उत्तराखंड देश

हारे हुए पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद हारे हुए नेता महेंद्र भट्ट को भी बनाया भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष

नई दिल्ली 30 जुलाई 2022 प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम

लगता है  उत्तराखंड पर भारतीय जनता पार्टी बहुत मेहरबान है ।इसीलिए वह  जनादेश अर्जित करने वाले जनप्रतिनिधि की जगह हारे हुए प्रत्याशियों पर दाव लगा रही है।

आज सुबह जैसे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह द्वारा द्वारा जारी विज्ञप्ति से  यह खबर आई कि भारतीय जनता पार्टी ने महेंद्र भट्ट को उत्तराखंड प्रदेश भाजपा का प्रमुख बना दिया है। वैसे ही उत्तराखंड राज्य गठन आंदोलन के प्रमुख आंदोलनकारी देव सिंह रावत सहित राजनीतिक विशेषजज्ञों ने हैरानी प्रकट की कि भाजपा ने जिस प्रकार से उत्तराखंड का मुख्यमंत्री भाजपा नेतृत्व ने भारी बहुमत से विजयी हुई उत्तराखंड प्रदेश का मुख्यमंत्री विजयी विधायक के बजाय पराजित नेता को बना कर देश को चौंका दिया।अब भाजपा नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष भी हारे हुए नेता को बना दिया।

श्री रावत ने भाजपा नेतृत्व को आगाह करते हुए कहा कि कभी दशकों तक देश की सत्ता पर राज करने वाली कांग्रेस को भी यही  रोग लग गया था । जो जितनी बार हारा उसे उतना बड़ा नेता कांग्रेस ने बनाया। लगता है भाजपा भी इस मामले में कांग्रेस का अनुसरण कर रही है।

आज सुबह जैसे ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष पद पर बद्रीनाथ विधानसभा से पराजित भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भट्ट को आसीन किया तो उत्तराखंड राज्य आंदोलन के प्रखर आंदोलनकारी देव सिंह रावत सहित राजनीति के धुरंधरों की सहसा यही प्रतिक्रिया आई।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में प्रचंड मोदी लहर के बावजूद हारने वालों पर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की अपार कृपा हो रही है।उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में खटीमा विधानसभा से हारे हुए भाजपा प्रत्याशी पुष्कर सिंह धामी को भाजपा नेतृत्व ने जीते हुए सभी प्रत्याशियों को नजरअंदाज करके मुख्यमंत्री बनाने के बाद अब बद्रीनाथ की पराजित भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भट्ट को भी बनाया भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष। इससे साफ हो गया है कि भाजपा नेतृत्व न उत्तराखंड की जनादेश का सम्मान करता है। वह न हीं जनहित व प्रदेश की हित में जनता में लोकप्रिय नेताओं को आगे बढ़ाने  में दिलचस्पी रखता है। इसी कारण दिल्ली दरबार पर आश्रित भाजपा व कांग्रेस  नेतृत्व की इसी प्रकार के फैसलों से प्रदेश में जनहित के लिए समर्पित नेतृत्व मजबूत बनकर जन सेवा नहीं कर पाया। इसके कारण राज्य गठन के 22 साल बाद भी उत्तराखंड राज्य गठन की राजधानी गैरसैण आदि जनाकांक्षा आज भी साकार नहीं हो पाई।

अब देखना यह है कि महेंद्र भट्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरह राजधानी गैरसैण आदि जन आकांक्षाओं पर मूक रहते हैं या प्रखर होकर प्रदेश को नई दिशा देने का काम करके जनता की अब तक की धारणा को दूर करते हैं।

 

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