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21 जुलाई को संसद भवन में 11 बजे से होगी राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना

राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए मतदान 18 जुलाई को शांतिपूर्वक संपन्न

राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल की सूची में शामिल कुल 4796 निर्वाचकों में से 99 प्रतिशत से भी अधिक निर्वाचकों ने आज मतदान किया

11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधायकों द्वारा 100 प्रतिशत मतदान की सूचना

19जुलाई 2022, नई दिल्ली से पसूकाभास

भारत का राष्ट्रपति पद, जो देश का सर्वोच्च निर्वाचित पद है, के चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई 2022 को संसद भवन और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एवं केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की विधानसभा सहित राज्य विधानसभाओं के 30 मतदान स्थलों में से प्रत्येक में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। भारतीय गणराज्य के राष्ट्रपति पद का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण चुनावों में से एक है, जिसका संचालन भारत निर्वाचन आयोग भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के अधिदेश के तहत करता है। 16वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए दो प्रत्‍याशी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और श्री यशवंत सिन्हा थे। इसके लिए मतदान 31 स्थानों पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच हुआ।

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संविधान के अनुच्छेद 54 के अनुसार भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिनमें (अ) संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और (बी) सभी राज्यों (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित) की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित संसद के किसी भी सदन या राज्यों की विधानसभाओं के लिए मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं हैं।

राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 के नियम 40 के तहत भारत निर्वाचन आयोग को निर्वाचक मंडल के सदस्यों की एक सूची बनाकर रखने की जरूरत होती है। इस सूची में राज्य सभा, लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों और राज्यों की विधानसभाओं, दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और पुडुचेरी के संघ शासित प्रदेश के निर्वाचित सदस्यों के नाम इसी क्रम में होते हैं। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्यता संबंधी सक्षम न्यायालय के फैसले के बाद दो सदस्य श्री अनंत कुमार सिंह और श्री महेंद्र हरि दलवी आज चुनाव में मतदान करने के पात्र नहीं थे। इसके अलावा राज्यसभा में 05 और राज्य विधानसभाओं में 06 रिक्तियां हैं। इसलिए इस राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने के लिए निर्वाचक मंडल की सूची में कुल 4,796 निर्वाचक थे।

नई दिल्ली में संसद भवन में कमरा संख्या 63 और सभी राज्य विधान सभा सचिवालयों [राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित] में अन्य 30 मतदान केंद्रों को मतदान के स्थान के रूप में निर्धारित किया गया था। संसद सदस्यों ने नई दिल्ली में मतदान किया और राज्य विधान सभाओं के सदस्यों, जिनमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की विधान सभाओं के सदस्य शामिल हैं, उन्होंने प्रत्येक विधान सभा में नियत स्थान पर मतदान किया। हालांकि, आयोग द्वारा किसी भी संसद सदस्य/विधान सभा के सदस्य को उनके लिए निर्धारित मतदान केंद्र के अलावा किसी अन्य मतदान केंद्र पर मतदान करने की सुविधा भी प्रदान की गई थी। इस मुताबिक 44 सांसदों को राज्य मुख्यालय में, 09 विधायकों को संसद भवन में और 02 विधायकों को अन्य राज्य मुख्यालयों में मतदान करने की अनुमति दी गई थी।

प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, मतदान करने के योग्य कुल 771 संसद सदस्यों में से (05 रिक्त) और मतदान करने के योग्य विधानसभाओं के कुल 4025 सदस्यों में से (06 रिक्त और 02 अयोग्य घोषित), 99 प्रतिशत से ज्यादा ने अपने वोट आज डाले। हालांकि छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, पुडुचेरी, सिक्किम और तमिलनाडु से विधायकों द्वारा 100 प्रतिशत मतदान करने की सूचना मिली।

मतदान की गोपनीयता तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

· चुनाव आयोग द्वारा केंद्रीय स्तर पर बैंगनी स्याही के पृथक सीरियल नंबर वाले पेन की आपूर्ति की गई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाता द्वारा वोट की वरीयता को चिह्नित करने के लिए किसी अन्य उपकरण का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

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· मतदान केंद्रों के बाहर प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा विशेष पोस्टर उपलब्ध कराए गए थे, जिनमें मतदान के लिए विशेष पेन और मतदाताओं के लिए ‘क्या करें और क्या न करें’ के बारे में जानकारी दी गयी थी।

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· आरओ/एआरओ/सीईओ/ईसीआई अधिकारियों, ईसीआई पर्यवेक्षकों, सुरक्षा कर्मियों आदि के लिए विभिन्न व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे, जिनका राज्य मुख्यालय, संसद और भारत निर्वाचन आयोग के साथ गतिविधियों की बारीकी से निगरानी और समन्वय करने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा था।

· चुनाव प्रक्रिया के साथ-साथ चुनाव के दौरान होने वाली किसी भी तरह की अनियमितता पर नजर रखने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ संसद में मतदान के सभी केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी।

· संसद भवन में मतगणना प्रक्रिया के लिए 02 पर्यवेक्षक भी तैनात किए गए हैं।

16वें राष्ट्रपति चुनाव, 2022 के लिए शुरू की गई नई विशेषताओं में शामिल हैं:

• कोविड-19 पॉजिटिव मतदाताओं के लिए सुविधा- आयोग ने कोविड-19 पॉजिटिव मतदाताओं को मतदान के अंतिम घंटे में या राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण/संबंधित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सभी मौजूदा कोविड दिशानिर्देशों/निर्देशों का पालन करते हुए सभी गैर-कोविड मतदाताओं द्वारा मतदान करने के बाद की अवधि में मतदान करने की अनुमति दी। दो कोविड-19 पॉजिटिव मतदाताओं ने तमिलनाडु विधान सभा में अपने वोट डाले और एक कोविड-19 पॉजिटिव संसद सदस्य ने केरल के तिरुवनंतपुरम में अपना वोट डाला।

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• इस बार आयोग ने संबंधित निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे पर्यावरण के अनुकूल और बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग सुनिश्चित करें तथा भारत सरकार के मौजूदा निर्देशों के अनुसार निषिद्ध प्लास्टिक/सामग्री के उपयोग को समाप्त करें।

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मेघालय में हरित मतदान केन्द्र स्थापित

संविधान के अनुच्छेद 55 (3) के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति के पद का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व व्‍यवस्‍था के अनुसार एकल हस्‍तांतरणीय मत के माध्यम से होता है और ऐसे चुनाव में मतदान गोपनीय होता है। संविधान के (चौरासीवें) संशोधन कानून, 2001 में प्रावधान है कि जब तक वर्ष 2026 के बाद की जाने वाली पहली जनगणना के लिए जनसंख्या के उपयुक्‍त आंकड़े प्रकाशित नहीं हो जाते, तब तक राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटों के मूल्य की गणना के प्रयोजनों के लिए राज्यों की जनसंख्या का अर्थ 1971 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या का निर्धारण होगा।

खाली मतपेटियों की हिफाजत और उन्‍हें ईसीआई से राज्यों तक 12 और 13 जुलाई, 2022 को सुरक्षित पहुंचाने के लिए पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। इसी तरह 30 मतदान मतपेटियों को वापस लाने के लिए भी राज्य की टीमों के लिए परिवहन व्यवस्था की गई है। सभी मतपेटियां और अन्य चुनाव सामग्री 19 जुलाई, 2022 तक संसद भवन यानी मतगणना स्थल पर पहुंच जाएगी। मतों की गिनती 21 जुलाई, 2022 को 1100 बजे की जाएगी।

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