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भारत को बचाने के लिए उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या पलायन को रोकना होगा: उप्र के मुख्यमंत्री योगी

 

राजधानी गैरसैंण बनाने से ही होगा उत्तराखंड में पलायन सहित चहुंमुखी विकास की समस्या का समाधान योगी जी

 

03 से 04 मई, 2022, यमकेश्वर पौड़ी उत्तराखंड से प्याउ व  उत्तराखंड सूचना केंद्र

उत्तराखंड राज्य गठन हुए 22 साल हो गए । इन 22 सालों में कई मुख्यमंत्री /सरकारें सत्तारूढ़ रही परंतु उत्तराखंड के हुक्मरानों ने उत्तराखंड की मूल समस्या का समाधान करना तो रहा दूर उसकी पहचान तक करने में विफल रहे। इसी सप्ताह 03 से 4 मई 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी उत्तराखंड के दौरे पर यमकेश्वर पौड़ी क्षेत्र में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ जी को समर्पित महाविद्यालय के समारोह व अपने गांव पंचूर में वर्षों बाद अपनी माताजी सावित्री देवी से आशीर्वाद लेने पहुंचे। इस अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रमों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने दो टूक शब्दों में उत्तराखंड की मुख्य समस्या पलायन का समाधान उत्तराखंड की चहुंमुखी विकास के साथ देश की सुरक्षा के लिए भी नितांत जरूरी बताया।

उत्तराखंड के हुक्मरानों की आंख खोलने वाले संबोधन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा कि देश को बचाना है तो उत्तराखंड के पलायन को रोकना होगा क्योंकि उत्तराखंड देश की उत्तरी सीमा है। वृक्षारोपण, जल संरक्षण को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखंड मे आध्यात्मिक पर्यटन को इको पर्यटन से जोड़ना होगाl योगी जी ने कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा लेकिन इसके लिए पलायन को रोकना पड़ेगा ।
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखंड में सबसे बड़ी समस्या पलायन है। यहां अच्छी शिक्षा अच्छा माहौल सौंदर्य और संभावनाएं हैं। उत्तराखंड का युवा जहां भी जाता है अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाता है।
योगी के संबोधन के समय भले ही वहां पर उपस्थित उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व तीरथ सिंह रावत, विश्व विख्यात संत व प्रदेश के कबीना मंत्री सतपाल महाराज व कबीना मंत्री धन सिंह रावत सहित प्रदेश की अनैक गणमान्य लोग उपस्थित थे। परंतु शायद ही उत्तराखंड के हुक्मरानों को योगी जी की दो टूक बात समझ में आई होगी। हालांकि उत्तराखंड पूर्व सरकार में पलायन आयोग बनाने का रस्म अदायगी का काम किया। पलायन आयोग इस समस्या की जड़ खोज कर उसको दूर करने के बजाय उसके सरपरस्त खुद के अपने कार्यालय पूरी में आसीन होने के बजाय प्रदेश के हुक्मरानों की तरह देहरादून में ही कुंडली मार के बैठे रहे इससे उनकी संवेदनहीनता व समर्पण उजागर हुई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तराखंड की मुख्य समस्या पलायन को उजागर किए जाने पर दो टूक टिप्पणी करते हुए उत्तराखंड राज्य गठन आंदोलन के वरिष्ठ आंदोलनकारी देव सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड की मूल समस्याओं को योगी जैसे जन समर्पित नेता ही समझ सकते हैं। श्री रावत ने कहा कि उत्तराखंड की दो मुख्य समस्या पलायन आदि है उसका समाधान राजधानी के आसन बनाना से ही संभव है। श्री रावत ने कहा कि योगी जी, उत्तराखंड की #राजधानी_गैरसैंण बनने से ही हो सकता है प्रदेश का चहुंमुखी विकास, रुक सकता है पलायन, बन सकता है हिमाचल की तरह खुशहाल राज्य, होगी देश की सुरक्षा व तभी साकार होंगे राज्य गठन के सपने।आखिर कब समझेंगे इतनी सी बात उत्तराखंड के हुक्मरान ?
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी श्री रावत ने कहा कि राजधानी पैर से न बनने के कारण लखनवी मानसिकता के देहरादून में कुंडली मारे नौकरशाहों और नेताओं को उत्तराखंड की लोकशाही का भान भी नहीं है। इसी कारण उत्तराखंड राज्य का गठन करने वाले पर्वतीय जनपदों से शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार व शासन भी सिमट कर देहरादून के आसपास ही कुंडली मार के आसीन हो गए। जिसके कारण पर्वतीय जनपदों से बेहतर शिक्षा चिकित्सा रोजगार आदि के लिए लोग मजबूरी में पलायन करने लगे जो चीन से लगे उत्तराखंड के साथ-साथ देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उत्तराखंड की लोकशाही का मर्म न जानने वाले नौकरशाहों व सरकारों की राजधानी गैरसैण उपेक्षा के साथ साथ उत्तराखंड राज्य गठन की मुजफ्फरनगर कांड के अभियुक्तों को सजा देने, हिमाचल की तरह भू कानून बनाने, मूल निवास, जनसंख्या पर आधारित विधानसभा परिसीमन पर अंकुश लगाने व माफिया रहित सुशासन जैसी मुख्य मांगों की भी शर्मनाक उपेक्षा की।
इसके कारण उत्तराखंड के लोग राज्य गठन के बाद प्रत्युष की सरकारों के कुशासन से थके महसूस कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार को इस बात का महान होना चाहिए उत्तराखंड के जन आकांक्षाओं के समाधान के लिए और देश की सुरक्षा के लिए राजधानी गैरसैंण का होना नितांत आवश्यक है उसी से प्रदेश का चहुंमुखी विकास भी होगा और उत्तराखंड की सरकारों और नौकरशाही को उत्तराखंड के जन आकांक्षाओं का सम्मान करने का भी भान होगा। तभी मुजफ्फरनगर कांड, भू कानून व मूल निवास आदि साकार हो पाएंगे।
राज्य गठन करते समय सरकार ने जो बलात उत्तराखंड के साथ कुंभ क्षेत्र को छोड़ दी पूरा हरिद्वार जनपद को उत्तराखंड में सम्मलित किया उससे उत्तराखंड का सामाजिक ताना-बाना भी बिगड़ गया। बेहतर होता उत्तराखंड सरकार कुंभ क्षेत्र को छोड़कर शेष हरिद्वार जनपद को उत्तर प्रदेश में फिर से सम्मलित करने व मुजफ्फरनगर कांड के अभियुक्तों को सजा देने की पुरजोर मांग करती। परंतु इतनी दूरदर्शिता व साहस उत्तराखंड के नेताओं में दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती। इसी कारण उत्तराखंड की यह दुर्दशा हो रही है।

