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देश के साथ उत्तराखंड आदि राज्यों के लिए भी खतरे की घंटी है जहांगीरपुरी दंगा

 

घुसपैठियों, राष्ट्र द्रोहियों व अपराधियों को शर्मनाक संरक्षण देने वाली सरकारों के कारण हो रहे हैं जहांगीरपुरी जैसे दंगे

देव सिंह रावत

16अप्रैल यानी हनुमान जयंती के दिन देश की राजधानी दिल्ली की जहांगीर क्षेत्र में जिस प्रकार हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली जा रही शोभायात्रा पर जिस प्रकार से असामाजिक तत्वों यकायक पथराव आगजनी हिंसा गोलाबारी कर देश की राजधानी को फिर एक बार दंगों की भट्टी में झोंकने का जो कुकृत्य किया था। दंगाइयों ने अनेक वाहनों में तोड़फोड़, आगजनी, लूटपाट व पथराव किया। इसके साथ गोलियां भी चलाई। इससे पूरे जहांगीरपुरी में दहशत फैल गई ।
भले ही उसे दिल्ली पुलिस व सुरक्षा बलों ने तत्काल सजग रह कर कार्रवाई कर विफल कर दी हो परंतु इस प्रकरण से जहां पूरा देश स्तब्ध है वहीं जहांगीर पुरी की घटना देश के साथ साथ दिल्ली, उत्तराखंड, बंगाल, राजस्थान, पंजाब, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड असम आदि राज्यों के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है। जो सरकार हैं सत्ता के लिए घुसपैठियों व असामाजिक तत्वों की अवैध बस्तियों को शर्मनाक संरक्षण देकर देश की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करते हैं ।वहीं कश्मीर, बंगाल, किरोली व जहांगीरपुरी जैसी त्रासदी को आमंत्रण देने के गुनाहगार होते हैं।
इसी पखवाड़े जिस प्रकार से रामनवमी के दिन गुजरात मध्य प्रदेश झारखंड बंगाल महाराष्ट्र आदि राज्यों में रामनवमी की जुलूस पर हिंसा आगजनी पथराव यह गेम उससे पूरा देश आक्रोशित था। परंतु जिस प्रकार देश की राजधानी दिल्ली की जहांगीरपुरी में भी शांतिपूर्ण शोभायात्रा पर दंगाइयों ने तांडव मचाया उससे पूरा देश इस समस्या का ठोस समाधान सरकार से अभिलंब चाहता है।
जिस प्रकार कांग्रेस की पूर्व केंद्रीय सरकार, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत, आदि की सरकारें अंध तुष्टिकरण करके इनके अपराधों पर पर्दा डालने की नाकाम कोशिश करते रहे। इससे देश की अमन शांति पर गंभीर संकट मंडराने लगे हैं।
परंतु देश को आशा थी कि मोदी सरकार के आने के बाद दिल से बांग्लादेशियों सहित अन्य घुसपैठियों व राष्ट्र विरोधी तत्वों पर कड़ाई से अंकुश लगाया जाएगा। धारा 370 के हटाने और राम जन्म विवाद सुलझाने में मोदी सरकार ने जो सराहनीय कार्य किए उससे लोगों की आशा जगी की सरकार देश को बर्बादी की गर्त में धकेलने वाले घुसपैठियों पर भी तत्काल अंकुश लगा कर देसी बाहर खदेडेगी। परंतु समय तेजी से गुजर रहा है सरकारें इस दिशा में ठोस काम नहीं कर पा रही है जिसके कारण देश में इस प्रकार की भयानक स्थिति देखनी पड़ रही है देश का सौभाग्य रहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बहुत ही मजबूती से इस प्रकार की राष्ट्र विरोधी तत्वों पर अंकुश लगाए हुए हैं योगी जी से प्रेरणा लेकर असम व मध्य प्रदेश की सरकारें भी इसी दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है।
