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25 अप्रैल2023 से खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट

अप्रैल 2023 से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा के लिए 21 फरवरी से इंटरनेट माध्यम से पंजीकरण होगा शुरू, प्रतिदिन दर्शनार्थियों की संख्या में की बढ़ोतरी

प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम

25 अप्रैल 2023 को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के ऐलान के साथ ही उत्तराखंड शासन ने भी अप्रैल 2023 से शुरू होने वाली उत्तराखंड के विश्वविख्यात चार धाम तीर्थ यात्रा के लिए कमर कस ली है। इसके तहत 21 फरवरी से इस यात्रा के लिए इंटरनेट के माध्यम से पंजीकरण शुरू किया जाएगा। इसके साथ शासन में चार धाम प्रतिदिन दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या की सीमा पर भी बढ़ोतरी कर दी है। जहां बदरीनाथ धाम के लिए प्रतिदिन दर्शनार्थियों की संख्या 15000 से बढ़ाकर 18000 कर दी गई है। केदारनाथ धाम में यह संख्या 12000 से बढ़ाकर 15000 कर दी गई है। इसके साथ ही गंगोत्री धाम में 7000 से बढ़ाकर 9000 व यमुनोत्री धाम में 4000 से बढ़ाकर 5500 हजार कर दी गई है ।
सरकार ने यात्रियों के पंजीकरण के लिए इंटरनेट सेवा www.registrationandtouristcare.uk.gov.in ,व्हाट्सअप नंबर 8394833833 निशुल्क फोन नंबर नंबर 01351364 व मोबाइल फोन एप touristcare uttarakhand में भी पंजीकरण सेवा उपलब्ध करायी है।

दूसरी तरफ  चार धाम यात्रा 2023 का दिनबार का शुभारंभ करते हुए बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में जिला कार्यालय एनआईसी कक्ष में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक में तैयारियों की समीक्षा की गईं।

अध्यक्ष बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल, 2023 को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यात्रा को सुव्यवस्थित एवं सफल संचालन हेतु जिस स्तर से जो भी व्यवस्थाएं एवं तैयारियां की जा रही हैं, वह सभी व्यवस्थाएं 15 अप्रैल, 2023 से पूर्व ही सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में बर्फ हटाने का कार्य त्वरित गति से शुरू किया जाए तथा जो भी मार्ग क्षतिग्रस्त हैं उनका भी मरम्मत कार्य शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं को संपादित करने हेतु तैनात किए जाने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाए ताकि यात्रा व्यवस्थाओं को संचालित करने में किसी प्रकार की काई परेशानी न हो। यात्रा के दौरान यातायात व्यवस्था के लिए उचित पार्किंग एवं यातायात प्लान तैयार किया जाए तथा सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किए जाने वाले पुलिस कर्मियों को उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए एवं केदारनाथ धाम सहित यात्रा मार्ग में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं, साफ-सफाई व्यवस्था, पर्याप्त शौचालयों की व्यवस्था तथा संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के लिए उचित पानी की व्यवस्था एवं यात्रा मार्ग में विद्युत व्यवस्था आदि सभी व्यवस्थाओं को दुरस्त रखने के निर्देश दिए गए।

बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अवगत कराया है कि केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए तैनात किए गए अधिकारियों एवं कार्मिकों को उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है तथा उन्हें सौंपे गए दायित्वों एवं कार्यों के बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है ताकि यात्रा व्यवस्था में किसी प्रकार की कोई समस्या न आने पाए। उन्होंने कहा कि यात्रा की सफलता के लिए जो भी तैयारियां एवं व्यवस्थाएं जिस स्तर से की जानी हैं सभी को आवश्यक निर्देश देते हुए सभी विभागों द्वारा अपनी-अपनी तैयारियां पूर्ण की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग को सुचारू करने के लिए बर्फ हटवाने का कार्य कल से ही शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं तथा यात्रा मार्ग में जिन स्थानों में वर्तमान में बर्फ नहीं है उस क्षेत्र के क्षतिग्रस्त मार्ग को ठीक कराने के निर्देश डीडीएमए को दिए गए हैं। उन्होेंने यह भी अवगत कराया है कि यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों के साथ किसी प्रकार की कोई क्रूरता न हो तथा बीमार व कमजोर घोड़े-खच्चरों का किसी भी दशा में संचालन न किया जाए इसकी निगरानी के लिए 20 पीआरडी जवानों की तैनाती की गई है जिन्हें उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुए यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों की निगरानी के लिए विभिन्न यात्रा पड़ावों में तैनात किए जाएंगे।

बैठक में अध्यक्ष नगर पालिका श्रीमती गीता झिंक्वाण, अध्यक्ष नगर पंचायत अगस्त्यमुनि श्रीमती अरुणा बेंजवाल, तिलवाड़ा श्रीमती संजू जगवाण, पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी केदारनाथ योगेंद्र सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मार्तोलिया, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत, अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल, जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल, मंदिर समिति से आरसी तिवारी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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