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देश के सबसे बड़े घोटाले 2जी घोटाले के सभी आरोपी बरी, फेसला सुन कर देश स्तब्ध

चिदंम्बरम ने कहा यह उनकी व उनकी पूर्व सरकार की नैतिक विजय है

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नई दिल्ली (प्याउ)। 21 दिसम्बर को देश को झकझोरने वाला व कांग्रेस की सप्रंग सरकार को शर्मसार करने वाला 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सभी 17 आरोपी बरी हो गये। इस फैसले को सुन कर देश स्तब्ध है। जनता हैरान है कि अगर यह घोटाला नहीं तो कैसे सीबीआई ने यह मामला दर्ज कर देश के विश्वास को तारतार किया। अगर सच में घोटाला हुआ तो सीबीआई इतने समय में सरकार बदलने के बाबजूद आरोपियों के खिलाफ सबूत क्यों नहीं जुटा पायी।
दिल्ली के पटियाला हाउस स्थित सीबीआई की विशेष न्यायालय में सीबीआई आरोप सिद्ध करने में असफल रही। इसे देखते हुए न्यायालय ने देश के इतिहास में बताये जा रहे सबसे बड़े घोटालों के सभी आरोपी को बरी कर दिया। इसमें पूर्व मंत्री ए राजा, व करूणानिधी की बेटी एम कनिमोझी सहित सभी आरोपी बरी कर दिया।
गौरतलब है कि 1.76 लाख करोड़ रूपये के टू-जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सुनवाई छह साल पहले 2011 में शुरू हुई थी जब अदालत ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे। मुख्य आरोपी तत्कालीन संचार मंत्री ए राजा पर आरोप थे कि उन्होंने नियम-कायदों को नजरअंदाज करते हुए 2 जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की इजाजत दी। सीबीआई के अनुसार, इन्होंने 2008 में साल 2001 में तय की गई दरों पर स्पेक्ट्रम बेच दिया। तत्कालीन संचार मंत्री पर आरोप था कि उन्होने अपनी पसंदीदा कंपनियों को पैसे लेकर गलत ढंग से स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिया। इस आरोपों में उनको छह महीने से उम्रकैद तक की सजा हो सकती थी।
सीबीआई ने देश को झकझोरने वाले घोटाले के लिए तत्कालीन मनमोहन सरकार में केन्द्रीय मंत्री ए  राजा और करूणानिधी की सांसद बेटी कनिमोझी, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनीटेक लिमिटेड एमडी संजय चंद्रा और रियालंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर आरोपी हैं।
इस मामले में विशेष अदालत का फेसला आने पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सरकार के वित्तमंत्री चिदंम्बरम ने कहा कि यह हमारी नैतिक विजय है। हम शुरू से कह रहे थे कि यह घोटाला हुआ ही नहीं यह उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसा आरोप लगाये गये। 2 जी घोटाले के आरोपियों को बरी किये जाने के बाद यह मामला संसद में उठना तय है। इस घोटाले पर पूर्व मनमोहनी सरकार ने काफी जलालत झेली थी। यही नहीं तत्कालीन संचार मंत्री ए राजा व तमिलनाडू के पूर्व मुख्यमंत्री करूणानिधी की बेटी कनिमोझी सहित कई लोगों को जेल जाना पड़ा था। यही नहीं तत्कालीन सप्रंग सरकार सहित कांग्रेस की देश व्यापी किरकिरी हुई थी। वहीं देश की छवि पूरे विश्व में दागदार हुई थी।

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