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भारत में यह चीनी कोरोना महामारी से हडकंप है या राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा की प्रचण्डता पर  अंकुश लगाने का मोदी सरकार का ब्रह्मास्त्र?

देवसिंह रावत-

चीन के दुश्मन समझे जाने वाले अमेरिका व उसके सैन्य गठबंधन नाटो के साथ भारत सहित अधिकांश विश्व में गत वर्ष भारी तबाही मचाने वाला चीन से विश्व में फैली रहस्यमय जैविक हथियार समझे जाने वाला कोरोना महामारी की चपेट में इन दिनों चीन खुद आ गया। इससे चीन की 100 करोड़ से अधिक आबादी संक्रमित मानी जा रही है। चीन में यह  कोरोना महामारी  के बीफ़-7 नामक विषाणु से चीनियों का जीना दूश्वार हो गया है। इसके लिये दुनिया भर के लोग इस महामारी के कारण विश्व में मारे गये लाखों लोगों की आह, चीन की दुनिया को तबाह करने की धृष्ठता का महाकाल का दण्ड व अमेरिका का प्रतिशोध आदि मान कर चीन को धिक्कार रहे हैं।  परन्तु चीन में इन दिनों इस कोरोना महामारी बीफ़-7 नामक विषाणु  से मची भयंकर हडकंप से दुनिया फिर सहम सी गयी है। लोग आशंकित हैं कि कहीं फिर कोरोना महामारी के दिनों भारत सहित विश्व में मची तबाही का वह खौपनाक मंजर कहीं फिर लौट कर न आये।हालांकि भारत में इस महामारी पर गहन पकड रखने वाले देश के विश्वविख्यात चिकित्सा  विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कोरोना महामारी के बचाव के लिये देश की अधिकांश जनता ने जिस बहुतायत में टीकाकरण करा रखा है,, उससे चीन में तबाही मचाने वाला कोरोना महामारी का यह नवीनतम विषाणु भारत में बहुत कम प्रभावी  रहेगा। इसके बाबजूद देश की सत्ता में आसीन मोदी सरकार, जिनके कुशल नेतृत्व में भारत ने न केवल विश्व में सबसे अधिक टीकाकरण किया अपितु विश्व के अधिकांश देशों को भी इस महामारी से बचाव के लिये बड़ी संख्या में टीकाकरण आदि करा कर विश्व को इस महामारी से उबारने का सराहनीय कार्य किया, उसने भी भारत को चीन में तबाही मचा रहा कोरोना महामारी के इस नये विषाणु की मार से भारत की कैेसे रक्षा करने के लिये सावधानी के तर्ज पर कई कदम उठाने के लिये कमर कस दी है।
इसी के तहत 22 दिसम्बर 2022 को खुद प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया व गृहमंत्री अमित शाह के अलावा सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिव भी दो घण्टे लम्बी चली इस बैठक में सम्मलित हुये। इस बैठक में केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के इस सभांवित चैथे प्रहार के खतरे से बचने के लिये सतर्कता कार्ययोजना बनायी। वहीं चीनी कोरोना महामारी के प्रकोप के संभावित खतरे से निपटने के लिये विश्व के सबसे राज्य उप्र के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने विदेशों से आने वाले लोगों पर निगरानी रखने, जांच आदि करने का त्वरित कदम उठाये। वहीं कर्नाटक सररकार ने राज्य में सभी लोगों को मुंह पट्टिका लगाना अनिवार्य कर दिया। इसके साथ चिकित्सालयों में भी कोरोना महामारी से संबंधित सभी चिकित्सा तैयारियों को पुन्नः दुरस्त करने का निर्णय लिया।
वहीं सरकार द्वारा की जा रही इस प्रकार की तमाम तैयारियों को कांग्रेस जहां राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को मिल रहे अपार जनसमर्थन से केंद्र सरकार की नींद उखडना बताया।वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा राहुल गांधी को अपनी भारत जोडो यात्रा में कोरोना महामारी के बढते हुये खतरों के प्रति सजग कराने व इस यात्रा को निलंबन करने की मांग करने वाले पत्र के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीव्र हमला करते हुये अपनी सभा को संबोधित करते हुये भाजपा की तरफ इशारा करते हुये कहा कि यह उनका नया आइडिया है। उन्होने मुझे पत्र लिखा कि कोविड आ रहा है और यात्रा बंद कर दो। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा, भारत की सच्चाई से डरी हुई है और भारत जोड़ो यात्रा को रोकने के बहाने के रूप में कोविड का इस्तेमाल कर रही है। वे यात्रा को रोकने के बहाने बना रहे हैं कि मास्क पहनो, यात्रा बंद करो, कोविड फैल रहा है….सब बहाने है। हिंदुस्तान की शक्ति से, हिंदुस्तान की सच्चाई से ये लोग डर गये है। यही सच्चाई है।’
