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देश के सबसे बड़े पत्रकार संगठन प्रेस क्लब आप इंडिया के चुनाव में फिर सत्तासीन हुए उमाकांत व विनायक कुमार

इसलिए पहली बार उमड़ी प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के चुनाव में भारी भीड़

देव सिंह रावत

उमाकांत लखेडा व विनय कुमार समूह फिर हुआ भारी बहुमत से सत्तासीन ।कल रात घोषित देश के सबसे बड़े पत्रकार संगठन की नई कार्यकारिणी के चुनाव के लिए 21 मई को हुए चुनाव का परिणाम 22 मई को घोषित हुए। परिणामों के अनुसार 4700 के लगभग पत्रकार मतदाताओं में से 1781 पत्रकारों ने इस चुनाव में भाग लिया। भले ही इन चुनावों में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर चुनाव संपन्न हुए ।परंतु इस चुनाव में वामपंथी समर्थकों की एकजुटता लखेडा व विनायक कुमार समूह को विजय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही। मुख्य चुनाव अधिकारी एमएम शर्मा व उनके साथियों ने गत वर्ष की भांति इस बार भी निष्पक्ष चुनाव कराने की सराहनीय भूमिका अदा की। चुनाव समिति के महत्वपूर्ण सदस्य नौटियाल जी के अनुसार इस बार भारी संख्या में मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया और वह भी भारी गर्मी में।
अध्यक्ष पद पर उमाकांत लखेडा को 898 वोट उनके निकटतम प्रतिद्वंदी संजय बसाक को 638 मत पड़े ।वहीं उपाध्यक्ष पद पर मनोरंजन भारती को 887 मत पड़े महासचिव पद पर विनय कुमार को 823 मत पड़े  और उनके निकटतम प्रतिद्वंदी पल्लवी घोष को 668 मत पड़े। वहीं संयुक्त सचिव पद पर स्वाति माथुर को 870 मत पड़े ।कोषाध्यक्ष पद पर चंद्रशेखर लूथरा को 787 मत पड़े।

वहीं कार्यकारिणी के सदस्यों में आदेश रावल,अमित पाण्डे,अमृता मधुकालिया, अनिश कुमार,कृतिका शर्मा,अब्दुल बारी मसूद,मानवेंद्र वशिष्ठ,मयंक सिंह,मो. मेहताब आलम,मिहिर गौतम, राहिल चोपड़ा,संगीता,शेमिन जोय,तेलाप्रोलु, विनायक भूषण व विनिता ठाकुर विजय हुई।
इस चुनाव में हार जीत के अलावा सबसे सुखद  बात यह रही  कि भारी गर्मी को नजरअंदाज करते हुए हजारों की संख्या में पत्रकारों ने एक डेढ़ घंटे तक खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया। इतनी भीड़ को देखकर न केवल पत्रकार चौंके ।वहीं तो दिल्ली पुलिस के यातायात कर्मियों के भी पसीने छूटे। कितनी भीड़ का अंदाजा चुनाव कमेटी को भी नहीं था। भारी संख्या में उमड़े पत्रकार मतदाताओं का मुख्य कारण यह लगाया जा रहा है कि एक तो कोरोना काल के बाद पहली बार खुले माहौल में यह मतदान हुआ। कोरना के दंश से सहमें आम जनमानस की तरह पत्रकार भी अपने अनेक पत्रकार साथियों को खोने के दंश से उबरते हुए मतदान में शामिल हुए। दूसरा कारण यह भी लग रहा है कि कोरोना काल व उसके बाद जिस प्रकार से समाचार जगत में हजारों की संख्या में पत्रकारों ने अपनी आजीविका खोई  है ।उस असुरक्षा से उबरने के लिए पत्रकारों को भी मजबूत संगठन की जरूरत महसूस हुई। जो इस प्रकार के संकट काल में उनका सहारा बन सके। इसके साथ इस बार जिस प्रकार से 4 समूह में पत्रकार संगठन की नई कार्यकारिणी के लिए दावेदारों ने बहुत ही दमखम से चुनाव अभियान चलाया ,उससे भी सैकड़ों की संख्या में वे पत्रकार भी चुनाव में अपने मतदान का प्रयोग करने के लिए प्रेस क्लब पहुंचे। भले ही इन चुनावों में दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा का पर्याप्त प्रबंध किया था परंतु चुनाव हर साल की तरह बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। वरिष्ठ पत्रकार विवेक शुक्ला के अनुसार संसद के चौखट पर बने वर्तमान प्रेस क्लब कभी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के सांसद पति फिरोज गांधी का आवास रहा।

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