केजरीवाल की आशंका व भाजपा मुख्यालय में भाजपा में कैप्टन अमरिंदर सिंह के सम्मलित होने से उपजे सवाल
देव सिंह रावत
क्या भारतीय जनता पार्टी का कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से मोहभंग हो गया या भारतीय जनता पार्टी शीघ्र ही पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को आगे करके कोई बड़ा ही करने वाली है?
यह सवाल तब उपजे जब आज 19 सितंबर 2022 को आनन-फानन में कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने भारतीय जनता पार्टी में सम्मलित होते हुए अपनी पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी का भी भाजपा में विलय कर दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे दिग्गज नेता के भाजपा में प्रवेश के समय उनके कद के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा या गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थित रह कर स्वागत करने की आशा की जा रही थी। हालांकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नडडॉ व गृह मंत्री अमित शाह से मुख्यालय में अलग से उनसे मुलाकात कर चुके थे।
अभी तक भारतीय जनता पार्टी किसी भी बडे नेता के सम्मलित होने पर उनका स्वागत बहुत ही गर्मजोशी से किया जाता रहा। यहां तक कि प्रधानमंत्री जी भाजपा में सम्मलित होने के बाद मिलाया जाता रहा। आज सायंकाल जब अमरेंद्र सिंह व उनके साथी भाजपा में सम्मलित हुए तो उनका स्वागत केंद्रीय कृषि मंत्री व केंद्रीय विधि मंत्री आदि नेताओं ने किया। इससे ऐसे संकेत भी मिले हैं कि भारतीय जनता पार्टी शायद पंजाब विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरेंद्र सिंह को अपेक्षा के अनुकूल जीत न मिलने पर भाजपा का उन से मोहभंग हो गया है। इसीलिए वह गर्मजोशी नहीं देखी गई जो उनके कांग्रेस को छोड़ने के समय भाजपा नेतृत्व ने दिखाई थी।
वहीं पंजाब में तेजी से बदलते हुए घटी राजनीतिक घटनाक्रम में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की सरकार फिर से विधानसभा में अपना विश्वास अर्जित करेगी। जबकि पंजाब विधानसभा में केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी कि सरकार पर्याप्त बहुमत से सत्तासीन है। इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि वह उसकी विधायकों को तोड़कर सत्ता हथियाना चाहती है। केजरीवाल की बातों पर हालांकि देश की राजनीतिक विश्वास नहीं करते हैं। क्योंकि केजरीवाल की अधिकांश बातें हवाई होती है।
परंतु सिर्फ यकायक घटनाक्रम में आज पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश किया। उससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी कहीं न कहीं पंजाब में कोई गुल खिलाने के चक्कर में भी है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शब्दों में पंजाब में भी शायद खेला कर सकती है भाजपा।
जिस प्रकार से पंजाब के मुख्यमंत्री मान की विदेश यात्रा से प्रदेश में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पर सवाल उठ रहे हैं। उससे केजरीवाल की आशंका व अमरेंद्र सिंह के आनन-फानन में भाजपा में सम्मलित होने हैं के तारों को अगर जोड़ कर देखा जाय तो तस्वीर कुछ और ही नजर आ रही है। गौरतलब है कि आज के दिन भारतीय जनता पार्टी के पास पंजाब में अमरेंद्र सिंह से बेहतर मुख्यमंत्री का कोई अनुभवी व सक्षम नेता नहीं है। पंजाब कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरेंद्र सिंह व पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे जाखड़ दोनों ही भारतीय जनता पार्टी के झंडे बरदार बन चुके हैं। ऐसे में सीमांत व संवेदनशील प्रांत पंजाब में अनुभवी व देशभक्त मुख्यमंत्री होने से देश व प्रदेश दोनों को लाभ होगा और पंजाब में पाकिस्तान के शह पर बढ़ने जा रहे आतंकी साया पर भी अंकुश लग सकता है। देखना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की भाजपा में शामिल कराने की भाजपा की रणनीति आने वाले दिनों में क्या गुल खिलाती है। परंतु यह निश्चित है कि पंजाब की राजनीति में सच में कोई खेला होने वाला है।