उल्लेखनीय है कि अपने उत्तराखंड दौरे के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय, बिध्याणी, यमकेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय, बिध्याणी, यमकेश्वर में ब्रह्मालीन राष्ट्रसंत महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की मूर्ति का अनावरण भी किया।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि महंत अवैद्यनाथ जी की प्रेरणा से ही यहां महाविद्यालय की स्थापना हुई है। उन्होंने कहा कि ग्राम कांडी में ही महंत अवैद्यनाथ जी का जन्म हुआ था किंतु ज्यादा समय तक नहीं रुक सके थे। कहा कि वे यहां की शिक्षा व्यवस्था के बारे में पूछते रहते थे। मैंने उन्हें अवगत कराया था कि यहां कोई डिग्री कॉलेज नहीं है, यहां के निवासियों ने समिति बनाकर कॉलेज के लिए जमीन दी और यहां कुछ कक्षाओं का प्रारंभ हो सका था। उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रुप से गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि पूज्य गुरु जी को उनकी जन्मभूमि पर सम्मान दे पा रहा हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे लिए गौरव की बात है कि मैं अपने स्कूली गुरुजनों का सम्मान कर पा रहा हूं। कहा कि देश 2014 के बाद नए उत्साह के साथ आगे बढ़ रहा हैl कोरोना में बहुत से लोगों ने अपनों को खोया है लेकिन भारत का सबसे बढ़िया प्रबंधन पूरे विश्व में सराहा गया, पहले महामारी में मौतें बीमारी से ज्यादा भुखमरी से होती थी लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश बदल चुका है,सरकार संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है ।

जहां अन्य राज्यों में अव्यवस्था फैली है वही उत्तर प्रदेश में कहीं कोई उपद्रव नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश में व्यक्तिगत आस्था पर कोई प्रतिबंध नहीं है किंतु उससे किसी अन्य को असुविधा नहीं होनी चाहिए। कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है, जन भावना के साथ आस्था के नाम पर खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। कहा कि हमने उत्तर प्रदेश से लगभग एक लाख अनावश्यक माइक हटवाए हैं और कहीं कोई विवाद नहीं है। योगी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश उत्तराखंड की 21 वर्षों से जकड़ी समस्या का समाधान अंतिम चरण पर है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ करिश्माई व्यक्तित्व है। योगी जी जन्म भूमि में लंबे वक्त बाद आए है। उन्होंने कहा कि महंत अवैद्यनाथ जी का संबंध हिंदू धर्म, भाई चारे को मजबूत करने व जो पीछे छूट गए हैं उन्हें मुख्य धारा में लाने का रहा है। उनका राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कहा कि पहले अयोध्या में भगवान राम टेंट में थे वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार बनने के बाद वहाँ भव्य मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। कहा कि मोदी-योगी के नेतृत्व में अयोध्या भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ मार्ग भव्य हुआ है जिससे लोगों को जल चढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं होती है। मोदी जी ने कहा है कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। उत्तराखंड में आजादी के बाद जितने पर्यटक चार धाम की यात्रा पर आए हैं इन 10 सालों में सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा मार्गों पर होटल, परिवहन व यात्रा से जुड़े लोगों से जानकारी मिली है कि आने वाले 2 माह के लिए सारे होटलों की बुकिंग फुल हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योगी जी का जन्म उत्तराखंड में हुआ है किंतु वे अब पूरे देश की धरोहर बन चुके हैं। कहा कि 21 सालों से उत्तराखंड-यूपी का परिसंपत्तियों के बंटवारे से संबंधित मामले का मात्र 20 मिनट की बैठक में ही हल निकल गया। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ विद्यालय में विज्ञान की कक्षाएं चलाई जाएंगी, साथ ही
जो भी अन्य संसाधनों की आवश्यकता होगी उसे पूरा किया जाएगा।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने गुरुजनों राजेंद्र सिंह रावत, राजेंद्र सिंह भंडारी, महिमानंंद बड़थ्वाल, सत्य प्रसाद बड़थ्वाल को सम्मानित किया। इन कार्यक्रमों में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधायक रेणु बिष्ट सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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