उत्तराखंड

आबकारी को राज्य सरकार, राजस्व का जरिया नहीं बनाना चाहती है – सीएम त्रिवेन्द्र रावत

मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आबकारी को राज्य सरकार, राजस्व का जरिया नहीं बनाना चाहती है। प्रदेश में शराब को धीरे-धीरे कम करने का प्रयास किया जाएगा। वर्तमान में शराब की दुकानें के खुलने की अवधि को घटाकर 6 घंटे करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

जल्द ही शराब की दुकानें केवल दोपहर 3 बजे से सांय 9 बजे तक ही खुल सकेंगी। इससे मातृशक्ति को कुछ राहत मिलेगी। युवा पीढ़ी को शराब के दुष्प्रभाव से दूर रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। शराब को कम करने के लिए भविष्य में और भी कई निर्णय लिए जा सकते हैं। हम प्रयास कर रहे हैं कि आबकारी पर प्रदेश की निर्भरता कम की जा सके। राजस्व की चोरी को रोका जाएगा और प्रदेश की जनता पर अतिरिक्त भार डाले बिना अन्य स्त्रोत भी विकसित किए जाएंगे। सेल्स टैक्स में पिछले केवल तीन दिनों में ही 1 करोड़ 31 लाख रूपए की कर चोरी पकड़ी गई है।

अवैध शराब में लिप्त लोगों को सजा दिलाए जाने के लिए आवश्यकता होने पर एक्ट में परिवर्तन करने के निर्देश दिए गए हैं। अवैध खनन को पूरी तरह से रोका जा रहा है। बहुत से के्रशर भी जब्त किए गए हैं। अवैध खनन को रोककर खनन से इस बार 1000 करोड़ राजस्व का लक्ष्य रखा जा रहा है। अभी खनन से 285 करोड़ रूपए का वार्षिक राजस्व मिल रहा है।

एक माह के कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि किसी भी सरकार के लिए एक माह का समय बहुत कम होता है। फिर भी हमने
अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताएं स्पष्ट कर दी हैं। भ्रष्टाचार पर हमारी जीरो टाॅलरेंस की नीति है। हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कार्यवाही भी की है।
दिसम्बर 2017 तक प्रदेश में रहने वाले सभी घरों को ऊर्जाकृत करने का हमारा दृढ़ संकल्प है। वर्ष 2019 तक 100 प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। वर्ष 2022 तक सभी को अपना आवास उपलब्ध करवाने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।

प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली के बारे मे पूछे जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सभी का काम करने का अपना तरीका होता है। परंतु मंजिल एक ही होती है, राज्य का सर्वांगीण विकास, संतुलित, पारदर्शी व भ्रष्टाचारमुक्त विकास। हम धीरे-धीरे परंतु ठोस रूप से व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। व्यवस्थित कार्यसंस्कृति विकसित की जा रही है। माह में दो बार केबिनेट बैठकों का समय निर्धारित करना ऐसा ही एक कदम है। जमीनों की रजिस्ट्री के
फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा रही है। चीड़ की पत्तियों के एकत्रण को मनरेगा से जोड़ा जाएगा।

अखरोट के पेड़ लगाने को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए चैबटिया व टिहरी में मगरा को माॅडल फार्म के तौर पर विकसित किया जाएगा। चारधाम यात्रा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। प्रत्येक श्रद्धालु सरलता के साथ दर्शन कर सके और अपने साथ अच्छी यादें ले जा सके, इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के संबंध में यदि कोई व्यक्ति शपथ पत्र पर तथ्यों के साथ शिकायत करता है तो आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएंगी।

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