दुनिया

7 दशक से चल रही अमेरिका की आत्मघाती नीति को बदल कर ट्रंप ने किया आतंकबाद की माॅ पाक पर करारा प्रहार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बंद की पाकिस्तान को आर्थिक सहायता

 
अमेरिका से प्रेरणा लेकर भारत को तबाह करने को तुले पाक को शत्रु राष्ट्र घोषित करे भारत

देवसिंह रावत

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विगत 7 दशक से चल रही अमेरिका की आत्मघाती नीति में आमूल परिवर्तन कर विश्व आतंक की मां के रूप में कुख्यात हो चूके पाकिस्तान की आर्थिक सहायता बंद करके आतंकबाद के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा प्रहार करने का साहस किया। इसी के तहत अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद पर रोक लगा दी है। आतंकबाद की कमर तोड़ने वाला यह साहसिक कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपने ट्वीटर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के बाद उठाया गया।

पाकिस्तान को आस्तीन का सांप बताते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ट्वीट में दो टूक शब्दों में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर पाकिस्तान ने सिर्फ अमेरिका को अब तक मूर्ख बनाया है. अमेरिका पिछले 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर से ज्यादा की सहायता दे चुका है, लेकिन उसने हमें झूठ और छल-कपट के अलावा कुछ नहीं दिया। आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान को कोई आर्थिक मदद नहीं मिलेगी, क्योंकि उसने अब तक आतंकवाद के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

उल्लेखनीय है कि भारत के विभाजन के बाद अमेरिका की नीति हमेशा पाक का समर्थन करके भारत के खिलाफ उसको मजबूत करने की रही। उसके बाद कभी अफगानिस्तान में सोवियत संघ को उखाड़ने और कभी इस्लामिक देशों के साथी बनने के नाम पर अमेरिका ने पाकिस्तान को करीब 67 बिलियन अमेरिकी डालर की मदद की। इस कारण न केवल भारत पर पाकिस्तान ने कई बार हमला किया अपितु अमेरिका की शह पर भारत में कश्मीर, पंजाब सहित कटरपंथी आतंकवाद की भट्टी में झोंकने का कार्य भी किया। मुम्बई हमले से लेकर चंद साल पहले तक हुए अधिकांश हमलों में कहीं न कहीं अमेरिकी संरक्षण पाकिस्तान को रहा। इसका जीता जागता सबूत मुम्बई हमलों का सूत्रधार गुनाहगार डेविड हेडली है। जो पाकिस्तान में भारत के खिलाफ आतंकी कार्यवाहियों को अमलीजामा पहनाने का काम करता था। वह अमेरिका द्वारा नियुक्त था। इस हमले में उसके नाम जाहिर होने के बाद अमेरिका ने खुद को बेनकाब होने से बचाने के लिए हेडली को छदम जेल में बंद कर दिया है। जहां भारत से सीधे पूछताछ करने या भारत को सोंप नहीं रहा है। भारतीय हुक्मरान इतने खुदगर्ज व अमेरिका के आगे बोने है कि उनको अमेरिका से दो टूक शब्दों में उठाने का साहस तक नहीं है। इनमें डेविड हेडली को भारत को सोंपने की मांग करने का भी साहस तक नहीं है।
अफगानिस्तान को रूसी शिकंजे से निकालने के बाद, जब अमेरिका ने भारत में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार लगा कि अब पाकिस्तान से अधिक जरूरत अमेरिका को भारत की है। क्योंकि अमेरिका को अब दो तरफा चुनौती मिल रही है। एक इस्लामिक आतंक व दूसरा चीन से। पाक व चीन से भारत की दुश्मनी जगजाहिर है। इसी समीकरणों को बदलते हुए अमेरिका ने लगा कि जब भारत की सरकारें भी अमेरिका के साथ पाक व चीन की सांझी चुनौती से निपटने में साथ काम करने को तैयार है तो अमेरिका ने भारत को अपना साथी बनाने का निर्णय लेकर पाकिस्तान के साथ चीन पर भी अंकुश लगाने का निर्णय लिया। इस समीकरण को अमलीजामा पहनाने का ऐतिहासिक साहस, अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया।
अमेरिका के इस निर्णय के बाद पूरे विश्व में आतंकवाद फेलाकर शांति भंग करने वाले आतंकी की मां यानी फेक्टरी बन चूका पाकिस्तान पर सही अर्थो में अंकुश लगेगा। इस्लामी आतंक पर अंकुश लगने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।

पाकिस्तान न केवल भारत पर आतंकी हमला करा रहा है। अपितु पाकिस्तान पूरे विश्व में इस्लामिक आतंकबाद को न केवल प्रशिक्षण दे रहा है अपितु उनको संरक्षण भी दे रहा है। पाकिस्तान दुनिया में आतंक का पर्याय बन चूके इस्लामिक स्टेट के आतंकियों से भी अधिक खौपनाक है। वहीं अलकायदा व तालिबान का संरक्षक है। यही नहीं कहीं न कहीं उसका संरक्षण बाको हरम आतंकियों को भी है। चीन  व रूस में भी चल रहे इस्लामिक आतंकियों के साथ उसके सम्बंध जग जाहिर है। पाकिस्तान, सउदी सहित आतंक के प्रसार में लगे इस्लामिक दुनिया का खुद का सरताज साबित करता है। इसी दिशा में उसने उत्तरी कोरिया को परमाणु तकनीकी उपलब्ध करा कर उसे परमाणु ताकत बनाने में भी पाकिस्तान का हाथ है। पूरी दुनिया के आतंकबाद का केन्द्र यानी फेक्टरी ही पाकिस्तान बना हुआ है। पाकिस्तान पर अंकुश लगाये बिना व पाकिस्तान  से आतंकी का सफाया किये बिना विश्व में आतंकबाद का सफाया नहीं किया जा सकता है।
भारत को बर्बाद करने वाले पाकिस्तान को भारत का मित्र बताने वाले भारत के हुक्मरानों को अमेरिका के इस कदम से प्रेरणा लेकर पाकिस्तान को आतंकीस्तान घोषित कर उससे सभी प्रकार के संबंध तोड़ देने चाहिए। परन्तु देश का दुर्भाग्य है कि भारत में चाहे सरकारें बदली परन्तु आतंकी पाकिस्तान को मित्र राष्ट्र का दर्जा देने वाली आत्मघाती विदेश नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुई। भारत की रक्षा के लिए भारत के हुक्मरानों को भी ट्रंप की तर्ज पर ही पाकिस्तान को शत्रु राष्ट्र घोषित कर उसकी कमर तोड़ देनी चाहिए।

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