दुनिया

इजरायल व हमास-मुस्लिम देशों द्वारा एक दूसरे को मिटाने की जंग छेडने से मची भंयकर तबाही, मंडराया विश्व युद्ध का खतरा!

हिज्बुल्ला आज करेगा इजरायल को मिटाने की जंग के ऐलान से विस्फोटक हुई स्थिति!
इजरायल के खात्मे के लिए हमास का साथ देने जंग में उतरे हिज्बुल्लाह व हुती 
देवसिंह रावत  
7 अक्टूबर से हमास द्वारा इजरायल पर किये प्रचण्ड हैवानी हमले के बाद इजरायल द्वारा हमास के समूल विनाश के लिये किये तुरंत प्रहार से शुरू  हुई हैवानियत भरी पूरा विश्व स्तब्ध है। इस जंग के 28 दिनों  में गाजा में 44500 भवन इजराइल ने किये तबाह । इस युद्ध में अब तक 40 हजार के करीब लोग मारे गये। 50 हजार से अधिक घायल व हजार से अधिक बंधक बनाये गये। वही नहीं इन हमलों में संयुक्त राष्ट्र आदि बचाव व राहत में यहां लगे छह दर्जन कर्मियों की दर्दनाक मौत हो गयी।
जहां इजरायल इस युद्ध में हमास का समूल  नाश करने की हुंकार भर भीषण बमबारी कर तबाह कर रहा है। वहीं हमास, हिज्बुल्ला व हुती सहित अनैक आतंकी संगठन फिलिस्तीनियों को उनका जायज हक दिलाने के लिये इजरायल को मिटाने के नाम पर निरंतर इजरायल पर राकेट इत्यादि से हमला कर युद्ध का ऐलान कर चूके है। आज 3 नवम्बर षुक्रवार की सांय 6.30 हिज्बुल्ला प्रमुख इजरायल के साथ विनाशकारी युद्ध का ऐलान करने जा रहे हैं। हिज्बुल्ला प्रमुख नसरल्लाह की इस धमकी से  पूरे विश्व में हडकंप मचा है। उनकी सभा के लिये बैरूत में बडा आयोजन किया जा रहा है। ऐसी आशंका है कि इजरायल हिज्बुल्ला को भी हमास की तरह सबक सिखाने का  मन बना चूका है। परन्तु इजरायल को मालुम है हिज्बुल्ला, हमास से कई गुना अधिक ताकतबर व घातक है। हिज्बुल्ला का दावा है कि अगली दुनिया फिलिस्तीन की है। इससे मध्य पूर्व यानि खाड़ी देशों में घातक युद्ध की आशंका देखते हुये पश्चिमी देश बेहद चिंतित है। अमेरिका को आशंका है कि  हिज्बुल्ला को रूसी घातक मिसाइल देगा सीरिया। अमेरिका जहां इजरायल का पूरा समर्थन कर रहा है। वहीं अब अंतराश्टीय दवाब को देखते हुये इजरायल व हमास से युद्ध विराम करने की अपील की। जिसे इजरायल ने तुरंत ठुकराते हुये अमेरिका को ही दर्पण दिखाने का काम किया। रूस ने भी तत्काल युद्ध विराम की अपील की। अमेरिका खाडी देशों सहित जापान, भारत आदि महत्वपूर्ण देशों से संपर्क बना कर इस युद्ध को भीशण बनाने में जुटा है। वहीं ऐसी भी अटकलें लगाई जा रही है कि इजरायल के वर्तमान नेतृत्व हर हाल गाजा में युद्ध विराम नहीं करना चाहता। इससे खपा हो कर अमेरिका, इजरायल में नेतृत्व परिवर्तन करा सकता है। इसकी अटकलों पर इजरायल ने विराम लगा दिया। अनैक देशों ने इजरायल से अपने संबंध तोड़ दिये। वहीं स्थानों पर इजरायल  व हमास पर आमने सामने की टक्कर हो रही है। हमास अब इजरायल को 7 अक्टूबर से अधिक घातक हमले करने की चेतावनी दे रहा है।  हमास की अल कस्साम ब्रिगेड निरंतर इजरायल पर हमला कर रहे है। वहीं ईरान ने अपनी सबसे घातक सैन्य ब्रिग्रेड इमाम हुसैन ब्रिग्रेड हिज्बुल्ला के सहयोग देने के लिये लेबनान भेज दी है।
