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मोदी धामी  उतराखण्ड पर रहम करो, देवभूमि को शराब का गटर न बनाओ,  राजधानी गैरसैंण बनाकर उतराखण्ड का चहुंमुखी बिकास करो,

उत्तराखण्ड में सत्तासीन धामी सरकार के एक साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर  देहरादून में मुख्यमंत्री धामी ने किया ‘‘एक साल नई मिसाल’’ विकास पुस्तिका का विमोचन व सहस्त्रधारा मार्ग स्थित तरला नागल में बनने वाले  सिटी फोरेस्ट का शिलान्यास।

प्यारा उतराखण्ड डाट काम

इसी सप्ताह 23मार्च 2023 को राज्य सरकार के एक साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर देहरादून व दिल्ली सहित उतराखण्ड प्रदेश भर में सरकार की एक साल की उपलब्धियों पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर  रेंजर्स ग्राउण्ड, देहरादून  में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका ‘‘एक साल नई मिसाल’’ का विमोचन किया। इस अवसर पर ग्राम तरला नागल सहस्त्रधारा मार्ग में 12.45 हेक्टेयर में बनने वाले लगभग 37 करोड़ रूपये की लागत के फोरेस्ट सिटी का शिलान्यास भी  किया। कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री ने कन्या पूजन के साथ विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये बहुद्देशीय शिविर का अवलोकन किया। प्रदेश के सभी जनपदों में जनपद के प्रभारी मंत्रियों, विधायकगणों एवं अन्य जन प्रतिनिधियों ने सरकार के एक साल पूर्ण होने पर आयोजित किये गये कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में जहां मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पूर्ण सहयोग व मार्ग दर्शन से हम 2025 तक उतराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की पंक्ति में स्थापित कर देंगे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य उत्तराखण्ड बनाना है।

