उत्तराखंड

संस्कृत से ही संस्कृति का जन्म होता हैः मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत

बच्चों के उत्कृष्ठ प्रदर्शन के पीछे माता पिता की मेहनत होती है। शिक्षक छात्रों को शिक्षित व संस्कारित बना कर देश का भविष्य का निर्माण करता हैः राज्यपाल डा पाल
राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर किया पुरुस्कृत
देहरादून (प्याउ)। राज्यपाल डा. कृष्ण कान्त पाल ने  19 जून को राजभवन देहरादून में इस वर्ष 2017 की 10 वी और 12 वीं बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को ’गर्वनर्स अवार्ड’ 2017 से राजभवन में सम्मानित किया। राज्यपाल ने कहा कि छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के पीछे माता-पिता अभिभावकों की भी मेहनत होती है इसलिए वह भी बधाई और प्रशंसा के पात्र हैं। शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि छात्र ही हमारे देश का भविष्य हैं। सभी अपने बच्चों को शिक्षकों के सानिध्य में इसलिए भेजते हैं कि उनका बच्चा शिक्षित और संस्कारित बने इसलिए देश का भविष्य निर्धारित करने में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। विद्यालयों में शिक्षकों को पूरा ध्यान केंद्रित कर छात्रों को पढ़ाना चाहिए।
19 जून को पुरस्कृत छात्रों को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल डा पाल ने कहा कि परीक्षा के बाद पड़ने वाले छुट्टियों में मौज-मस्ती करने के साथ ही छात्रों को अपने इस समय का सदुपयोग भी करना चाहिए।