इसके साथ विश्व मुस्लिम देशों ने भी इजरायल को गुनाहगार बता कर उससे सभी संबंध तोड़ने का ऐलान कर रहे हे। वहीं टर्की व ईरान ने इजरायल से युद्ध शुरू  करने के लिये हुंकार भर रहे हैं।वहीं भीशण युद्ध में तबाही का कुंड बने गाजा से 10 देशों के 500 लोगों को सुरक्षित निकालकर  मिश्र पंहुचा दिया गया।
वहीं इजरायल में भी 1600 से अधिक लोग मारे गये। इजरायल ने गाजा  को चारों तरफ से घेर कर हमास के सफाया के लिये गाजा में जमीनी, हवाई व समुद्री जंग छेड़ दी है। इन हमलों पर जहां फिलिस्तीन व अरब जगत सहित पूरा विश्व युद्ध विराम की मांग कर रहा है। वहीं इजरायल ने इसे हमास  को जीवनदान देने वाला कदम बताते हुये इसे ठुकरा दिया। वहीं हमास  व अरब जगत इजरायल पर शरणार्थी शिविरों, स्कूलों चिकित्सालयों सहित बच्चों पर  भीशण बम प्रहार करके जनसंहार करने का आरोप लगा रहे है। यही नहीं इजरायल पर गाजा पर सफेद फासफोरस वाले प्रतिबंद्धित बमों के प्रहार करने का आरोप भी लगाया जा रहा है।
वहीं इजरायल को तबाह 25000 राकेट  रोज वर्षायेगा हिज्बुल्ला,2006 के बाद फिर टकरायेंगे हिज्बुल्ला व इजरायल। हिज्बुल्ला का ऐलान शुक्रबार 3नवम्बर को राकेटों से भीशण प्रहार करेगा इजरायल पर।
32 हजार से अधिक घायल। हमास के अनुसार इजरायल के ले. कर्नल सलमान मारे गये 4 सैनिक घायल।
हमास के पास  15 हजार लडाकू, हिजबुलला 130000 आतंकियों की फोज, हुती के पास 2 लाख आतंकियों की फोज। हमास के पास
हमास के अनुसार गाजा पर इजरायल के हमले में  9000 लोग मारे गये 32 हजार से अधिक लोग घायल । 132 स्वास्थ्य कर्मी मारे गये 35 से अधिक एंबुलेंश भी तबाह। हमले में 3600 बचे मारे गये। 2600 से अधिक लोग लापता। ंतुर्की ने कहर कि इजरायल के खिलाफ मुस्लिम जगत को संयुक्त सेना बनानी चाहिये। वही इरान ने कहा कि इजरायल के साथ व्यापार सहित सभी सम्बंध बंद कर देने चाहिये। सभी मुस्लिम देश हमास का समर्थन व इजरायल का प्रखर विरोध कर रहे हैं। 6 दिनों ने गाजा पर इजरायल का कब्जा है । भीशण तबाही मचाने के बाबजूद 240 बंधकों को मुक्त कराने में इजरायल व अमेरिका असफल। न सुरंग में मिले न हीं अन्यत्र ही मिले।इससे पहले भी इजरायल हमास युद्ध पर लिखते हुये मैने लिखा था कि इजरायल ने गाजा में हमास के खात्मे के लिये जमीनी लडाई शुरू कर दी थी।7 अक्टूबर से प्रारम्भ हुये इस भीषण युद्ध के तीन सप्ताह से अधिक समय सें गाजा में हो रही  इजरायली सुरक्षा बलों के भीषण प्रहार से हमास के एक दर्जन से अधिक बडे नेता सहित 9000 से अधिक लोग मारे गये। इसमें 1400 से अधिक इजरायली भी हमास के हमले में मारे गये। इस गाजा युद्ध के कारण विश्व दो गुटों में विभाजित हो गया है। अमेरिका व उसके नाटो साथी देश जहां इजराइल के साथ खडे हैं। वहीं रूस, चीन, उतरी कोरिया व ईरान सहित अरब जगत फिलिस्तीन के साथ खडे है। इस जंग में हजारों की संख्या में फिलिस्तीन व इजराइल की आम जनता इस तबाही को झेलने के लिये मजबूर हैं। इजराइल में सवा लाख से अधिक लोग विस्थापित हो गये हैं वहीं फिलिस्तीन के 25 लाख से अधिक लोग बुरी तरह प्रभावित हैं। दोनों देशों में हजारों की संख्या में आम लोग घायल हैं। सैकडों की संख्या में अबोध बच्चे भी इस युद्ध के शिकार हुये। सैकडों लोग हमास व इजराइल  द्वारा बंधक बनाये गये हैं।
