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महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष ने सुनाया फैसला

प्यारा उत्तराखंड डाट काम

आज 10जनवरी की सांय 5.15बजे आखिर कार महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने दल बदल पर विधायकों की अयोग्यता के मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के दो टूक निर्देश के बाद सुनाया फैसला। फैसले के अनुसार दलबदल के कारण 16 जिन शिंदे गुट के विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के संबंध में फैसला दिया कि असली मुद्दा है कि असली शिव सेना कौन है?

विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे गुट को ही असली शिव सेना माना।। 1999 की तहत शिवसेना की संविधान व चुनाव आयोग में शिवसेना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए शिवसेना पर उद्धव ठाकरे गुटखा दावा खारिज किया और असली शिव सेवा को शिंदे यानी मुख्यमंत्री का दावा सही माना। विधानसभा अध्यक्ष ने साफ कहा कि 2018 में हुए शिवसेना के संविधान संशोधन को उचित नहीं माना जा सकता है। चुनाव आयोग ने भी इस संशोधन को स्वीकार नहीं किया। असली उद्योग ठाकरे को शिवसेना का प्रमुख नहीं माना जा सकता। इसी आधार पर उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों की दल बदल करने वाली याचिका को खारिज किया जाता है। उधव ठाकरे को एकनाथ शिंदे सहित किसी भी शिवसेना के विधायक को हटाने का  संवैधानिक अधिकार नहीं था। 21जून 2023 को शिवसेना के नेता शिंदे ही थे। उल्लेखनीय है कि 20 जून 2022 को एकनाथ शिंदे के साथ 39 शिवसेना की विधायकों ने बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन की सरकार बनाई थी। इसी बगावत को आधार बनाकर उद्धव गुट ने 16 विधायकों के खिलाफ दल बदल के तहत सदस्यता समाप्त करने का नोटिस विधानसभा  अध्यक्ष को दिया था।

विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले से जहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर शिंदे ही बने रहेंगे। वहीं शिंदे गुट के किसी भी विधायक की सदस्यता दल बदल के कारण रद्द नहीं की जाएगी।

इस प्रकार की फैसले की आशंका ठाकरे गुट व अभी विपक्षी पहले से कर रहे थे। अब देखना हो गया होगा कि विधानसभा अध्यक्ष की इस फैसले को उद्धव ठाकरे को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देता है या नहीं।

महाराष्ट्र के समीकरणों को ध्यान में रखते हुए राजनीति के विशेषज्ञ भी यह मान गए हैं कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ ही महाराष्ट्र विधानसभा की भी चुनाव होने हैं।

सवाल उठता है कि अगर यह फैसला ही उचित है तो इसको इतनी लंबे समय तक सर्वोच्च न्यायालय की बार-बार निर्देश के बाद इतनी देर तक अध्यक्ष ने क्यों लटकाए रखा गया?

परंतु विशेषज्ञ देवसिंह रावत ने कहा कि
#महाराष्ट्र_विधानसभा में अनैतिक रूप से दल बदल कर #सत्ताहरण करने वालों को सत्ता बंदरबांट  करने के लिए #सर्वोच्च_न्यायालय के दखल के बाबजूद इतना समय देना क्या न्याय का गला घोंटना नहीं है? क्या #गुनाहगार_को_सजा_देगी #स_न्यायालय ?

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