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जेल में रह कर भी बने रह सकते है डेरा प्रमुख या जसमीत, हनी या विपासना में से किसे सौंपेगे डेरे की कमान?

डेरा प्रमुख को रिहा करने की मांग के लिए डेरा अनुयायी छेड़ सकते है जेल भरो आंदोलन

देवसिंह रावत

दुराचार के दो मामलों में 20 साल की सजा भोग रहे डेरा प्रमुख राम रहीम के जेल में बंद होने बाद सबसे बडा सवाल यह सामने है कि 5 करोड़ अनुयायियों व सैकडों डेरों के साथ अरबों की सम्पति वाले डेरा सच्चा सौदे की कमान कौन संभालेगा यानी नया गुरू कोन बनेगा। विवादों में घिरे डेरा के नये प्रमुख के तौर पर 5 नाम सामने है। पहली अटकल यह लगायी जा रही है कि डेरा में गुरू व प्रमुख राम रहीम ही बने रहेगे। डेरा प्रमुख बने रहने से सरकारों पर यह दवाब डाला जा सकता है कि उनके गुरू को जेल से मुक्त करो। इसके लिए राम रहीम कार्यकारी प्रमुख बना सकते है।
ऐसी भी खबरें सुनने में आ रही है कि डेरा समर्थक डेरा प्रमुख की रिहाई की मांग को लेकर जबरदस्त ढंग से यानी लाखों की संख्या में जेल भरो आंदोलन छेड़ सकते है। परन्तु इसको जमीन पर उतारना डेरा के लिए आज के दिन संभव नहीं लग रहा है। खासकर डेरा प्रमुख के जेल में जाने व उनके कारनामों के खुलने के बाद  करोड़ों समर्थक होने का दावा कर रहा डेरा शायद ही हजारों की भीड़ जुटा पाये। वह भी लम्बे समय तक टूटे समर्थकों का मनोबल बनाये रखने के लिए इस समय डेरे के पास मजबूत नेतृत्व का भी अभाव है। लोगों का आशा थी कि डेरा प्रमुख जंतर मंतर पर धरना देने आयेंगे। परन्तु जंतर मंतर पर पहले से अपने गुरूओं की रिहाई की मांग को लेकर धरना दे रहे आशाराम व रामपाल के समर्थकों को महिनों के धरने के बाद भी सरकार के कान में जूं न रेंगने से सीख लेकर शायद ही जंतर मंतर आयेंगे। वेसे रामपाल व आशाराम के समर्थकों व रामरहीम के समर्थकों में बडा अंतर यह है कि राम रहीम के समर्थक सिरसा सहित कई शहरों में एकजूट ही नहीं हजारों की संख्या में है। इसलिए राम रहीम के समर्थक जेल भरों या अपने अपने क्षेत्रों में दवाब बना कर सरकारों को झूकाने का काम करेंगे।  परन्तु डेरा की दिशा व दशा क्या होगी यह तय होगा डेरा की कमान किसके हाथों में रहती है। सबसे बडा सवाल आज राम रहीम के समर्थकों के बीच ही नहीं आम जनता के मनों में भी यही सवाल रह रह कर उठ रहा है कि कौन बनेगा डेरा का नया प्रमुख? किसके हाथों में होगी डेरा प्रमुख राम रहीम के जेल जाने के बाद डेरे की कमान?

इस संभावना के बाद पहला नाम गुरू के लिए तेजी से उभर कर आ रहा है राम रहीम के बेटे जसमीत इंसा का। बताया जाता है कि  जसमीत सिंह इंसा संभालेंगे। ऐसी भी चर्चा है कि गुरमीत ने 2007 में जसमीत इंसा को अपना उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा की थी जब सीबीआई ने गुरमीत के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। लेकिन पहले डेरा का एक नियम. नियम के मुताबिक डेरा का अगला प्रमुख मौजूदा प्रमुख के परिवार या खानदान से नहीं हो सकता है।  वेसे डेरा प्रमुख गुरमीत की दो बेटियां चरणप्रीत इंसा और अमनप्रीत इंसा भी हैं। जो दोनोे भी विवाहिता है। हनीप्रीत के प्रमुख दावेदार व राम रहीम के सबसे करीबी राजदार होने के कारण 25 अगस्त को डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के लिए आरोपी बनाये जाने की भनक पाते ही गिरफ्तारी के भय से हनीप्रीत पुलिस के शिकंजे में आने से पहले फरार हो गयी है।
वेसे डेरे की कमान राम रहीम की मां की इच्छा से राम रहीम के बेटे को मिलनी तय हो गयी है। हालांकि अभी इसका ऐलान नहीं किया गया है। 

