Chamoli उत्तराखंड

92 वर्षीया पूज्या जैठबे  जी का  स्वर्गवास

ओम शांति ओम

 

देवसिंह रावत

 

आज 28 मई 2023 की दोपहर 2:30 बजे 92 वर्षीया जैठबे (मां जी की सबसे बड़ी बहन) श्रीमती खिमूली भंडारी जी का निधन अपने गांव कोलसों (बगोली)चमोली उत्तराखंड में हो गया। इस दुखद खबर की सूचना आप कुछ देर पहले मेरे छोटे भाई त्रिलोक सिंह रावत ने दूरभाष से गांव से दी। इस दुखद खबर की सूचना पाते ही मैंने अपनी जैठबे के इकलौते पुत्र बड़े भाई दलीप सिंह भंडारी (दिल्लू दा) से संवेदना प्रकट की उन्होंने बताया कि कल 29 मई को उनके पैतृक श्मशान पावन पिंडर नदी के तट पर बगोली घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा। शोकाकुल परिवार में दिलीप भंडारी उनके उनका परिवार व पुत्र विवाहित पुत्री माहेश्वरी का पूरा परिवार है।
92 वर्षीया जैठबे श्रीमती खिमूली भंडारी के निधन से हमारे मातृ पक्ष की गहरी क्षति हुई। क्योंकि मेरे नाना स्वर्गीय कलम सिंह रावत की 6 संतानों में आज तक एकमात्र जैठबे खिमूली भंडारी ही हमारी बीच में उन सब की सांझी प्रतीक के रूप में विद्यमान थी। मेरी पूज्य माता स्वर्गीय लीला देवी जी अपनी चार बहनों ( स्व श्रीमती खिमूली भंडारी, स्व श्रीमती चंद्रा रावत, स्व श्रीमती तुलसी देवी) में सबसे छोटी तथा दोनों भाइयों (स्वर्गीय धन सिंह रावत व स्व अमर सिंह रावत) से बड़ी थी। परंतु सभी भाई बहनों में सबसे पहले पूज्य माता जी की इस संसार से विदा हो गई। कुछ ही महीने पहले मेरे बड़े मामा स्वर्गीय धन सिंह रावत जी ( चिरखून चमोली) इस संसार से विदा हो गये।
मेरी बड़ी जैठबे खिमूली भंडारी कोलसों,मांझली जैठबे स्वर्गीय चंद्रा श्रीमती चंद्रा देवी-लोदला व सबसे छोटी वाली जैठबे तुलसी देवी खत्याडी-कपीरी में अपने परिवार के साथ रहती है।
आज बड़ी जैठबे खिमूली भंडारी जी के निधन से मां जी के भाई-बहन की अंतिम जीवंत चिराग भी परमात्मा के श्री चरणों में विलीन हो गया। जीवन की आपाधापी में बड़ी जैठबे खिमूली भंडारी भले ही वर्षों से दर्शन न हुये हों परंतु बड़े भाई दलीप सिंह भंडारी से होने वाली वार्ता व रिश्तो की दिल से जुड़े डोर से उनकी पावन स्मृति सदैव मेरी दिल में जीवंत रहती थी।
अपने मातृ पक्ष की भाइयों से कभी कभार बात हो जाती है परंतु नानी नाना मामाओं के संसार से विदा होने के बाद मातृ पक्ष धुंधला सा हो जाता है। भले ही मेरे नाना जी और दादा जी स्व नडी सिंह रावत, ससुर  स्व. गुमानसिंह नेगी जी भारतीय सेना के जांबाज सिपाही रहे, अभी इस परंपरा को मेरे छोटे मामा स्व  अमरसिंह के सुपुत्र  राकेश रावत आगे बढ़ा रहे हैं।बड़ी जैठबे खिमूली भंडारी की पावन स्मृति को शत-शत नमन परमात्मा श्री चरणों में स्थान दे। शोकाकुल उनके परिजनों को इस दुखद त्रासदी को सहने की शक्ति दे। ओम शांति ओम।

About the author

pyarauttarakhand5