दिल्ली में जहांगीरपुरी के प्रकरण पर लोगों को आशा थी कि यहां पर भी योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर दाव से इन अवैध बस्तियों व दंगाइयों पर अंकुश लगाया जाता।
परंतु यह वही तारीख पर तारीख वाला हथकंडा अपनाया जा रहा है। जिसमें साफ दिख रहा है कि किस प्रकार से जहांगीरपुरी प्रकरण का मुख्य अभियुक्त पुलिस की हिरासत में बैखौफ व लोगों को धमकाने का इशारा कर पीड़ितों के जख्मों में नमक छिड़कने का दुस्साहस कर रहा है।
भारत के ही नहीं अपितु पूरे विश्व के जागरूक लोग हैरान हैं कि यह कैसा देश भारत है जहां बहुसंख्यक समाज के शांतिपूर्ण आयोजनों पर हमला किया जाता है? कैसे अवैध घुसपैठिये देश की राजधानी सहित विभिन्न भागों में अपनी अवैध बस्तियां बसा कर खुलेआम देश की अमन-चैन को बर्बाद करते हैं ? कैसे अल्पसंख्यक समाज की बस्तियों में बहुसंख्यक समाज के शांतिपूर्ण आयोजनों/ शोभा यात्राओं पर हमला करने का दुस्साहस किया जाता है? देश की सरकारें इन अपराधियों का बाल भी बांका नहीं कर पाती है और इस समस्या को फलने फूलने में शर्मनाक संरक्षण देती रहती है। इस प्रकार की कल्पना व हरकत विश्व में अन्यत्र कहीं भी नहीं की जा सकती है।
देश का सबसे शांति प्रिय राज्य समझा जाने वाला उत्तराखंड भी राजनीतिक दलों की इसी प्रकार की तुष्टिकरण की प्रवृत्ति के कारण ऐसी घुसपैठ की असामाजिक तत्वों का अभ्यारण बन चुका है। जिन उत्तराखंड के शीर्ष नेताओं तत्कालीन अटल सरकार को अपने निहित स्वार्थ संकीर्ण मानसिकता की पूर्ति के लिए गुमराह कर कुंभ क्षेत्र को छोड़कर पूरा जनपद उत्तराखंड में मिलाने का कृत्य किया, वे सब आज उत्तराखंड की बदहाली के लिए बराबर के गुनाहगार हैं। राजनीतिक दल भाजपा व कांग्रेस जब भी सत्ता में रहते हैं वह इस समस्या के निदान की प्रति धृतराष्ट्र बन जाते हैं। यही नहीं वह इन अपराधियों को शर्मनाक संरक्षण देने का काम भी करते हैं। पिछले साल ही जिस प्रकार से प्रदेश सरकार ने देहरादून के आसपास के क्षेत्रों में अनेक अवैध बस्तियों पर कार्रवाई करने के बजाए 2024 तक का उनको अभयदान देकर अपनी राजनीतिक सत्ता लोलुपता की पूर्ति की। प्रदेश व देश की सुरक्षा के लिए चिंतित उत्तराखंड यों की राजधानी गैरसैण वह भू कानून व मूल निवास आदि मांगों को नजरअंदाज करके प्रदेश में सत्तासीन सरकार व उनके विधायक जिस बेशर्मी से अपनी कुर्सी के लिए बाहरी लोगों को पिछड़ी जाति का आरक्षण देने का एलान करते हैं। परंतु प्रदेश की जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए हल्द्वानी जैसै छुटपुट प्रकरण कर खुद की छवि को महिमामंडित करते हैं।परतुं जिस प्रकार से उत्तराखंड की पावन धरती की हरिद्वार व देहरादून में भी पथराव हुआ है जलूस पर उत्तराखंड के सरकारों को पूरी तरह से बेनकाब कर इस खतरे को जब जाहिर करता है। अब प्रदेश  की धामी सरकार बताए कि हल्द्वानी की तरह इन अपराधियों के घरों पर बुलडोजर क्यों नहीं चला पाई है सरकार?

