उत्तराखंड

भाजपा व कांग्रेस के लिए नहीं अपितु गैरसैंण राजधानी सहित जनांकांक्षाओं को साकार करने के लिए बनाया उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड की राजधानी गैरसैण बनाने, मुजफ्फरनगर काण्ड-94 के दोषियों को सजा देने, हिमाचल की तरह भू कानून बनाने व भारत धाम बनाने की मांग

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने 23 जून को दिल्ली में उत्तराखण्ड के पत्रकारों को दिये रात्रि भोज पर की विशेष चर्चा

नई दिल्ली(प्याउ)। 23 जून को उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने दिल्ली में उत्तराखण्ड के पत्रकारों से चाणक्यपुरी स्थित उत्तराखण्ड सदन के सभागार में उत्तराखण्ड के चहुमुखी विकास के लिए चर्चा की। इस अवसर पर उत्तराखण्ड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट, भाजपा के मीडिया प्रभारी-प्रवक्ता अनिल बलूनी व मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट की उपस्थिति में हो रही चर्चा में प्रमुखता से भाग लेते हुए जैसे ही प्यारा उत्तराखण्ड  के सम्पादक देवसिंह रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत से बिना लाग लपेट के प्रदेश की राजधानी गैरसैंण बनाने, गुजरात दंगों व सिख दंगों की तर्ज पर उत्तराखण्ड राज्य गठन आंदोलन को रौंदने वाले मुजफ्फरनगर सहित आदि काण्डों के गुनाहगारों को सजा देने के लिए एक आयोग का गठन करने व हिमाचल की तरह भू कानून बनाने की बात कही तो मुख्यमंत्री सहित सभागार में उपस्थित सभी की मुख्यमंत्री के जवाब को सुनने की उत्सुकता बढ़ी। राज्य गठन आदंोलन के अग्रणी आंदोलनकारी देवसिंह रावत की बात को सुन कर खुशनुमा बना माहौल गंभीर बन गया। मुख्यमंत्री कुछ बोलने को हुए तभी उनके कान में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलुनी से कुछ फुसफुसाहट की तो मुख्यमंत्री के चेहरे के रंग के साथ उनके स्वर भी बदल गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण में विधानसभा भवन आदि बनाने के नाम पर कांग्रेस ने धन का दुरप्रयोग किया। वहां पर मंत्री, विधायकों, सचिवों व कर्मचारियों के लिए ठहरने, प की उचित व्यवस्था, नहीं है। अन्य प्रश्नों पर मूक जब मुख्यमंत्री मूक रहे तो वरिष्ठ पत्रकार व्योमेश जुगरान ने गैरसैंण को राजधानी बनाने का समर्थन करते हुए इसे तुरंत बनाने की बात कही।
पत्रकारों से वार्ता की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री ने रात्रि भोज के लिए पत्रकारों को आमंत्रित करते हुए  सभागार से भोजनालय के लिए लिफ्ट के बजाय सीडियों से चलते समय साथ चल रहे प्यारा उत्तराखण्ड के सम्पादक देवसिंह रावत ने कर्णाश्रम में भारत धाम बनाने की तरफ मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ठ कराया तो मुख्यमंत्री वहां की स्थिति के बारे में बताने लगे। जब मैने उन्हें बताया िक यह कार्य पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल के सम्मुख भी रखा था। परन्तु इसकी महता न समझने के कारण वे इस देश का सर्वोच्च धामों में एक धाम भारत धाम से राष्ट्र को वंचित होना पडा।
इसके बाद भोजन के दौरान भी मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व अधिकारी गण भोजन कर रहे पत्रकारों से बातचीत जारी रखे हुए है। इस दौरान गैरसैंण मामले पर पूर्व हरीश रावत की कांग्रेसी सरकार को कटघरे में रखते हुए जब प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट ने अपना पक्ष रखा कि विधानसभा में 4 बार गैरसैंण पर अपना पक्ष व स्थाई राजधानी बनाने के लिए उनके नेतृत्व में भाजपा की पहल को कांग्रेस ने कुंद किया। इस मुद्दे पर अजय भट्ट द्वारा अपना पक्ष रखने पर वरिष्ठ पत्रकार हरीश लखेड़ा ने इस मामले को मुख्यमंत्री के सम्मुख प्रखरता से उठाने वाले प्यारा उत्तराखण्ड के सम्पादक देवसिंह रावत को भी चर्चा में आमंत्रित किया। दे

वसिंह रावत ने अजय भट्ट की तमाम दलीलों को सुनने के बाद दो टूक शब्दों में कहा भट्ट जी यह राज्य भाजपा व कांग्रेस या हरीश रावत या त्रिवेन्द्र रावत आदि के लिए नहीं बना। ना ही जनता को भाजपा व कांग्रेस के विवाद से कुछ लेना देना। ना ही जनता ने यह राज्य यहां के नेताओं व नौकरशाहों की ऐशगाह के लिए बनाया। जनता राजधानी गैरसैंण चाहती है। यह राज्य बनाया गया, उत्तराखण्ड की उन जनांकांक्षाओं व सार्वगीण विकास के लिए जिनके लिए उत्तराखण्ड की जनता ने राव मुलायम सरकारों के अमानवीय दमन सह कर भी सरकारों को राज्य गठन करने के लिए विवश कर दिया। जनता तीन ही मुद्दों्र को लेकर एकमत होकर आंदोलनरत थी कि उत्तराखण्ड राज्य के गठन, राजधानी गैरसैंण व हिमाचल की तर्ज पर भू कानून बनाने के लिए। राज्य गठन के बाद सरकारों ने विश्वासघात कर बलात गैरसैंण के बजाय देहरादून से ही सरकार संचालित की और यहां पर बिना राजधानी के बारे में निर्णय किये देहरादून में अरबों रूपये के भवनों का राजधानी के नाम पर किया। इस अवसर पर अवतार नेगी, सुशील बहुगुणा, हरीश लखेड़ा, दाताराम चमोली, रोशन, प्रदीप बेदवाल, डोभाल सहित अनैक पत्रकारों ने उत्तराखण्ड  की संस्कृति, विकास सहित अन्य मामलों पर अपने सुझाव दिये।
रात्रि भोज में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकारों में उत्तराखण्ड पत्रकार परिषद के महामंत्री अवतार नेगी, एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार सुशील बहुगुणा, निर्मल पाठक, मदन जैडा, दैनिक हिंन्दुस्तान व्योमेश जुगरान, आजतक के मंजीत नेगी, राष्ट्रीय सहारा के वरिष्ठ पत्रकार रोशन गौड़, हरीश लखेड़ा, सुश्री गुसांई, अजीत मैदोलिया, सत्तीश  लखेड़ा, दाताराम चमोली, देवसिंह रावत, दीपक बहुगुणा, अमर चंद, अनिल पंत, प्रदीप बेदवाल, आदि सम्मलित थे।
मुख्यमंत्री के दिल्ली स्थित ओएसडी देवेन्द्र रावत सहित उत्तराखण्ड सरकार के अनैक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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