कांग्रेस ने यह आरोप लगाया। कांग्रेस का आरोप है कि खुद प्रधानमंत्री गुजरात, हिमाचल आदि राज्यों में बडी बडी जनसंभाये व यात्रा कुछ ही दिन पहले तक कर रहे थे। तब केंद्र सरकार को चीन में मच रहे कोरोना के प्रचण्ड प्रहार की याद नहीं आयी। अब जब राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा उतर भारत में अपना व्यापक असर छोड़ रही है व लाखों लोग हर दिन इस यात्रा से भारी उत्साह से जुड रहे है तो केंद्र सरकार को 2024 में होने वाले लोकसभा आम चुनाव में एक बडा खतरा महसूस हो रहा है। इसी को रोकने के लिये केंद्र सरकार इतनी हडबडी दिखा रही है। भाजपा जो पहले राहुल गांधी की इस यात्रा का उपहास उडा रही थी, अब इस यात्रा को मिल रहे भारी जनसमर्थन को देखते हुये विश्व की सबसे बडी पार्टी होने का दंम भरने वाली मोदी व ााह जैसे महाबलियों के होते हुये अनेक चुनावों में पराजय को ढो रहे कांग्रेसी योद्धा राहुल गांधी की इस यात्रा को 2024 के चुनाव के लिये खतरे की बडी घण्टी क्यों मान रही है?
आज 22 दिसम्बर को केंद्र सरकार की कोरोना की तैयारियों को देख कर देश व अधिकांश राज्यों की सत्ता में आसीन भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान प्रदेश ईकाई ने दोपहर में अगले साल चुनाव की देहरी में खडे राजस्थान में अपनी व्यापक जनाक्रोश यात्रा को ही रद्द करने का ऐलान किया। परन्तु इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व से मिले नये निर्देश के बाद सांयकाल तक राजस्थान भाजपा ने अपना फैसला ही बदलते हुये अपने ट्वीटर खाते में यह संदेश लिख कर अपनी उहापोह की स्थिति को खुद ही उजागर कर दी। प्रदेश भाजपा ने लिखा कि जब तक केंद्र व राज्य द्वारा सावधानी मार्गनिर्देश जारी नहीं किये जाते हैं तब तक भाजपा की पूर्व में घोषित जन आक्रोश सभायें निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित रहेगी। लोकिन कोरोना से बचाव के लिये जरूरी सावधानियों का पालन किया जाना चाहिये।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के सांसद देवजी पटेल, पी पी चैधरी व निहाल चंद ने केंद्रीय मंत्री से कोरोना महामारी के प्रकोप काो स्मरण कराते हुये इस भारत जोडो यात्रा में उमड रही भारी भीड़ को देखते हुये इस यात्रा में भाग लेने वालों को पहले व बाद में एकांतवास में रखने के साथ मास्क, सैनिटाइजर आदि मानकों का कडाई से प्रयोग करने के निर्देश देने की मांग की। उल्लेखनीय है इसी पत्र को आधार बना कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह पत्र लिखा था। गौरतलब है कि यह यात्रा राजस्थान के बाद हरियाणा में प्रवेश कर चूकी है। केंद्र सरकार की इस यात्रा पर लग रही वक्रदृष्टि पर इस यात्रा की समन्वय समिति के अध्यक्ष सलमान खुर्शीद ने संवाददाता सम्मेलन दो टूक शब्दों में कहा कि कांग्रेस अपनी यात्रा में कोविड से बचाव संबंधी सावधानियों का पालन हर हाल में करेगी लेकिन यात्रा नहीं रूकेगी, नहीं रूकेगी। कांग्रेसी नेता खुर्शीद ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर पार्टी व व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है। कांग्रेस की इस यात्रा से सरकार डर गई है। इसीलिये तरह तरह के आदेश पत्र जारी कर रही है। श्री खुर्शीद ने घोषणा की कि 3 जनवरी काो गाजियाबाद के लाोनी क्षेत्र में प्रवेश कर यह यात्रा उप्र में प्रवेश करेगी और इसके बाद बागपत व शामली होते हुये हरियाणा में प्रवेश करेगी।
इस यात्रा पर मंडरा रहे कोरोना महामारी के ग्रहण से लोगों के दिलो दिमाग में यही सवाल मंडरा रहा है कि भारत में यह चीनी कोरोना महामारी से हडकंप है या राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा की प्रचण्डता पर  अंकुश लगाने का मोदी सरकार का ब्रह्मास्त्र? या देश में आम जनता किस बात से खिलवाड़ करने वाला स्वास्थ्य क्षेत्र का माफिया? स्वास्थ माफिया ने जिस प्रकार से कोरना महामारी के द्वारा चिकित्सा के नाम पर अस्पतालों ऑक्सीजन सिलेंडरो व दवाइयों के नाम पर लूट बजाने का काम किया उससे ये माफिया चाहते हैं कि किसी ना किसी बहाने देश में एक बार फिर कोरोना महामारी का ग्रहण सा लगे। इसके साथ सरकारी संसाधनों, दवाइयों व खाद्यान्नों का बंदरबांट करने वाला माफिया तंत्र भी देश पर ग्रहण लगाने के लिए कमर कसे हुये है।
इस इन सब आशंकाओं के बावजूद केंद्र सरकार का अभी से सजग रहना या सजग होना इस वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए नितांत जरूरी है अन्यथा बाद में विपक्ष और आम जनता की सरकार को  ही कटघरे में खड़ा करेगी।

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