देश

श्री रामजन्मभूमि पर भव्य श्री राममंदिर बनने का सपना साकार होने वाला हैः मोहन भागवत

 

किसी के बदनाम करने से नहीं रूकना चाहिए गौरक्षा
छूआछूत को कालकूट विष है, बहुसंख्यक व अल्पसंख्यक का भेद खत्म करने के लिए संविधान में हो संशोधन
कर्नाटक के उडुपी में धर्म संसद में लिया संकल्प ‘मंदिर, पानी और श्मशान सबके लिए हो समान के संकल्प
उडुपी (कर्नाटक) से सुरेन्द्र जैन
कर्नाटक के उडुपी में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आहुत धर्म संसद में संघ प्रमुख ने दो टूक शब्दों में ऐलान किया कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर बनने का सपना साकार होने वाला है। इस धर्म संसद में संघ प्रमुख, विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख के साथ बड़ी संख्या में हिन्दू धर्म के  विभिन्न मतावलम्बियों ने भाग लिया। इस धर्म संसद में जहां गौ रक्षा के संकल्प को पूरा करने के साथ धूआछूत को मिटाने का संकल्प भी लिया गया। वहीं इस धर्म संसद में अल्पसंख्यक व बहुसंख्यक के भेद को मिटाने के साथ मंदिर, पानी व श्मशान सबके लिए हो समान का भी संकल्प लिया गया।
24 नवम्बर को धर्मसंसद के प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए पेजावर पीठाधीश्वर पूज्य विश्वेशतीर्थ जी महाराज ने    स्पष्ट   घोषणा   करते   हुए   कहा   कि   सब   प्रकार   की बाधाओं को दूर करके एक साल के अंदर ही श्रीराम मंदिर का   निर्माण   प्रारंभ   हो   जायेगा।   उडुपी   में   किसी भी धर्मसंसद में किया गया संकल्प हमेशा पूरा हुआ है। 1969 में अस्पृृश्यता दूर  करने का  संकल्प लिया था 1985 की धर्मसंसद में श्रीराम जन्मभूमि का ताला खोलने का संकल्प लिया था। जिस तरह वे दोनों संकल्प साकार हो चुके हैं उसी प्रकार यह तीसरा संकल्प भी पूरा होगा। धर्मसंसद  में उपस्थित संतों ने करतल ध्वनि और जयश्रीराम के घोष के साथ इस घोषणा का स्वागत किया। पूज्य महाराज जी ने अस्पृृश्यता को कालकूट विष का नाम देते हुए कहा कि इसका निवारण अवश्य होना चाहिए। देश में बहुसंख्यक अल्पसंख्यक का भेद खत्म करने के लिए उन्होंने आह््वान किया कि यदि आवश्यक हो तो संविधान संशोधन भी करना चाहिए लेकिन यह भेद समाप्त होना चाहिए।
राष्ट्रीय   स्वयंसेवक   संघ   के   सरसंघचालक     मोहनराव भागवत ने सारपूर्ण भाषण में कहा कि हिंदू समाज विजय की ओर बढ़ रहा है जो सुनिश्चत है। विश्व में हिंदू का सम्मान   बढ़   रहा   है,   समरसतापूर्ण   व्यवहार   इस   दिशा   में महत्वपूर्ण   होगा।   उन्होंने   घोषणा   की   कि मंदिर, पानी और श्मशान सबके लिए हो समान’’, यही मंत्र   भारत   के   विकास   का   है।   गौरक्षा   के   संदर्भ   में संघ प्रमुख ने कहा कि यह हिंदू समाज का संकल्प है जो किसी के बदनाम करने से रूकना नहीं चाहिए। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के संदर्भ में उन्होंने घोषणा की कि वहां मंदिर ही बनेगा, उसी प्रारूप में बनेगा, उन्हीं पत्थरों से बनेगा और उन्हीं के नेतृृत्व में बनेगा जो   आंदोलन   को   यहां   तक   लेकर   आए   हैं।   बहुत   जल्द हिन्दू समाज का यह सपना भी पूरा होनेवाला है।
