दुनिया

हमास व इजरायल युद्ध की विभिषिका से पूरा विश्व स्तब्ध! संयुक्त राष्ट्र फिर साबित हुआ असहाय, विश्व युद्ध का मंडराया खतरा!

 

तत्काल युद्ध बंदी का संयुक्त राष्ट्र का फरमान ठुकरा कर इजरायल ने मचाई गाजा में भीषण तबाही

 

देवसिंह रावत

इजरायल ने गाजा में हमास के खात्मे के लिये जमीनी लडाई शुरू कर दी है। 07 अक्टूबर से प्रारम्भ हुये इस भीषण युद्ध के तीन सप्ताह से अधिक समय सें गाजा में हो रही  इजरायली सुरक्षा बलों के भीषण प्रहार से हमास के एक दर्जन से अधिक बडे नेता सहित 9000 से अधिक लोग मारे गये। इसमें 1400 से अधिक इजरायली भी हमास के हमले में मारे गये। इस गाजा युद्ध के कारण विश्व दो गुटों में विभाजित हो गया है। अमेरिका व उसके नाटो साथी देश जहां इजराइल के साथ खडे हैं। वहीं रूस, चीन, उतरी कोरिया व ईरान सहित अरब जगत फिलिस्तीन के साथ खडे है। इस जंग में हजारों की संख्या में फिलिस्तीन व इजराइल की आम जनता इस तबाही को झेलने के लिये मजबूूर हैं। इजराइल में सवा लाख से अधिक लोग विस्थापित हो गये हैं वहीं फिलिस्तीन के 25 लाख से अधिक लोग बुरी तरह प्र्रभावित हैं। दोनों देशों में हजारों की संख्या में आम लोग घायल हैं। सैकडों की संख्या में अबोध बच्चे भी इस युद्ध के शिकार हुये। सैकडों लोग हमास व इजराइल  द्वारा बंधक बनाये गये हैं।
अल कस्साम ब्रिगेड का इजरायल को चेतावनीं वेस्ट बैंक में इजरायली सेना ने टेंकों से हमास पर किया प्रहार। इस भीषण तबाहीसे पूरा विश्व स्तब्ध है। वहीं इजरायल हमास जंग में युद्ध विराम के लिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग तेज।  इजरायल जीबीयू 72 बंकर नष्ट करने वाले बमों से हमला करेगा। 150 भू गर्भ में बने हमास के ठिकानों को नष्ट किया। फासफोरस बम से हमास पर प्रहार। 27 अक्टूबर को हुई बमबारी में  50 प्रतिशत गाजा तबाह हो गया है। भयंकर बमों की बरसात। 101 युद्धक विमानों से 150 बार प्रहार। जलसेना द्वारा हमास। इजरायल  ने उतरी गाजा में दागे स्मोक बम। गाजा की गली गली में टेंकों से प्रहार। इसके साथ भीषण जमीनी जंग हो रही है। मर्कोव जंग में यासीन टेंक बम का करेगा इस्तेमाल। इजरायल के साथ अमेरिका की डेल्टा फोर्स भी हमास के खात्मे के अभियान में सहभागी है। संयुक्त राष्ट संघ में युद्ध बंद के पारित प्रस्ताव के बाबजूद इजरायल ने हमास के खिलाफ गाजा में भीषण बमवर्षा के साथ टेंक व पैदल सैनिकोें के साथ जल सेना द्वारा भीषण प्रहार कर हमास का सफाया कर रहा है। सुयंक्त राष्ट्र  के आपात अधिवेशन में गाजा में मानवीय सहायता बचाव व राहत कार्यक्रम चलाने के लिये तत्काल हमला बंद करने के प्रस्ताव पर विश्व के 120 देशों ने समर्थन किया। जबकि इसके विरोध में14  व 45 देश अनुपस्थित रहे। परन्तु इजरायल ने संयुक्त राष्ट के इस प्रस्ताव को सिरे से ठुकराते हुये कहा कि यह संस्था ही अप्रासंगिक हो गयी है। गाजा में उनका हमास सफाया का अभियान जारी रहेगा। इसके साथ इजराइल ने उतरी गाजा के लोगों को सीधी चेेतावनी दी है कि उतरी गाजा एक युद्ध क्षेत्र है यहां के निवासी तुरंत उतरी गाजा को खाली कर दक्षिण गाजा की तरफ जायें। 7 अक्टूबर से शुरू हुये इस युद्ध में 22 दिनों से गाजा पर भारी बमबारी की जा रही है। गाजा में इंटरनेट, बिजली पानी इत्यादि मानवीय जरूरतों की आपूर्ति बंद कर दी है। इससे गाजा के 4 दर्जन चिकित्सा केंद्र बिजली आपूर्ति बंद होने के कारण बंद हो गये हैं। गाजा में शरणार्थी शिविरों पर भी हो रहे भीषण हमले की सर्वत्र निंदा हो रही है।