डेरा प्रमुख की दूसरी दावेदार है बाबा की एक तीसरी बेटी भी है, हनीप्रीत इंसा, इनको गुरमीत ने गोद लिया था। हनीप्रीत गुरु ब्रह्मचारी हैं। वो 7 पिछले सात सालों से डेरा प्रमुख के साथ हैं और उनकी खास मानी जाती हैं। हनीप्रीत गुरमीत राम रहीम की सभी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। अगर डेरा प्रमुख अपनी सहमति देते हैं तो हनीप्रीत भी सत्ता संभाल सकती हैं। यहां यह भी बता दें कि हनीप्रीत इंसा गुरमीत राम रहीम की गोद ली हुई बेटी हैं. इस वजह से इनकी नियुक्ति में डेरा प्रमुख के चयन का ऊपर लिखा परिवार वाला नियम भी आड़े नहीं आता है।हनीप्रीत का पलड़ा इसलिए भी भारी माना जा रहा है हनीप्रीत इंसा ही पंचकूला से रोहतक जेल तक राम रहीम के साथ थी। परन्तु ऐसी खबरें भी आयी है कि हनीप्रीत के विरोध में राम रहीम का परिवार है।हनीप्रीत के प्रमुख दावेदार व राम रहीम के सबसे करीबी राजदार होने के कारण 25 अगस्त को डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के लिए आरोपी बनाये जाने की भनक पाते ही गिरफ्तारी के भय से हनीप्रीत पुलिस के शिकंजे में आने से पहले फरार हो गयी है। 
तीसरी प्रबल दावेदार है 35 साल की गुरु ब्रह्मचारी विपासना।  विपासना डेरा में दूसरे स्थान पर मानी जाती हैं। जिनके पास अपनी ओर से चीजों पर फैसला करने का एकमात्र अधिकार है।
विपासना ने स्नातक तक की पढ़ाई डेरा द्वारा चलाए जाने वाले गल्र्स कॉलेज से ही पूरी की है। विपासना के अंडर 250 लोगों की टीम काम करती है जिसमें से करीब 150 महिलाएं हैं. विपसना डेरा द्वारा संचालित सामाजिक सेवा परियोजनाओं का संचालन करती हैं. जिनमें सेनाओं के लिए रक्तदान शिविर और असहाय और गरीब भक्तों के लिए समर्पित योजनाएं भी शामिल हैं। देखना यह है कि रामरहीम किसको अपना आशीर्वाद देता है। राम रहीम के जेल में रहने से डेरा के विशाल सम्राज्य को एकजूट रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। डेरे के तमाम विद्यालयों में पढ़ रहे हजारों बच्चों के भविश्य का सवाल भी है। सरकार को उनके भविष्य से खिलवाड़ न हो इसकी भी जिम्मेदारी वहन करनी चाहिए।
28 अगस्त को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के लिए रोहतक जेल में अस्थाई रूप से बने सीबीआई की विशेष अदालत ने 20 साल की सजा सुनायी। डेरा प्रमुख गुरूमीत को दुराचार के दो मामलों में दोषी ठहराते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने दस-दस साल की सश्रम सजा व 15-15 लाख रूपये का जुर्माना लगाया। दोनों पीड़िताओं को 14-14 लाख रूपये देने का निर्णय दिया।
बलात्कार के  दो मामलों में उनको 10-10 साल की जेल की सजा मिली हैं। सजा सुनाते हुए न्यायमूर्ति ने कहा आप माफी के हकदार नहीं हो, आपने ऐसा जघन्य कृत्य किया उसके लिए यह दस -दस साल की सजा भी कम है। इसके साथ ही 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, इनमें दोनों पीड़िताओं को 14-14 लाख रूपये देने का भी फैसला दिया। उम्रकैद में सामान्यतः दोषी को 14 साल के लिए जेल भेजा जाता है। राम रहीम को 20 साल की सजा मिली जो उम्र केद से बढ़कर ही है। सजा सुनते ही राम रहीम न्यायमूर्ति  जगदीप सिंह के सामने रहम की भीख मांगने लगा था।
इससे पहले 25 अगस्त को पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत में न्यायमूर्ति जगदीप सिंह ने गुरमीत सिंह उर्फ रामरहीम को दोषी ठहराया था। जिससे पंचकूला सहित पंजाब, हरियाणा, उप्र, दिल्ली व राजस्थान में डेरा समर्थकों ने भारी उपद्रव किये। खबरों के अनुसार  इस हिंसा में 38 लोग मारे गये।
इस हिंसा को देखते हुए 28 अगस्त को रामरहीम को सुनायी जाने वाली सजा पंचकूला में सुनाने के बजाय सरकार ने न्यायाधीश को ही हेलीकॉप्टर से रोहतक पंहुचा दिया। क्योंकि 25 तारीख को पुलिस ने राम रहीम को रोहतक जेल में बंद करने के लिए पंचकूला से सीध हेलीकप्टर से रोहतक पंहुचाया था। उस हेलीकप्टर में राम रहीम के साथ उसकी गोद ली हुई बेटी भी साथ आयी। हरियाणा सरकार अभी इस बात का जवाब देने की स्थिति में नहीं है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद किसके निर्देश पर राम रहीम के साथ उसकी गोद ली हुई बेटी रोहतक जेल तक आयी? नहीं हरियाणा सरकार इसका जवाब ही दे पायी कि पंचकूला में धारा 144 लागू की जाने के बाबजूद वहां प्रषासन ने लाखों राम रहिम के समर्थकों को एकत्रित होने दिया। क्यों हरियाणा सरकार ने राम रहीम को 25 अगस्त को सच्चा सौदा मुख्यालय से पंचकूला न्यायालय में पेष होने के लिए सैकडों गाडियों के काफिले के साथ आने की इजाजत दी? इस पर हरियाणा सरकार ने यह तर्क दिया कि सरकार अगर रामपाल की तरह की छूट न देते तो वह न्यायालय में उपस्थित ही नहीं होता। ऐसी परिस्थिति में सच्चा सौदा मुख्यालय से राम रहिम को जबरन गिरफ्तार करने से 25 अगस्त को हुई हिंसा से कई अधिक हिंसा होती। संत रामपाल प्रकरण से सबक लेकर  सरकार ने राम रहिम को अपने पूरे बेडे के साथ न्यायालय तक जाने दिया।

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