अल कस्साम ब्रिगेड का इजरायल को चेतावनीं वेस्ट बैंक में इजरायली सेना ने टेंकों से हमास पर किया प्रहार। इस भीषण तबाही से पूरा विश्व स्तब्ध है। वहीं इजरायल हमास जंग में युद्ध विराम के लिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग तेज।जीबीयू 72 बंकर नष्ट करने वाले बम। 150 भू गर्भ में बने हमास कके ठिकानों को नष्ट किया। फासफोरस बम से हमास पर प्रहार। 27 अक्टूबर को हुई बमबारी में  50 प्रतिशत गाजा तबाह हो गया है। भयंकर बमों की बरसात। 101 युद्धक विमानों से 150 बार प्रहार। जलसेना द्वारा हमास। इजरायल  ने उतरी गाजा में दागे स्मोक बम। गाजा की गली गली में टेंकों से प्रहार। इसके साथ भीषण जमीनी जंग हो रही है। मर्कोव जंग में यासीन बम का इस्तेमाल। इजरायल के साथ अमेरिका की डेल्टा फोर्स भी हमास के खात्मे के अभियान में सहभागी है। संयुक्त राष्ट संघ में युद्ध बंद के पारित प्रस्ताव के बाबजूद इजरायल ने हमास के खिलाफ गाजा में भीषण बमवर्षा के साथ टेंक व पैदल सैनिकों के साथ जल सेना द्वारा भीषण प्रहार कर हमास का सफाया कर रहा है। सुयंक्त राष्ट्र के आपात अधिवेशन में गाजा में मानवीय सहायता , बचाव व राहत कार्यक्रम चलाने के लिये तत्काल हमला बंद करने के प्रस्ताव पर विश्व के 120 देशों ने समर्थन किया। जबकि इसके विरोध में14  व 45 देश अनुपस्थित रहे। परन्तु इजरायल ने संयुक्त राष्ट के इस प्रस्ताव को सिरे से ठुकराते हुये कहा कि यह संस्था ही अप्रासंगिक हो गयी है। गाजा में उनका हमास सफाया का अभियान जारी रहेगा। इसके साथ इजराइल ने उतरी गाजा के लोगों को सीधी चेतावनी दी है कि उतरी गाजा एक युद्ध क्षेत्र है यहां के निवासी तुरंत उतरी गाजा को खाली कर दक्षिण गाजा की तरफ जायेंं। 7 अक्टूबर से शुरू हुये इस युद्ध में 22 दिनों से गाजा पर भारी बमबारी की जा रही है। गाजा में इंटरनेट, बिजली पानी इत्यादि मानवीय जरूरतों की आपूर्ति बंद कर दी है। इससे गाजा के 4 दर्जन चिकित्सा केंद्र बिजली आपूर्ति बंद होने के कारण बंद हो गये हैं। गाजा में शरणार्थी शिविरों पर भी हो रहे भीषण हमले की सर्वत्र निंदा हो रही है।
वहीं दूसरी तरफ हमास ने तेल अवीब सहित इजरायल के शहरों पर राकेट से हमला कर दिया है। वहीं इजरायली आत्मरक्षा नीति के नाम से गाजा में भीषण तबाही मचाये हुये है। इससे आक्रोशित हो कर अमेरिका, ब्रिटेन,यूरोप व अरब जगत सहित पूरे विश्व में युद्ध बंद करने के समर्थन व इजराइल के खिलाफ भारी जनप्रदर्शन हो रहे हें।  