जहां एक तरफ सरकार के एक साल पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री अपनी सरकार के कसीदे पढ़ कर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुये जोर देकर कह रहे थे कि उतराखण्ड राज्य गठन आंदोलनकारियों का सम्मान करते हुये राज्य गठन की जनांकांक्षायें साकार करने के लिये उनकी सरकार संकल्पबद्ध है।क्योंकि जनविश्वास ही उनकी सरकार  की प्रेरणा है। वहीं दूसरी तरफ  प्रदेश के गांव गांव गली गली में शराब का प्रसार करके प्रदेश को गटर बनाने में जुटी हुई है। सरकार ने  समक्ष व्यक्ति को 60 लीटर  तक शराब(अंग्रेजी, बियर आदि) रखने के लिये मात्र 12000रू के शुल्क पर उपलब्ध कराने के लिये कमर कसे हुये है। इस पर तीब्र प्रतिक्रिया प्रकट करते हुये उतराखण्ड राज्य गठन आंदोलन के अग्रणी आंदोलनकारी संगठन उतराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत ने कहा कि सरकार भूल गयी कि उतराखण्ड युगों से देवभूमि के रूप में देश विदेश के करोड़ों सनातनियों के लिये पूज्य है। जब देश व प्रदेश की सरकार केवल गांधी जी के सम्मान करने के नाम पर गुजरात में शराब बंदी की जा सकती है तो उतराखण्ड जो सदियों से देवभूमि के रूप में विश्व विख्यात है वहां भारतीय संस्कृति के संरक्षक किस मुंह से शराब का गटर बनाने के लिये तुले हैं। दो टके के लालच में भारतीय संस्कृति की उदगम स्थली उतराखण्ड को शराब का गटर बनाया जा रहा है।  श्री रावत ने कहा कि उतराखण्ड की जनता देश भक्त होने के साथ भारतीय संस्कृति के प्रमुख ध्वज वाहक भी हैं। ऐसे में उतराखण्ड सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार का भी दायित्व है कि वे प्रदेश की पावनता की रक्षा करें। इसी की रक्षा के लिये उतराखण्ड की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी के बचनों पर विश्वास कर 2014 से निरंतर भाजपा के हाथों में केंद्र व राज्य की सत्ता सौंपी। यह केवल उतराखण्ड की 5 संसदीय क्षेत्रों के साथ उप्र, दिल्ली, चण्डीगढ़, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र सहित देश के 35 उतराखण्ड प्रभावित लोकसभा सीटों पर विजयश्री दिलाने का कार्य किया। ऐसे में मुख्यमंत्री जहां प्रदेश में चहुंमुखी विकास करने व जनता का विश्वास जीतने की बात कह रहे थे। वहीं हकीकत यह है कि वर्तमान धामी सरकार सहित अब तक प्रदेश की 23 साल की सरकारों ने उतराखण्ड राज्य गठन के सपनों व जनांकांक्षाओं को निर्ममता से रौंदने का कार्य किया। जिससे उतराखण्ड की जनता ठगी महसूस कर रही है। प्रदेश की वर्तमान धामी सरकार भले ही पूर्ववर्ती सरकारों की तरह अपनी पीठ खुद ही थपथपा कर प्रदेश का चहुंमुखी विकास का दावा कर रही हो परन्तु जमीनी हकीकत यह है कि उतराखण्ड राज्य गठन आंदोलन की प्रथम मांग जिसके लिये उतराखण्ड के आंदोलनकारी व उप्र सरकार एक मत थी कि उतराखण्ड की राजधानी गैरसैंण बनाया जाय। परन्तु उतराखण्ड की 23 साल की सरकारों ने देश की सबसे रमणीक विधानसभा भवन गैरसैंण में बनने, उसमें बजट सत्र से लेकर शीतकालीन व ग्रीष्म कालीन आदि सभी सत्र  का सफल आयोजन किये जाने के बाबजूद राजधानी गैरसैंण में न थोप कर उतराखण्ड राज्य गठन के आंदोलनकारी व शहीदों की भावनाओं को निर्ममता से रौंदने के साथ देश की सुरक्षा  से खिलवाड करने की धृष्ठता भी की। क्योंकि  प्रदेश के हुक्मरानों द्वारा  गैरसैंण राजधानी बनाने के बजाय जबरन देहरादून से राजधानी संचालित किये जाने की धृष्ठता से उतराखण्ड के सीमान्त व पर्वतीय क्षेत्रों से लाखों की संख्या में लोग देहरादून सहित मैदान जनपदों में पलायन होने के लिये मजबूर हुये। इससे उतराखण्ड के हजारों गांव विरान हो गये।

प्रदेश गठन की मुख्य मांगों, जैसे राजधानी गैरसैंण,मूल निवास, भू कानून, मुजफ्फरनगर काण्ड के गुनाहगारों को सजा देने, युवाओं के लिये रोजगार का सर्जन कर पलायन का दंश से उतराखण्ड को मुक्त करने, भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन स्थापित करने में अब तक की सभी सरकारों की तरह प्रदेश की वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार भी पूरी तरह असफल रही। अगर प्रदेश में कांग्रेस की तरह भाजपा भी अपना दुराग्रह छोड कर जनांकांक्षाओं को साकार करने का काम करते तो न प्रदेश पर काबिज होने के लिये किया जा रहा जबरन घुसपैठ का हल्द्वानी व देहरादून जैसी समस्या बिकराल होती, न जोशीमठ जैसी त्रासदी पर जनता व सरकार असहाय रहती। न ही प्रदेश में अब तक के मुख्यमंत्री, विधानसभाध्यक्ष, मंत्री, नौकरशाह प्रदेश के आम बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने के बजाय बैशर्मी से इनका बंदरबांट व परीक्षा पत्र पहले ही बेचने की धृष्ठता करते। जिस प्रकार से प्रदेश सरकार ने अंकिता भण्डारी प्रकरण पर गुनाहगारों को कड़ी सजा दिलाने के लिये त्वरित कडे कदम नहीं उठाये उससे प्रदेश की व्यवस्था से आम जनता का विश्वास ही उठ गया। ऐसा लगता है कि प्रदेश की सरकारें प्रदेश के हितों व जनहितों की रक्षा करने के बजाय अपने निहित स्वार्थो, दलीय व अपने आकाओं के स्वार्थपूर्ति को वरियता देती है। इसी कारण प्रदेश की जनता में घोर निराशा छाई हुई है। प्रदेश की जनता प्रधानमंत्री मोदी व उतराखण्ड के मुख्यमंत्री धामी से गुहार लगा रही है कि आप राज्य गठन की जनांकांक्षाओं को साकार करने का कार्य करे। प्रदेश सरकारों की उदासीनता के कारण देश भर के अपराधी उतराखण्ड को अभ्याहरण समझ रहे है।

वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के एक साल के कार्यकाल के पूरे होने पर   मुख्यमंत्री धामी ने की प्रदेश हित में 16 घोषणाएं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य में  मुख्यमन्त्री प्रतियोगी परीक्षार्थी परिवहन योजना शुरू की जायेगी। इस योजना के तहत परीक्षाओं में भाग लेने वाले परीक्षार्थियों को आने-जाने के लिए परिवहन निगम की बसों में किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। कक्षा 06 से ही कम्प्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी की शिक्षा को लागू किया जायेगा। राज्य के सभी 13 जनपदों में लैब ऑन व्हील्स ‘‘चलती-फिरती प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी। उत्तराखण्ड राज्य साइंस टेक्नोलॉजी और इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जायेगा। साथ ही राज्य सरकार इस क्षेत्र में शीघ्र ही ‘‘साइंस और टेक्नोलॉजी इनोवेशन पॉलिसी’’ लायेगी। हल्द्वानी गौलापार में स्थापित अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम को उच्चीकृत कर अन्तरराष्ट्रीय मानकों का खेल विश्वविद्यालय स्थापित किया जायेगा। राज्य में काश्तकारों को सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री औद्यानिकीकरण योजना प्रारम्भ की जायेगी। राज्य में पशुपालकों को सहयोग देने के मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन प्रारम्भ किया जाएगा। राज्य में मुख्यमंत्री कौशल विकास एवं रोजगार योजना प्रारम्भ की जायेगी। जिसमें स्नातक पास छात्र एवं छात्राओं को आवश्यक रूप से दक्ष बनाया जायेगा।  राज्य के ऐसे गाँव जिनकी आबादी 250 से अधिक है, उनको मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रारम्भ की जाएगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में उपलब्धता एवं उपयुक्तता के आधार पर 01-01 अमृत सरोवर ध् झील को पर्यटक स्थल एवं वाटर स्पोर्टस के केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। जिला सेवायोजन एवं कौशल विकास कार्यालय को स्वरोजगार केन्द्र के नोडल कार्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। श्रमिकों के बच्चों को भी उचित स्कूली शिक्षा मिल सके इस हेतु राज्य सरकार मोबाईल स्कूल (चलते-फिरते स्कूल) प्रारम्भ किये जायेंगे। राज्य सरकार द्वारा दिवालीखाल से गैरसैंण तक के सड़क मार्ग के चैड़ीकरण का कार्य किया जायेगा। लोकतंत्र सेनानी की मृत्यु होने पर उनकी पेंशन विधवा पत्नी को दी जाएगी। उत्तराखण्ड के लोकपर्वों उत्तरायणी, फूलदैई, हरेला, ईगास, बूढ़ीदिवाली आदि लोकपर्वों को व्यापक पहचान दिलाए जाने एवं पूर्ण श्रद्धा एवं हर्षाल्लास के साथ मनाए जाने के लिए समेकित नीति बनाई जाएगी।

