर, ताडकेश्वर मंदिर, कण्र्वा आश्रम, ज्वाल्पा देवी, खिर्सू सहित पौड़ी जनपद के धार्मिक व पर्यटन स्थालों को लाभ मिलेगा।
काब्रेट नेशनल पार्क के दो गेट कोटद्वार से खुलने से पर्यटकों की आवाजाही अधिक होगी ही। पलायन भी कम होगा। लोग सप्ताहंत अपने अपने गांव भी सुविधानुसार जा सकेंगे। संयोग से दोनों प्रदेश के मुख्यमंत्री भी पौडी जनपद में जन्में है। जो इस समस्या के समाधान के लिए सोने में सुहागा होगा।

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