इस   सत्र में जैन  संत वीरेन्द्र  हेगड़े  जी  ने   स्वागत भाषण करते हुए कहा कि हिन्दू समाज अनादिकाल से चला आ
रहा है। सब प्रकार के षड़यंत्रों और अत्याचारों के बावजूद भी हिन्दू को कभी समाप्त नहीं किया जा सका,
हिन्दू हमेशा विजेता रहा है।
विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष डाॅ0 प्रवीणभाई तोगड़िया ने पूज्य संतों के चरणों में विश्व हिन्दू परिषद का निवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि मठ-मंदिरों का अधिग्रहण   और  ध्वंस  किसी  भी   हालत   में   स्वीकार   नहीं किया जा सकता। समाज को अस्पृृश्यता से मुक्त करना ही होगा।
गौरक्षा या राम मंदिर का संकल्प हिन्दू समाज को शीघ्र ही पूरा करना है। इस सत्र में विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री  चम्पत   राय,   पूज्य   गोविन्द   देव   गिरि   जी   महाराज,   सुकैर स्वामी   (मैसूर),   डाॅ0   परमानंद   जी,   आदिचुनचुनगिरि मठ के स्वामी निर्मलानंद जी व परमार्थ निकेतन के पूज्य चिदानंद जी ने हिन्दू समाज का आह््वान करते हुए कहा कि   हिन्दू   विजय   की   निर्णायक   घड़ी   आने   वाली   है और धैर्य से काम लेकर ही विजय प्राप्त की जा सकती है।
परम   पूज्य   शिवस्वामी   की   अध्यक्षता   में   दूसरे   सत्र   में बोलते हुए स्वामी चिन्मयानंद जी ने आगामी जन-जागरण
के   कार्यक्रम   की   घोषणा   करते   हुए   हिन्दू   समाज   का आह््वान किया कि वर्ष प्रतिपदा से हनुमान जयन्ती (18
मार्च से 31 मार्च, 2018) तक प्रत्येक हिन्दू अपने-अपने इष्टदेवता   की   प्रतिदिन   108   बार   आराधना   करे।   हनुमान
जयन्ती  31   मार्च, 2018  के   दिन   अपने   निकटतम  मंदिर में सामूहिक आरती करें और मंदिर निर्माण की बाधा दूर
करने के लिए भगवान्् से प्रार्थना करें। देश की दिशा बदलने में   इन जागरण  अभियानों   का   बहुत  महत्वपूर्ण
योगदान रहा है। हर अभियान से राष्ट्र की शक्ति जागी है देश में चल रही भगवा लहर उसी का परिणाम है। स्वामी जी ने   संकल्प   लिया   कि   अगली   धर्मसंसद   भव्य   राम   मंदिर   में रामलला की अध्यक्षता में ही होगी। धर्मसंसद में उपस्थित सभी   संतों   ने   जयश्रीराम   का   उद््घोष   लगाकर   इस आह््वान को स्वीकार किया।
इस   सत्र   में   वशिष्ठ   पीठाधीश्वर   डाॅ0   रामविलासदास वेदान्ती,   तमिलनाडु   से   मृृदगाचल   अरूणाचल   जी   महाराज, स्वामी महेश्वरानंद जी, आन्ध्र से परिपूर्णानंद जी आदि संतों ने भी विश्वास व्यक्त किया कि इस जागरण अभियान से
जागृृत शक्ति भव्य राम मंदिर निर्माण को शीघ्र साकार करेगी।
पूज्य   विश्वेशतीर्थ   जी,   पूज्य   वीरेन्द्र   हेगड़े, स्वामी   चिदानंद   जी,   स्वामी   चिन्मयानंद   जी,   सरसंघचालक
डाॅ0 मोहन भागवत जी, डाॅ0 प्रवीण तोगड़िया सहित अन्य पूज्य संतों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर धर्मसंसद का प्रारंभ
किया गया। इस धर्मसंसद में तीन हजार से अधिक संतों ने भाग लिया। गुरुकुल की छात्राओं ने वेदमंत्रों का
गायन करके महिला सशक्तीकरण को एक नई दिशा दी।

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