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भारत को विकसित बनाने के महत्वपूर्ण संकल्प व समर्पण से भारत 10 साल में ही दसवें से पांचवे नम्बर की वैश्विक अर्थव्यवस्था बना-ः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

बजट सत्र के शुभारंभ,संसद के  संयुक्ताधिवेशन को राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू का संबोधन, आर्थिक सर्वेक्षण पेश

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आज 31 जनवरी 2023 को संसद का बजट सत्र प्रारम्भ हो गया। इसका शुभारंभ में ही राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्ताधिवेशन को संबोधित किया। इस अवसर पर उप राष्ट्रपति,लोकसभाध्यक्ष व प्रधानमंत्री सहित दोनो सदनों के अधिकांश सदस्य उपस्थित रहे। केवल आम आदमी पार्टी व एक अन्य दल ने सरकार की नीतियों से नाखुश हो कर राष्ट्रपति के इस अभिभाषण का बहिष्कार किया। संसद का सत्र प्रारम्भ होने से पहले प्रधानमंत्री ने विपक्षी दल से अनुरोध किया कि वे राष्ट्र व देश के नागरिक प्रथम के दृष्टिकोण के ध्यान में रख कर तकरार के साथ तकरीर के साथ बजट सत्र को सफल बनायेंगे। हालांकि आजकल जो राजनैतिक वातावरण है उसका गहरा प्रभाव इस सत्र पर जरूर पडेगा। विपक्ष जहां सरकार को मंहगाई, बेरोजगार,किसान, चीन के अतिक्रमण, अडानी प्रकरण, सहित अनैक मुद्दों पर हर संभव ढंग से घेरेगा।
बजट सत्र के शुभारंभ करते हुये राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू ने संसद के संयुक्ताधिवेशन को संबोधित करते हुये कहा कि कुछ ही महीने पहले देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करके आजादी के अमृतकाल में प्रवेश किया है। आजादी के इस अमृतकाल में हजारों वर्षों के गौरवशाली अतीत का गर्व जुड़ा है, भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की प्रेरणाएं जुड़ी हैं और भारत के स्वर्णिम भविष्य के संकल्प जुड़े हैं। हमें ऐसा भारत बनाना है जो आत्मनिर्भर हो और जो अपने मानवीय दायित्वों को पूरा करने के लिए भी समर्थ हो।
सबका साथ- सबका विकास के मंत्र से हमने शुरुआत की थी। समय के साथ इसमें सबका विकास,सबका विश्वास और सबका प्रयास भी जोड़ा गया। यही मंत्र आज विकसित भारत के निर्माण की प्रेरणा बन चुका है।
इन 9 वर्षों में भारत ने हर वो सकारात्मक परिवर्तन होते देखे हैं, जिनकी कामना हम 2014 से पहले करते थे। सबसे बड़ा परिवर्तन ये हुआ है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है। 2014 से पहले जहां देश में कुल लगभग 725 विश्वविद्यालय थे, वहीं बीते केवल आठ वर्षों में 300 से अधिक नए विश्वविद्यालय बने हैं।भारत का ज्ञान-विज्ञान और अध्यात्म सदियों से विश्व का मार्गदर्शन करता रहा है, और आने वाली सदियों में भी विश्व को इसी तरह राह दिखाएगा।One Earth, One Family, One Future के मंत्र के साथ भारत की पूरी कोशिश है कि G-20 के सदस्य देशों के साथ मिलकर मौजूदा वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक समाधान तलाशा जाए।
2047 में देश जब इस सच्चाई को जीएगा तो निश्चित रूप से उस भव्य निर्माण की नींव का अवलोकन और आकलन भी करेगा। तब आजादी के अमृतकाल की इस प्रथम बेला को एक अलग आस्था के साथ देखा जाएगा। इसलिए आज अमृतकाल का ये समय, ये कालखंड बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।पॉलिसी पैरालिसिस की चर्चा से बाहर आकर आज देश की पहचान तेज विकास और दूरगामी दृष्टि से लिए गए फैसलों के लिए हो रही है। इसलिए हम दुनिया की 10वें नंबर की अर्थव्यवस्था से 5वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
राष्ट्रपति महोदया ने कहा कि इन आठ सालों में जहां देश में मेट्रों रेल का नेटवर्क तीन गुना बढोतरी हुई ।वहीं  एक तरफ भारत में अयोध्या धाम का निर्माण हो रहा है तो दूसरी तरफ आधुनिक संसद भवन बन रहा है। एक तरफ हम केदारनाथ धाम, काशी विश्वनाथ व महाकाल महालोक का निर्माण कर रहे हैं तो दूसरी तरफ हमारी सरकार हर जनपद में चिकित्सा शिक्षालय बना रहे है। वहीं हमारा रक्षा निर्यात छह गुना बढ कर हमारेे आत्म निर्भर भारत अभियान का डंका पूरे विश्व में बजा रहा है।राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद देश का आर्थिक सर्वेक्षण वित्तमंत्री सीतारमण ने  संसद में पेश किया गया। वित्तमंत्री ने आश्वासन दिया कि वैश्विक महामारी के कुप्रभाव व वैश्विक आर्थिक मंदी के बाबजूद इस साल भी भारतीय अर्थव्यवस्था संसार की सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। उनके द्वारा प्रस्तुत सर्वे के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था  2023-24 में वर्तमान वित्त वर्ष की तुलना में 6.5 प्रतिशत की दर से बढेगी। उल्लेखनीय है कि गत वित्त वर्ष में यह बृद्धि दर 8.7 प्रतिशत थी।
उल्लेखनीय है कि बजट सत्र 2023 का पहला सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी 2023 तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 13 मार्च से 6 अप्रैल 2023तक चलेगा।

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