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जी-20  शिखर सम्मेलन से अपने सामर्थ्य के साथ विश्व मेे पहली बार अपने प्राचीन व गौरवशाली नाम का डंका बजायेगा भारत !

9-10 सितम्बर 2023 को होने वाले  संयुक्त राष्ट्र के बाद विश्व के सबसे प्रमुख संगठन जी-20 के शिखर सम्मेलन के लिये अभेद किले में तब्दील हुई दिल्ली

देवसिंह रावत

9-10 सितम्बर 2023को भारत की राजधानी दिल्ली में हो रहे विश्व के प्रमुख  देशों जी-20 देशों के शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन पर भारत के 140 करोड़ भारतीयों के साथ पूरे विश्व की नजरें लगी हुई है। संयुक्त राष्ट्र के बाद विश्व के सबसे  असरदार संगठन जी-20 का भारत के नेतृत्व में हो रहे शासनाध्यक्षों का शिखर सम्मेलन से  पूरे विश्व में भारत का डंका बज रहा है। इसके लिये दिल्ली एक अभेद किले में तब्दील हो गयी है। सबसे  सुखद बात यह है कि यह पहला अंतराष्ट्रीय सम्मेलन होेगा जब देश पूरे विश्व को अपने असली नाम से अवगत करायेगा। इस दिशा में भारत की राष्ट्रपति ने आमंत्रित मेहमानों के सम्मान में दिये गये भोज का आमंत्रण भी भारत देश के राष्ट्रपति के नाम से दिया। गौरतलब है कि अंग्रेजों से मुक्त होने के 76 साल बाद देश खुद अपना  गौरवशाली व प्राचीन नाम भारत आत्मसात कर गुलामी के प्रतीक इंडिया नाम को तिलांजलि देगा तथा पूरे विश्व को अपने नाम से अवगत भी  करायेगा। हैरानी की बात है कि अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति के तत्काल बाद 1947 में ही देश को विदेशी नाम ‘इंडिया  व विदेशी भाषा अंग्रेजी’ से  मुक्त होते हुये भारत को अपनी भारतीय भाषायें व नाम भारत को आत्मसात कर लोकशाही का परचम लहराना चाहिये था। देश को अपना नाम भारत देने के दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढाने के लिये वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी व उनकी सरकार  की जितनी सराहना की जाय उतनी कम है। आशा है कि मोदी सरकार देश को गुलामी के सबसे खौपनाक प्रतीक विदेशी भाषा अंग्रेजी की अनिवार्यता से मुक्त कर देश में शिक्षा, रोजगार, न्याय व शासन भी भारतीय भाषाओं में संचालित करने का ऐतिहासिक कार्य करेंगे।

गौरतलब है कि इस संगठन की अध्यक्षता के रूप में भारत का कार्यकाल 1 दिसम्बर 2022 से 30 नवम्बर 2023 तक है।  दुनिया में जी-20 बहुत ही प्रभावशाली है। इस संगठन के देशों का सकल घरेलु उत्पाद यानी जीडीपी ही दुनिया के सकल घरेलु उत्पाद की 80 प्रतिशत, कुल वैश्विक व्यापार का 75 प्र्रतिशत व दुनिया की कुल आबादी का 60 प्रतिशत  है। यह दुनिया में बहुत ही असरदार संगठन है।
विश्व के अग्रणी देशों के शासनाध्यक्षों सहित सभी आमंत्रित प्रतिनिधियों के स्वागत के लिये देश की राजधानी दिल्ली को  बहुत ही बेहतरीन ढंग से सजाया व संवारा गया है।  दिल्ली की भव्यता को चार चांद लगाने के लिये 21 मूर्तियां, 90 फुव्वारे, बसंत का सा अहसास कराने वाले बाग-बगीचेे व स्वागत पट से दिल्ली का नजारा देखते ही बनता  है। यह शिखर सम्मेलन दिल्ली  के प्रगति मैंदान में कुछ ही समय पहले विशेष  रूप से तैयार किये गये भारत मंडपम सभागार में आयोजित  होगी। इसमें भाग लेने के लिये   अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडा के प्रधानमंत्री  जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के प्रधानमंत्री फिमियो किशिदो, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति समेत दुनिया के 20 देशों के नेता सहित आंमत्रित देशों के 40 बडे बडे नेता  व प्रतिनिधी भाग लेंगे।
विश्व को संचालित करने वाले इन देशों के प्रमुख इस शिखर सम्मेलन में विश्व की वर्तमान आर्थिक, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा आदि प्रमुख  मुद्दों पर  चिंतन मंथन कर दिशा तय करेंगे। इसके साथ इस शिखर सम्मेलन में विश्व  पर मंडरा रहे युक्रेन व  ताईवान आदि विवादों के साथ कोरोना महामारी पर भी चर्चा कर सकते है। परन्तु यह तय है कि भारत के नेतृत्व में होने वाले ेसम्मेलन में यूक्रेन मामले में रूस  के खिलाफ कडा प्रस्ताव शायद ही पारित हो। सुत्रों के अनुसार मेजवान व  इस संगठन के वर्तमान अध्यक्ष भारत इस शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा जैसे  प्रमुख मुद्दों पर ध्यानाकर्षण कर सकता है।
इस शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन – दिल्ली के प्रतिष्ठित पंचतारा होटल  मौर्य, चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग-  ताज पैलेस होटल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक- कनाट प्लेस – अशोक रोड के   शांगरी ला होटल , दिल्ली,फ्रांस के रा…