वहीं दूसरी तरफ हमास ने तेल अवीब सहित इजरायल के शहरों पर राकेट से हमला कर दिया है। वहीं इजरायली आत्मरक्षा नीति के नाम से गाजा में भीषण तबाही मचाये हुये है। इससे आक्रोशित हो कर अमेरिका, ब्रिटेन,यूरोप व अरब जगत सहित पूरे विश्व में युद्ध बंद करने के समर्थन व इजराइल के खिलाफ भारी जनप्रदर्शन हो रहे हें।  जिस प्रकार से पूरा विश्व हमास द्वारा इजरायल पर किये गये भीषण हमलों की एक स्वर में निंदा कर रहा था, उसी तरह अब पूरा विश्व गाजा में इजरायल द्वारा की जा रही भीषण तबाही के खिलाफ सडकों पर उतरा है। इजरायल के हमलों से गाजा के कई चिकित्सालय तबाह हो गये है। वहीं इजरायल आरोप लगा रहा है कि अल शिफा अस्पताल के नीचे तहखानों में हमास का मुख्य अड्डा है। यहां भारी संख्या में हथियारों का भण्डार होने के साथ यहां से युद्ध का निर्देशन भी किया जा रहा है। इजरायल के इस आरोप को हमास ने सिरे से खारिज कर दिया।

हमास ने आरोप लगाया कि इजरायल शिफा अस्पताल पर हमला करने का इसे बहाना बना रहा है। हालांकि  इजरायल ने सबूत के तौर पर हमास के एक बंदी लडाके से यह बयान दिलवाया कि शिफा अस्पताल में हमास की उपस्थिति है। वहीं अरब स्थित अमेरिकी सैन्य बेस पर राकेट हमले निरंतर जारी है। इन हमलो के लिये अमेरिका सीधे तौर पर ईरान को जिम्मेदार ठहरा रहा है। 18 से 27 अक्टूबर तक 20 बार से अधिक बार अरब स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले किये गये। वहीं अरब में अमेरिका के सबसे विश्वसनीय सहयोगी सऊदी अरब ने भी गाजा विनाश पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुये इसके गंभीर व दूरगामी परिणाम होने की चेतावनी दी। वहीं ईरान ने अमेरिकी सैन्य बेसों पर हो रहे हमले में अपना हाथ होने से साफ इनकार कर दिया। इस प्रकार से अमेरिका एक प्रकार से ईरान के छदम चक्रव्यूह में फंस गया है। जिस प्रकार से अमेरिका के खिलाफ ईरान के साथ रूस, चीन, उतरी कोरिया व अरब जगत एकजूट है, उससे अमेरिका के लिये गाजा  भी दूसरा अफगानिस्तान बन गया है।इस युद्ध में सबसे सनसनी तब फेली जब हमास व ईरान के प्रतिनिधियों के साथ् िरूस ने मंत्रणा की। रूस ने हमास व इजराइल युद्ध के लिये अमेरिका को दोषी ठहराया। रूस ने दो टूक शब्दों में कहा कि अमेरिका की इजरायल तुष्टिकरण की नीति के कारण सदैव फिलिस्तीनियों के हितों पर कुठाराघात किया गया। उसी का परिणाम है कि यह स्थिति आज विस्फोटक हो गयी है।
वहीं अमेरिका ने बी61 बम का नया सबसे विनाशकारी संस्करण निकाल कर अपने विरोधियों को सीधे चुनौती दे दी है।इसके साथ इजरायल की सुरक्षा के लिये अपने कई युद्धपोत बेडे तेनात कर दिये है।  ईरान ने ऐलान किया कि हमास बंधको को छोडने के लिये तैयार है। वहीं इजरायल को चेतावनी दी है कि तुरंत गाजा से हटें नहीं तो गाजा इजरायलियों की कब्रगाह साबित होगी।वहीं सुरंगों में छिपे हमास को तबाह करने के लिये इजरायल नर्व गैस से हमला कर हमास का खात्मा करेगा। हमास ने कहा है कि इजरायल की हार का समय शुरू हो गया है। इजरायल की सैन्य व खुफिया श्रेष्ठता का समय समाप्त हो गया है। यह इजरायल के खिलाफ हमारी निर्णायक लडाई है। इस युद्ध की विभिषिका से पूरी मावनता त्राही त्राही कर रही है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि इस मानवता को शर्मसार करने को तुले युद्धरत देशों पर अंकुश लगाने के लिये संसार में कोई मजबूत संस्था नहीं है, जो मानवीय मूल्यों की रक्षा करने में सक्षम हो। विश्व की सबसे मजबूत संस्था संयुक्त राष्ट्र, इराक व यू़क्रेन युद्ध की तरह गाजा युद्ध में भी पूरी तरह असफल व लाचार साबित हो गया है।

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