इस अवसर पर  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज का दिन कई अर्थों में विशेष है। आज के दिन देवभूमि की जनता द्वारा अपनी आशाओं-आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए चुनी गई सरकार का एक वर्ष पूर्ण हुआ है। आज हमारा उत्तराखंड ‘‘उत्कृष्ट उत्तराखंड’’ बनने की राह पर अग्रसर है। उत्तराखंड की राजनीति में यह पहला अवसर था जब जनता-जनार्दन ने किसी एक दल को दोबारा सेवा का अवसर प्रदान किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता भली-भांति जानती है कि कौन इस प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ा सकता है? कौन वंचितों को उनके अधिकार दे सकता है? कौन युवाओं के सपने साकार कर सकता है और कौन अंत्योदय की परिकल्पना को सही आकार दे सकता है? जनता ने सत्य को चुना और हर कसौटी पर परख कर हमें एक बार पुनः सेवा का अवसर दिया। इस एक वर्ष के दौरान हर क्षण यह प्रयास किया है कि जितनी भी प्रदेश के सामने चुनौतियां हैं, उन सभी का समाधान निकाला जाए और राज्य को विकास कि राह पर आगे बढ़ाया जाए।

जमुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जब भी वे जनहित में कोई फैसला लेते हैं, तो सबसे पहले समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों के चेहरों को ध्यान में रखते हैं, इससे निर्णय लेने में आसानी होती है। लोगों का विश्वास ही हमारी प्रेरणा है, उनके इस विश्वास को हमें और अधिक मजबूत करना है। उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने का जो विकल्प रहित संकल्प लेकर हम चल रहे हैं उसके कुछ पड़ाव हमें पार कर लिए हैं और कई पड़ाव अभी पार करने हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अपेक्षा के अनुसार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। किसी भी सरकार के मूल्यांकन के लिये एक वर्ष का समय बहुत कम होता है, फिर भी इस एक वर्ष में नए उत्तराखण्ड के संकल्प के साथ राज्य सरकार ने बड़ी पहल की है। सरकार ने इस एक वर्ष के कार्यकाल को राज्य में संस्थागत सुधारों की दिशा में अनेक कदम उठाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा मसूरी में ‘सशक्त उत्तराखण्ड/25 थीम’ पर आयोजित व्यापक चिंतन और विचार-विमर्श द्वारा क्षेत्रवार राज्य के विकास का ना केवल खाका तैयार किया गया बल्कि इस पर तेजी से काम भी शुरू किया जा चुका है। अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर देने हों, प्रदेश की महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को लागू करना हो, समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने की कार्यवाही हो, जबरन धर्मांतरण पर रोक के लिये कानून बनाना हो,नई शिक्षा नीति लागू करना हो,नई खेल नीति लागू करना हो,सख्त नकल विरोधी कानून हो, राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण देना हो सरकार ने राज्य के लिए आवश्यक इन कार्यों को इतने कम समय में कर के दिखाया है। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून बनाया गया है। उत्तराखंड में पहली बार परीक्षाओं में धांधली करने वाले 80 से ज्यादा लोगों को जेल में डाला है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में देवभूमि उत्तराखण्ड का तेजी से विकास हो रहा है। पिछले वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रदेश के लिए ना केवल स्वीकृत की गई हैं बल्कि इनमें से कई पूर्ण होने की कगार पर भी हैं। प्रधानमंत्री जी ने गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे का शिलान्यास किया है और उन्हीं के मार्गदर्शन में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी पर अभूतपूर्व कार्य हो रहा है। उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए डबल इंजन की हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जी ने श्री केदारनाथ की भूमि पर का था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। सभी विभागों द्वारा आगामी 10 सालों के रोडमैप पर कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, कबीना मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक  खजान दास,  विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, श्रीमती सविता कपूर,  बृज भूषण गैरोला, श्री सहदेव सिंह पुंडीर, मेयर देहरादून श्री सुनील उनियाल गामा, मेयर ऋषिकेश श्रीमती अनीता मंमगई, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु चैहान, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव  शैलेश बगोली, सूचना महानिदेशक  बंशीधर तिवारी, जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे। इस अवसर पर दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में वित्त अधिकारी आशीष खुदलानी, विशेष कार्याधिकारी(राज्य सम्पति)  रंजन मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया/प्रिंट मीडिया के प्रतिनिधि एवं दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड राज्य के समस्त अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।

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