राज्यपाल ने शिक्षा विभाग को उत्तराखण्ड जीनियस प्रतियोगिता की शुरूआत किये जाने का सुझाव दिया। जिसमें प्रदेश के छात्रों में टेलेंट इवेंट और सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता को शामिल किया जाने का सुझाव राज्यपाल ने दिया। अपनी कम्प्यूटर और भाषायी कौशल को बढ़ायें जो भविष्य में आपके करियर में महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम आते हैं। सभी छात्र बारहवीं के बाद अपने करियर का चुनाव करने में सतर्कता बरतें। दूसरे से प्रभावित होकर करियर का चुनाव न करें अपनी योग्यता व क्षमताओं के हिसाब से करियर का चुनाव करें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी टाॅपर छात्रों उनके गुरूजनों तथा अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि छात्रों को दिया जाने वाला यह अवार्ड हमारी नई पीढ़ी के लिए उत्साहवर्धन और प्रेरित करने वाला सम्मान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का युग तकीनीकी का युग है। उन्होंने घोषण कि सभी टाॅपर्स छात्रों को लैपटाॅप प्रदान किये जायेंगे। गवर्नर्स अवार्ड की तर्ज पर इस वर्ष से बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठता सूची में आने वाले छात्रों को राज्य सरकार प्रति वर्ष लैपटाॅप देने की शुरूआत कर रही है। उन्होंने राज्यपाल द्वारा संस्कृत शिक्षा के छात्रों को गवर्नर्स अवार्ड से सम्मानित किये जाने को सराहनीय कदम बताया। उन्होंने कहा कि संस्कृति का जन्म संस्कृत से ही होता है। संस्कृत ऐसी भाषा है जो विचारो को शुद्ध बनाती है और अंहिंसा की भावना को प्रबल करती है। मुख्यमंत्री ने मेधावी छात्रों को हर सम्भव सहायता प्रदान किये जाने की भी बात कही।
राज्यपाल ने विद्यालयी शिक्षा तथा संस्कृत शिक्षा में हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट तथा संस्कृत शिक्षा में पूर्व मध्यमा और उत्तर मध्यमा में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान पाने वाले छात्रों को पुरस्कार स्वरूप सात हजार, पांच हजार तथा तीन हजार रूपये की धनराशि क्रमशः प्रदान की। पूरे प्रदेश में परीक्षा परिणामों में सबसे अधिक सफलता, प्रतिशत अर्जित करने वाले श्रेष्ठ तीन राजकीय विद्यालयों को भी राज्यपाल ने नकद धनराशि प्रदान कर पुरस्कृत किया।
हाईस्कूल में श्रेष्ठ तीन छात्रों में गौरी एमपीआईसी रूद्रप्रयाग की कु. आइशा ने प्रथम, आरएलएस चैहान उधमसिंह  नगर के हर्षवर्धन वर्मा ने द्वितीय तथा एचएस बड़कोट उत्तरकाशी के अजय विक्रम सिंह बिष्ट ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बारहवी कक्षा में बालक वर्ग में एसएमएम गिरि इण्टर कालेज हरिपुर देहरादून के शगुन शुक्ला तथा बालिका वर्ग में राजकीय कन्या इण्टर काॅलेज चमोली की कु. सोनलाी ने मानविकी संकाय में प्रथम स्थान, विज्ञान संकाय में एसवीएम इण्टर काॅलेज श्रीकोट गंगनाली पौड़ी गढ़वाल के आदित्य घिडिल्याल तथा बालिका वर्ग में सरस्वती विद्या मंदिर सेक्टर-2  भेल रानीपुर हरिद्वार की कु. मेघा प्रथम, वाणिजय वर्ग में तनमय अग्रवाल पंडित पूर्णानंद तिवारी इण्टर काॅलेज जसपुर उधमसिंहनगर तथा बालिका वर्ग में एसवीएमआईसी बाबूगढ़ विकास नगर देहरादून की कु. प्रज्ञा चैरसिया ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।  उत्तरखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित पूर्व मध्यमा द्वितीय वर्ष (हाईस्कूल) में प्रथम स्थान प्राप्त बृजेश जोेशी, शुभम नैनवाल, भूपेश तिवारी, तथा उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष (इण्टरमीडिएट) में केवल जोशी, आशीष कंसवाल, किशन चंद्र सुयाल क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा स्थान प्राप्त छात्रोें को भी राज्यपाल ने नकद धनराशि सात हजार, पांच हजार, तीन हजार से पुरस्कृत किया।
2017 बोर्ड परीक्षा परिणामों में सवार्धिक सफलता प्रतिशत में प्रथम स्थान पाने वाले राजकीय कन्या इण्टर काॅलेज पौखरी पौड़ी गढ़वाल को 50 हजार रूपये की धनराशि तथा द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले राजकीय इण्टर काॅलेज रातिरकेटी बागेश्वर तथा राजकीय इण्टर काॅलेज अदरीयखाल पौड़ी गढ़वाल को क्रमशः तीस हजार, बीस हजार रूपये की धनराशि राज्यपाल ने पुरस्कार स्वरूप प्रदान की।
राज्यपाल ने श्रेष्ठ प्रर्दशन करने वाले छात्रों एवं उनके गुरूजनों तथा अभिभावकों बधाई दी। अवार्ड कार्यक्रम में आये छात्रों व शिक्षकों से राज्यपाल ने कहा कि इस सम्मान की शुरूआत 2015 में किये जाने का उद्देश्य राज्य के छात्रों तथा विद्यालयों में बेहतर प्रदर्शन की भावना तथा सकारात्मक प्रतिस्पर्धा को शुरू करना था। उन्होंने परीक्षा परिणामों में विद्यालयों तथा छात्रों के प्रदर्शन में आये परिर्वतन को निर्धरित करने के लिए समीक्षा किये जाने की बात कही। उन्होेने शिक्षा विभाग से कहा कि समीक्षा की जाये कि अवार्ड से पूर्व तथा बाद में छात्रों और विद्यालयों के प्रदर्शन में क्या परिवर्तन हुआ है।
इस अवसर पर सचिव विद्यालयी शिक्षा चंद्रशेखर भट्ट, सचिव राज्यपाल रविनाथ रमन, सचिव  संस्कृत शिक्षा उषा शुक्ला सहित समस्त विद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षकगण व अभिभावक उपस्थित थे।

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