देश

जदयू मुख्यालय 7 जंतर मंतर की जंग कौन जीतेगा, नीतीश या शरद यादव?

नीतीश कुमार को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर वसावा को बनाया शरद खेमे ने जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।

 
राजनीति में गठबंधन बदलने के महारथी नीतीश कुमार बिहार की सत्ता व भाजपा की शह से पडे अपने नेता शरद यादव पर भारी

 

नई दिल्ली (प्याउ)। भले ही नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता की हनक व केन्द्र में मोदी सरकार की छत्रछाया के दम पर कभी अपने नेता रहे व जदयू के संस्थापक शरद यादव को दूध में से मक्खी तरह निकाल कर खुद को असली जदयू होने की हुंकार भर रहे हो। परन्तु राजनीति के मंझे खिलाड़ी शरद यादव ने नीतीश की गिरगिट को मात देने वाली राजनीति को माकूल जवाब देने के लिए अपने अनुभवी दाव चला कर नीतीश खेमें में हडकंप मचा दिया है।

जहां एक तरफ दिल्ली में शरद खेमें की कार्यकारणी की बैठक में नीतीश को जदयू के अध्यक्ष पद से हटाने का निर्णय लिया जा रहा था। वहीं 17 सितम्बर को मध्य प्रदेश के भोपाल में जदयू के कार्यालय पर कब्जे के लिए पार्टी की यह लड़ाई सड़कों पर दिखाई देने लगी है।  मध्य प्रदेश स्थित भोपाल के जदयू कार्यालय पर नीतीश गुट ने कब्जा कर ताला जड़ दिया है। यह मामला पुलिस तक पहुंच चुका है। अब सबकी निगाहें जदयू के राष्ट्रीय मुख्यालय 7 जंतर मंतर पर लगी है।

यह 7 जंतर मंतर कभी कांग्रेस का मुख्यालय होता था। कांग्रेस की  सिंडीकेट वाले विभाजन के बाद कांग्रेस ने यहां से अपना कार्यालय दूसरी जगह ले गयी। पर जनता दल के समय से यहां पर शरद यादव की सरपरस्ती में 7 जंतर मंतर यह कार्यालय रहा। अब समय बदलने के बाद जैसे ही नीतीश ने जार्ज फर्नाडिस को हाशिये में धकेलने के बाद अब शरद यादव को भी दल से बाहर कर दिया। भले ही बिहार में सत्ता के दम पर नीतीश शरद पर 21 साबित होंगे परन्तु दिल्ली व अन्य प्रांतों में शरद का ही जलवा है। पर दिल्ली में केन्द्र में नीतीश को बिहार में लालू की राजद से गठबंधन तोड़ने में संरक्षण देने वाली भाजपा  का शासन होने के कारण पुलिस संरक्षण भले नीतीश का पक्ष मजबूत दिख रहा है। नीतीश कुमार के झण्डेबरदार दिल्ली में कभी जार्ज फर्नाडिस के दाये हाथ समझे जाने वाले पेप्सी कोला भारत छोड़ो के अभियान चलाने वाले अनिल हेगडे है। अनिल हेगडे पर भी शरद खेमें ने अपनी गाज गिरायी। देखना यह है कि 7 जंतर मंतर पार्टी कार्यालय पर नीतीश का कब्जा कर पाते हैं या नीतीश का। 7 जंतर मंतर पार्टी का मुख्यालय दोनों खेमों के लिए प्रतिष्ठा की जंग है। 7 जंतर मंतर पर काबिज होना दोनों खेमें के लिए पार्टी के असली नकली व चुनाव चिन्ह की जंग से भी अधिक महत्व की  है।

सके तहत शरद यादव के समर्थक खेमे ने 17 सितम्बर को दिल्ली के कांस्टीटयूशन क्लब सभागार में जदयू की कार्यकारणी की बैठक आयोजित कर नीतीश कुमार को जदयू के अध्यक्ष पद से हटा कर गुजरात से जदयू के विधायक छोटू भाई वसावा को जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। उल्लेखनीय है कि  गत माह गुजरात में राज्य सभा की तीन सीटों के लिए हुये चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को वसावा के वोट से ही जीत हुई। इस जीत से मोदी व अमित शाह इतने नाखुश हुए कि बाद में प्रधानमंत्री द्वारा केन्द्रीय मंत्रीमण्डल के विस्तार में जदयू को पूछा तक नहीं गया।
जदयू में शरद व नीतीश के बीच छिडी बर्चस्व की जंग के तहत दिल्ली में जदयू पार्टी की कार्यकारणी के बैठक के बारे में  शरद खेमें के प्रवक्ता जदयू नेता अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जदयू के उपाध्यक्ष के राजशेखरन की अध्यक्षता में हुई शरद खेमें की कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खेमे द्वारा महागठबंधन तोड़ कर भाजपा के साथ गठजोड़ करने सहित अन्य फैसलों को भी रद्द कर दिया गया। कार्यकारणी की बैठक में पार्टी नेता जावेद रजा द्वारा पेश संगठन संबंधी प्रस्ताव में नीतीश कुमार द्वारा पार्टी के चुनाव अधिकारी बनाये गये अनिल हेगडे की नियुक्ति को रद्द करने के सुझाव को मंजूरी दी गयी। इसके साथ ही हेगडे द्वारा की गयी पदाधिकारियों की नियुक्ति स्वतः रद्द हो गयी।
श्रीवास्तव के अनुसार शरद खेमें की कार्यकारणी की इस बैठक में पार्टी की दिल्ली, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित 19 राज्य इकाइयों के अध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के हिस्सा लेकर नीतीश कुमार के असली जदयू होने के दावे की हवा निकाल दी। वहीं कार्यकारणी ने शरद यादव को समाजवादी विचारधारावाले दलों को साझी विरासत अभियान के माध्यम से एक मंच पर लाकर भविष्य में महागठबंधन को प्रभावी स्वरुप में गठित करने की जिम्मेदारी सौंपी है.। बैठक में शीर्ष नेता शरद यादव के अलावा, पूर्व मंत्री रमई राम, राज्य सभा सदस्य अली अनवर, पूर्व सांसद अर्जुन राय, पूर्व विधान पार्षद विजय वर्मा, पूर्व विधायक परवीन अमानुल्ला, सरोज बच्चन और उदय मांझी सहित अनैक वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। वहीं कार्यकारिणी के फैसलों पर मंजूरी के लिए आगामी आठ अक्तूबर को दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलायी गयी है।
शरद खेमा 18 सितम्बर को पार्टी के चुनाव चिह्न के व पार्टी पर अपने दावे को लेकर पुन्नः पूरे दस्तावेजों के साथ चुनाव आयोग के द्वार खटखटायेंगे।

About the author

pyarauttarakhand5