जिस प्रकार से पूरा विश्व हमास द्वारा इजरायल पर किये गये भीषण हमलों की एक स्वर में निंदा कर रहा था, उसी तरह अब पूरा विश्व गाजा में इजरायल द्वारा की जा रही भीषण तबाही के खिलाफ सडकों पर उतरा है। इजरायल के हमलों से गाजा के कई चिकित्सालय तबाह हो गये है। वहीं इजरायल आरोप लगा रहा है कि अल शिफा अस्पताल के नीचे तहखानों में हमास का मुख्य अड्डा है। यहां भारी संख्या में हथियारों का भण्डार होने के साथ यहां से युद्ध का निर्देशन भी किया जा रहा है। इजरायल के इस आरोप को हमास ने सिरे से खारिज कर दिया। हमास ने आरोप लगाया कि इजरायल शिफा अस्पताल पर हमला करने का इसे बहाना बना रहा है। हालांकि  इजरायल ने सबूत के तौर पर हमास के एक बंदी लडाके से यह बयान दिलवाया कि शिफा अस्पताल में हमास की उपस्थिति है। वहीं अरब स्थित अमेरिकी सैन्य बेस पर राकेट हमले निरंतर जारी है। इन हमलो के लिये अमेरिका सीधे तौर पर ईरान को जिम्मेदार ठहरा रहा है। 18 से 27 अक्टूबर तक 20 बार से अधिक बार अरब स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले किये गये। वहीं अरब में अमेरिका के सबसे विश्वसनीय सहयोगी सउदी अरब ने भी गाजा विनाश पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुये इसके गंभीर व दूरगामी परिणाम होने की चेतावनी दी। वहीं ईरान ने अमेरिकी सैन्य बेसों पर हो रहे हमले में अपना हाथ होने से साफ इनकार कर दिया। इस प्रकार से अमेरिका एक प्रकार से ईरान के छदम चक्रव्यूह में फंस गया है। जिस प्रकार से अमेरिका के खिलाफ ईरान के साथ रूस, चीन, उतरी कोरिया व अरब जगत एकजूट है, उससे अमेरिका के लिये गाजा  भी दूसरा अफगानिस्तान बन गया है।इस युद्ध में सबसे सनसनी तब फेली जब हमास व ईरान के प्रतिनिधियों के साथ्ि रूस ने मंत्रणा की। रूस ने हमास व इजराइल युद्ध के लिये अमेरिका को दोषी ठहराया। रूस ने दो टूक शब्दों में कहा कि अमेरिका की इजरायल तुष्टिकरण की नीति के कारण सदैव फिलिस्तीनियों के हितों पर कुठाराघात किया गया। उसी का परिणाम है कि यह स्थिति आज विस्फोटक हो गयी है।
वहीं अमेरिका ने बी61 बम का नया सबसे विनाशकारी संस्करण निकाल कर अपने विरोधियों को सीधे चुनौती दे दी है।इसके साथ इजरायल की सुरक्षा के लिये अपने कई युद्धपोत बेडे तेनात कर दिये है।  ईरान ने ऐलान किया कि हमास बंधको को छोडने के लिये तैयार है। वहीं इजरायल को चेतावनी दी है कि तुरंत गाजा से हटें नहीं तो गाजा इजरायलियों की कब्रगाह साबित होगी।वहीं सुरंगों में छिपे हमास को तबाह करने के लिये इजरायल नर्व गैस से हमला कर हमास का खात्मा करेगा। हमास ने कहा है कि इजरायल की हार का समय शुरू हो गया है। इजरायल की सैन्य व खुफिया श्रेष्ठता का समय समाप्त हो गया है। यह इजरायल के खिलाफ हमारी निर्णायक लडाई है। इस युद्ध की विभिषिका से पूरी मावनता त्राही त्राही कर रही है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि इस मानवता को शर्मसार करने को तुले युद्धरत देशों पर अंकुश लगाने के लिये संसार में कोई मजबूत संस्था नहीं है, जो मानवीय मूल्यों की रक्षा करने में सक्षम हो। विश्व की सबसे मजबूत संस्था संयुक्त राष्ट, इराक व यू़क्रेन युद्ध की तरह गाजा युद्ध में भी पूरी तरह असफल व लाचार साबित हो गया है।

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