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों – क्लैरिजेस होटल दिल्ली, कनाडा .के पीएम जस्टिन ट्रूडो-  द ललित होटल, दिल्ली,जापान के प्रधानमंत्री फिमियो किशिदो- द ललित होटल, दिल्ली,तुर्की के राष्ट्रपति रसीप तैयप एर्दोआन- ओबेरॉय होटल,आस्ट्रेलिया  के एंथोनी अल्बनीज- इंपीरियल,
इंडोनेशिया- इंपीरियल होटल, दिल्ली- द कोरिया के राष्ट्रपति  यून सुक योल- ओबेरॉय होटल गुरुग्राम,  के अलावा आमंत्रित शासनाध्यक्षों को लोधी होटल, हयात रिजेंसी,लीला होटल गुरुग्राम,ताज पैलेस होटल,ग्रांड हयात होटल गुरुग्राम आदि प्रतिष्ठित होटलों में ठहराये जायेगे।

इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये सबसे पहले पंहुचे नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद तिनुबु।  वहीं ंरूस व चीन के शासनाध्यक्ष इस सम्मेलन में स्वयं भाग नहीं लेगे पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव व चीन के प्रधानमंत्री ली कियांगअपने  देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। अमेरिका सहित जी-20 शिखर सम्मेलन के मेहमानों की आगवानी करने के लिये भारत ने पलके बिछाई हुई है।
इन विश्व के अति प्रतिष्ठित शासनाध्यक्षों व मेहमानों की सुरक्षा मेें दिल्ली को एक किले में तब्दील कर दी गयी है। दिल्ली में सुरक्षा की दृष्टि से 29 अगस्त से 12 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में पैराग्लाइडर, ड्रोन, पतंगों, हैंग-ग्लाइडर और हॉट एयर बैलून जैसे उप-पारंपरिक हवाई प्लेटफार्मों की उड़ान पर रोक लगाई गई ह। इस सम्मेलन की सुरक्षा के लिये 300 बुलेटप्रुफ वाहनों के साथ  दिल्ली में 50 हजार पुलिस के जवानों सहित  1.5 लाख सुरक्षाबलों  व दिल्ली में आतंक निरोधक दस्ता  भी तैनात किया गया है।  जी 20 शिखर सम्मेलन  में सुरक्षा में अपने देश  के शासनाध्यक्ष की सुरक्षा में अमेरिका की सीआईए, ब्रिटेन की एमआई-6 आदि देशों के विशेष बल कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुये है।  दिल्ली के जिन होटलों में ळ20 सदस्य देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रुकेंगे, उन होटलों की सुरक्षा के साथ-साथ कार्यक्रम स्थल तक आने-जाने वाले सभी रास्तों की जानकारियां भी इन देशों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ शेयर की गई हैं.

