दुनिया

अमेरिका को नहीं, अपितु खुद भारत को लड़नी पडे़गी पाक व चीन के आतंक से जंग

अमेरिका ने आतंकवाद की माॅ पाकिस्तान को नहीं अपितु उतर कोरिया को किया आतंकी देश

 पाक को आतंकी देश के बजाय सबसे मित्र राष्ट्र का दर्जा क्यों दे रखा है भारतीय हुक्मरानों ने

देवसिंह रावत

भारतीय हैरान है कि अमेरिका ने विश्व को इस्लामी आतंक से तबाह कर रहे आतंकबाद की माॅ समझे जाने वाले पाकिस्तान को नहीं अपितु केवल अमेरिका को आंखे दिखा रहे उत्तर कोरिया को आतंकी देश घोषित कर दिया। वहीं कभी अमेरिका का प्यादा रहे पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा करोड़ों रूपये ईनामी आतंकी हाफिज सईद को दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए की गयी नजरबंदी से भी मुक्त कर दिया है। यह सब भारत को ठेंगा दिखाने का काम हुआ। अमेरिका अगर ईमानदारी से हाफिज या दाऊद इब्राहिम को आतंकी मानता तो वह कबका इन दोनों को ड्रोन हमले करके अन्य आतंकियों की तरह मौत के घाट उतार चूका होता। इसके बाबजूद भारतीय हुक्मरानों को आशा है कि अमेरिका देर सबेर पाकिस्तान को भी आतंकी देश घोषित कर देगा। वह सईद व दाऊद दोनों का खात्मा लादेन की तरह करेगा। पर भारतीय हुक्मरान भूल गये कि विश्व में विदेश नीति का यह वसूल है कि हर देश अपने हितों की रक्षा करता है। कोई भी दूसरे देश के खातिर अपने हितों का गला नहीं घोंटता है। इसलिए अपने हितों, सम्मान व सुरक्षा की रक्षा खुद को करनी पड़ती है। कोई दूसरा देश हमारे हितों की रक्षा नहीं करेगा। यह सामान्य सी बात आज भी भारत के हुक्मरानों के समझ में क्यों नहीं आयी यही यक्ष प्रश्न है?
देश के इन दिशाहीन हुक्मरानों को इस बात का भी भान नहीं है कि जिस पाकिस्तान को भारतीय हुक्मरान चाहते हैं कि अमेरिका , आतंकी देश घोषित करें, उस पाकिस्तान को खुद भारत आतंकी देश क्यों घोषित नहीं कर रहा है। जब पाकिस्तान ने भारतीय संसद से लेकर मुम्बई, सेना व वायुसेना अड़डों पर अनैक हमले कर दिये। इसके बाबजूद भारतीय हुक्मरानों में इतनी हिम्मत व स्वाभिमान नहीं है कि वे पाकिस्तान को खुद आतंकी देश घोषित कर पूरे विश्व से उसे आतंकी देश घोषित कर उस पर तमाम प्रतिबंद्ध लगाने का ठोस अभियान छेडे। जब खुद भारत ही पाकिस्तान व चीन को आतंकी देश घोषित नहीं कर रहा है। उल्टा पाकिस्तान को सबसे अनुकुल देश का दर्जा दे रहा है। ऐसे में अमेरिका सहित विश्व को कौन सा ऐसा देश होगा जो भारत पर हो रहे आतंक के लिए अपने हितों को दाव पर लगा कर पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करेगा।
इस सप्ताह अमेरिका के भरोसे बेठे भारतीयों की कुम्भकर्णी नींद तब भंग हुई जब अमेरिका ने उत्तर कोरिया को उग्रवादियों का समर्थन करने वाले देशों की सूची में दोबारा शामिल किया। राष्ट्रपति ट्रंप ने कैबिनेट बैठक के बाद ऐलान किया कि इस कदम के बाद उत्तर कोरिया पर ‘बड़े पैमाने’ पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ये काम बहुत पहले कर दिया जाना चाहिए था।ष् ट्रंप ने उत्तर कोरिया को इस सूची में शामिल करने के लिए उसके परमाणु कार्यक्रम और अतंरराष्ट्रीय स्तर पर उग्रवाद की कार्रवाई के समर्थन को जिम्मेदार बताया।
अमेरिका की पहल पर ही  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहले ही बहुत से प्रतिबंध उत्तर कोरिया पर लगा रखा है। इसके बाहजूद उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को जारी रखा हुआ है।
परन्तु भारत पाकिस्तान को विश्व स्तर पर आतंकी देश घोषित करने के बजाय खुद ही पाकिस्तान को सबसे अनुकुल मित्र राष्ट्र का दर्जा दे रखा है। भारतीय हुक्मरानों को ऐसा विश्वास था कि अमेरिका, भारत के लिए पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करेगा। परन्तु भारतीय हुक्मरान भूल गये कि अमेरिका अपने हितों की रक्षा करेगा या भारत की। भारत के हितों की रक्षा जब भारत खुद ही नहीं करेगा तो दूसरा देश क्यों अपने हितों को दाव पर लगा कर किसी दूसरे देश को आतंकी देश घोषित करेगा।
उत्तर कोरिया को अमेरिका ने आतंकी देश घोषित कर दिया। क्या पाकिस्तान के हुक्मरानों ने खौफनाक मुंबई हमले की नौंवी बरसी से ठीक पहले इसके प्रमुख साजिशकर्ता आतंकी हाफिज सईद को रिहा कर भारत को उसकी औकात बताने की धृष्ठता की। वह भी चीन के दम पर पाकिस्तानी आतंकी सरगना हाफिज सईद ने जिस तरह से रिहा होने के कुछ ही घंटे बाद कश्मीर की आजादी का राग अलापा और भारत के खिलाफ आग उगली है उससे भारतीय हितों पर निकट भविष्य में संकट के बडे बादल मंडराने लगे। क्योंकि सन् 2010 से हाफिज सईद पूरी तरह से अपनी सारी गतिविधियों को कश्मीर केंद्रित रखे हुए है। भारतीय सैन्य एजेंसियों ने पिछले छह महीने में कश्मीर में आतंकी ढांचे की कमर तोड़ दी है। हाफिज का संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक पूरे गिरोह का सफाया पिछले हफ्ते ही किया गया है। इसे सिर्फ लश्कर की मदद करने वाले पाक सेना के लिए भी बड़ा धक्का माना जा रहा है।

