प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक मामलों की प्रयोगशाला समिति ने विपणन सीजन 2025-26 के लिए 14 नवंबर को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।
सरकार ने मार्केटिंग सीज़न 2025-26 के लिए ब्रांडेड उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी है , जिससे उत्पादकों को अपने उत्पादों की कीमत सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। पिछले साल की तुलना में मार्केट में सबसे अधिक बढ़ोतरी रामतिल (820 रुपये प्रति औंस) के साथ हुई है , इसके बाद रागी (596 रुपये प्रति औंस) , सिक्का (589 रुपये प्रति औंस) और तिल (579 रुपये प्रति औसत) की बढ़ोतरी हुई है।
विपणन सत्र 2025-26 के लिए सभी मसालों का न्यूनतम समर्थन मूल्य
(रु. प्रति अप्रेल)
क्र . सं . | वसई | एमएसपी 2025-26 | लागत * केएमएस 2025-26 | लागत पर अनुमान ( प्रतिशत ) | एमएसपी | 2025-26 में राकेट में वृद्धि | ||||
: … | 2024-25 | 2013-14 | 2024-25 की तुलना मे | 2013-14 की तुलना मे
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1. | धन | सामान्य | 2369 | 1579 | 50 | 2300 | 1310 | 69 | 1059
(81 प्रतिशत ) |
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ए ^ | 2389 | – | – | 2320 | 1345 | 69 | 1044
(78 प्रतिशत ) |
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2. | 1. 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 1 … | 1. 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 1 … | 3699 | 2466 | 50 | 3371 | 1500 | 328 | 2199
(147 प्रतिशत ) |
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मालदांडी ^ | 3749 | – | – | 3421 | 1520 | 328
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2299
(147 प्रतिशत ) |
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3. | बाजरा | 2775 | 1703 | 63 | 2625 | 1250 | 150 | 1525
(122 प्रतिशत ) |
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4. | रागी | 4886 | 3257 | 50 | 4290 | 1500 | 596 | 3386
(226 प्रतिशत ) |
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5. | मक्का | 2400 | 1508 | 59 | 2225 | 1310 | 175 | 1090
(83 प्रतिशत ) |
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दलहन | ||||||||||
6. | तूर / अरहर | 8000 | 5038 | 59 | 7550 | 4300 | 450 | 3700
(86 प्रतिशत ) |
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7. | मूंग | 8768 | 5845 | 50 | 8682 | 4500 | 86 | 4268
(95 प्रतिशत ) |
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वसई | एमएसपी 2025-26 | लागत * केएमएस 2025-26 | लागत पर अनुमान ( प्रतिशत ) | एमएसपी | 2025-26 में राकेट में वृद्धि | |||||
2024-25 | 2013-14 | 2024-25 की तुलना में | 2013-14 की तुलना में
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8. | उड़द | 7800 | 5114 | 53 | 7400 | 4300 | 400
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3500 (81 प्रतिशत ) |
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तिलहन | ||||||||||
9. | 1. 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 1 … | 7263 | 4842 | 50 | 6783 | 4000 |
480 |
3263
(82%)
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10. | सूरज के बीज | 7721 | 5147 | 50 | 7280 | 3700 | 441 | 4021
(109 प्रतिशत ) |
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11 । | सोयाबीन ( पीला ) | 5328 | 3552 | 50 | 4892 | 2560 | 436 | 2768
(108 प्रतिशत ) |
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12. | तामिल | 9846 | 6564 | 50 | 9267 | 4500 | 579 | 5346
(119 प्रतिशत )
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13. | रामतिल | 9537 | 6358 | 50 | 8717 | 3500 | 820 | 6037
(172 प्रतिशत ) |
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वुहाक | ||||||||||
14. | क | ( मध्यम रेशे ) | 7710 | 5140 | 50 | 7121 | 3700 |
589 |
4010
(108 प्रतिशत ) |
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( लंबा रेशे ) ^ | 8110 | – | – | 7521 | 4000 | 589 | 4110
(103 प्रतिशत) |
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*लागत को संदर्भित करता है जिसमें भुगतान की गई सभी लागतें शामिल हैं जैसे कि किराए पर लिए गए मानव श्रम, बैल श्रम/मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई भूमि के लिए भुगतान किया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई शुल्क, औजारों और कृषि भवनों पर मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेट आदि के प्रचालन के लिए डीजल/बिजली, विविध व्यय और पारिवारिक श्रम का आरोपित मूल्य।
^ धान (ग्रेड ए), ज्वार (मालदंडी) और कपास (लंबे रेशे) के लिए लागत डेटा अलग से संकलित नहीं किया गया है।
विपणन सीजन 2025-26 हेतु खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की बात कही गई है। किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन बाजरा (63 प्रतिशत) के मामले में सबसे अधिक होने का अनुमान है, उसके बाद मक्का (59 प्रतिशत), तुअर (59 प्रतिशत) और उड़द (53 प्रतिशत) का स्थान है। शेष फसलों के लिए, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर मार्जिन 50 प्रतिशत होने का अनुमान है।
हाल के वर्षों में सरकार अनाज के अतिरिक्त अन्य फसलों जैसे दालों और तिलहन तथा पोषक अनाज/श्री अन्न की खेती को बढ़ावा दे रही है और इसके लिए इन फसलों पर उच्च एमएसपी प्रस्तुत कर रही है।
2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान धान की खरीद 7608 एलएमटी थी, जबकि 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान धान की खरीद 4590 एलएमटी थी।
2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान 14 खरीफ फसलों की खरीद 7871 एलएमटी थी, जबकि 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान खरीद 4679 एलएमटी थी।
2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान धान उत्पादक किसानों को दी गई एमएसपी राशि 14.16 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान किसानों को दी गई एमएसपी राशि 4.44 लाख करोड़ रुपये थी।
2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान 14 खरीफ फसल उत्पादक किसानों को भुगतान की गई एमएसपी राशि 16.35 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान किसानों को दी गई एमएसपी राशि 4.75 लाख करोड़ रुपये थी।
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