7 सितम्बर 2023 की रात 9बजे से 10सितम्बर 2023 के  रात 11.59  बजेे तक दिल्ली की सीमायें एक प्रकार से बंद कर दी गयी।  इस समय दिल्ली की सीमाओं मेें किसी भी भारी, मध्यम व हल्के वाहनों के प्रवेश  की अनुमति नहीं होगी। हाॅ आवश्यक सेवाओं दूध, सब्जी, फल, चिकित्सा आदि आपूर्ति वाहनों को प्रवेश  की अनुमति अर्जित करनी होगी। वहीं आपात चिकित्सा एम्बुलेंस साहयता कक्ष  के लिये दूरभाष नं 6828400604/122(ईआरएसएस) की सहायता दिल्ली में ली जा सकती हैे।
इस शिखर सम्मेलन स्थल व  इन मेहमानों के निवास स्थल सहित अन्य प्रमुख स्थलों में मेहमानों की सुरक्षा  को ध्यान में रखते हुये नई दिल्ली के सभी सरकारी व निजी वि़द्यालय, सरकारी व निजी कार्यालयों आदि संस्थानों में अवकास  घोषित कर दिया गया। देश की राजधानी दिल्ली में सम्मेलन से संबंधित स्थलों  सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(गुडगांव व नोएडा) के चिन्हित स्थलों पर बाहनों की आवाजाही व आम आदमी के लिये प्रतिबंध लगा दिया है। जरूरतमंदों व विशेष सेवा  में सलंग्न कर्मचारियों के लिये ही इस क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत संबंधित अधिकारियों द्वारा दी जायेगी। यही नहीं दिल्ली के वायुमार्ग पर मेहमानों के विमानों के अलावा अन्य विमानों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। अंतर्राज्यीय बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी पर इन सभी बसों का समापन  गंतब्य रिंग रोड पर ही रहेगा।  मेट्रो सेवा  जारी रहेगी। पर सर्वोच्च न्यायालय वाले स्टेशन पर प्रवेश व निकासी बंद रहेगी।
जी-20 की स्थापना हुये केवल 24 साल ही हुये। भारत में हो रहा शिखर सम्मेलन 18वां है। इसका पहला शिखर सम्मेलन अपनी स्थापना के 99वें साल में 14-15 नवम्बर 2008 को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में हुई। विश्व के प्रमुख देशों के वितमंत्रियों व बेंक गवर्नरों के इस जी-20संगठन की स्थापना 1999 में हुई। इस वैश्विक संगठन का कहीं मुख्यालय नहीं है। इसके शासनाध्यक्षों को शिखर सम्मेलन 2008 के बाद हर साल किसी सदस्य देश में होता है, कोरोनाकाल में दूरस्थ  माध्यम से यह शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया।
विश्व  के 20 अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के ध्वजवाहक देशों के इस प्रतिष्ठित संगठन ’जी-20 अमेरिका, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया,ब्रिटेन,  ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका.. तुर्किये, स्पेन और यूरोपीय यूनियन (27 सदस्य) शामिल है.
सदस्य देशों के अलावा और किन देशों का आमंत्रित किया  जाता है।
दिल्ली में हो रहे 2023 के जी-20 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये उपरोक्त सदस्य देशों के अलावा नीदरलैंड, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस और नाइजीरिया को भी आमंत्रित किया गया है। परन्तु भारत ने गुटबाजी से बचने के लिये व इस सम्मेलन को विवाद से बचाने के लिये  यूक्रेन को आमंत्रित नहीं किया  है। इसके साथ विश्व में जनसंख्या की दृष्टि से पांचवे बडे देश पाकिस्तान को भी उसकी पटरी से उतर चूकी अर्थव्यवस्था व आतंकवाद को बढावा देने के कारण आमंत्रित भी नहीं किया गया।
भले ही दुनिया में आज संयुक्त राष्ट्र सबसे बड़ा वैश्विक संगठन है। परन्तु गुटबाजी में बंटे विश्व में अमेरिकी गुट नाटो विश्व में इस समय सबसे प्रभावशाली संगठन है। इसके बाबजूद संयुक्त राष्ट्र के बाद पूरे विश्व के महत्वपूर्ण व समर्थ देशों का संगठन -जी-20 है जिसमें अमेरिका  मित्र देशों के अलावा विश्व की महाशक्ति रूस व चीन भी प्रमुखता से भाग लेता है।

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