भारतीय हुक्मरानों को ऐसी धारणा है कि वह सबूतों के आधार पर पाक को आतंकी देश घोषित कर पायेगा। जबकि पाकिस्तान व उसके आतंकियों को शर्मनाक संरक्षण खुद भारत का दुश्मन चीन दे रहा है। चीन खुद पाकिस्तान को मदद कर उसे भारत में आतंकी कार्यवाहियों को करने को उकसा रहा है। यही नहीं विश्व स्तर पर पाकिस्तानी आतंकियों पर प्रतिबंद्ध ही नहीं लगने दे रहा है। वही खुद चीन भारत से सीमा पर सीधे समय समय पर घुसपेट कर भारत को युद्ध के लिए ललकार रहा है। यही नहीं पाक द्वारा कब्जा किये गये भारतीय भू भाग कश्मीर को भी चीन ने अपना अड्डा बना दिया है। चीन भारत को निरंतर रह रह कर युद्ध के लिए ललकार रहा है। भारतीय हितों पर कुठाराघात कर रहा है। पाकिस्तान को संरक्षण देकर उसे सबल बना कर भारत पर हमला करने के लिए उकसा रहा है। ऐसी स्थिति में भारतीय हुक्मरानों का पाकिस्तान व चीन को शत्रु राष्ट्र व आतंकी राष्ट्र घोषित न करना भारतीय हितों पर एक प्रकार से कुठारा घात ही माना जायेगा।
इस बीच 23 नवम्बर को भारत ने सामरिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उपलब्धी हासिल की। ब्रह्मोस प्रक्षेपात्र की मारक क्षमता बढ़ा कर। ब्रह्मोस जैसी उच्च अत्याधुनिक प्रक्षेपास्त्र अभी पाक व चीन के पास नहीं बताया जा रहा है। भले ही भारतीय सेनाओं का मनोबल विश्व में सबसे ऊंचा हो। ब्रह्मोस की ताकत से भारत की शक्ति भी भले बढ़ गयी होगी। परन्तु राजनैतिक इच्छा शक्ति के कारण भारत पाक जैसे पिद्दी के आतंक से बार बार मात खा कर विश्व में अपनी जग हंसाई करा रहे है। देश के नेतृत्व को एक बात साफ समझ लेना चाहिए कि भारत की रक्षा कभी अमेरिका नहीं करेगा अपितु इसकी रक्षा खुद भारत को ही करनी पडेगी। अमेरिका के भरोसे हाथ में हाथ रख कर पाकिस्तान व चीन के आतंक से कभी भारत आतंकवाद पर अंकुश नहीं लगा सकता। इसके लिए भारत को खुद पाकिस्तान व चीन को आतंकी देश घोषित करना होगा। तभी शेष विश्व  हमारा साथ देगा। शेष श्रीकृष्ण। हरि ओम

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