जो राजनीतिक दलों के प्यादे जहांगीरपुरी दंगे के गुनाहगारों के गुनाह पर पर्दा डालने के लिए शोभा यात्रा में सम्मलित कुछ लोगों के हाथों में हथियार या उकसाने के नारे आदि को ढाल बनाने का असफल प्रयास करते हैं । ऐसा किसी भी हालत में किसी को भी नहीं करना चाहिए। परंतु वे इस बात का जवाब नहीं देते हैं कि क्या उन लोगों ने किसी पर हमला किया या दंगे किये, कहीं किया नहीं। क्या कभी बहुसंख्यक समाज में अल्पसंख्यक समाज के धार्मिक पर्वों के जलूसों पर कभी पथराव करना तो रहा दूर व्यवधान डालने का काम किया। अगर किसी उत्पाती ने किसी से अगर बहस वह अशोभनीय हरकत भी करने की धृष्टता भी की तो क्या इससे दूसरे समाज को दंगा करने का अधिकार मिल जाता है?

भाजपा नेता व पूर्व आप नेता कपिल मिश्रा ने इस दंगे के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को भी जिम्मेदार ठहराया जिस प्रकार से दिल्ली दंगों में इस क्षेत्र के अपराधियों की भी विशेष संलिप्तता को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली दंगों के बाद इसमें संलिप्त तत्वों पर अंकुश लगता जहांगीरपुरी में दंगा करने की हिम्मत नहीं कर पाते।

कपिल मिश्रा की घुसपैठिए अपराधियों बात में दम है यहां पर सदियों से रहने वाला मुस्लिम समाज प्रायः शांतिपूर्ण ढंग से करना चाहता है। परंतु घुसपैठ अपराधी तत्व वह विदेशी ताकतों के एजेंट उनको भी गुमराह कर रहे हैं। जिस दिन दिल्ली कि जहांगीरपुरी में यह शर्मनाक प्रकरण हो रहा था ।उसी दिन दिल्ली से लगे नोएडा में अल्पसंख्यक समाज के लोग हनुमान जयंती की जुलूस में पधारे हनुमान भक्तों को जुलूस में शीतल पेय इत्यादि पिलाकर स्वागत कर रहे थे। जिसने भी देखा उसने इस क्षेत्र की मुस्लिम समाज की खुलकर सराहना की। यही भारतीय संस्कृति की अनुपम धरोहर है आपस में प्रेम मोहब्बत से एक दूसरे के सुख दुख को बांटना परंतु अपराधिक प्रवृत्ति की घुसपैठ की और राष्ट्र विरोधी तत्वों के प्यादे सरकारों की उदासीनता के कारण देश का माहौल शांति व विकास ग्रहण लगा देते हैं।

 

पुलिस ने जहांगीरपुरी कांड के मुख्य अभियुक्त अंसार व असलम सहित 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आज 17अप्रैल को दिल्ली की रोहिणी अदालत ने मुख्य अभियुक्त अंसार व असलम को पुलिस हिरासत व 12 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जहांगीर पुरी में हुए दंगे  में दिल्ली पुलिस की एक सब इंस्पेक्टर सहित नौ लोग घायल हो गए दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर की हार पर एकदम दंगाई ने गोली मारी जेसीबी गिरफ्तार कर लिया गया है।पुलिस ने अब तक कुल गिरफ्तार 20 आरोपियों से तीन बंदूक सहित 5 तलवारें भी बरामद की। पुलिस ने न्यायालय में इस प्रकरण पर प्रथम शिकायत दर्ज कराई के अनुसार अंसार व असलम ने पूरी हिंसा का ताना-बाना बुना । गिरफ्तार आरोपी अंसार ने अपना आरोप भी स्वीकार कर लिया है। इसी के तहत न्यायालय ने 12 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत व दो मुख्य आरोपियों को पुलिस की रिमांड में भेजा। अदालत में दर्ज पुलिस ने बताया विवाद की शुरुआत जुलूस के मार्ग में पड़ने वाली एक मस्जिद के सामने मुख्य अभियुक्त अंसार की बहस बाजी के बाद अचानक हुए पत्थरबाजी से हुआ।
भले ही राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हों परंतु किसी का भी यह दृढ़ निश्चय नहीं है कि देश से तमाम अवैध घुसपैठियों को बाहर खदेड़ने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जाए तथा राष्ट्र विरोधी व अपराधी तत्वों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसके साथ सुरक्षा बलों को पथराव व हिंसा करने वाली घुसपैठियों की कुख्यात कॉलोनी में अवैध हथियारों की जांच के लिए घर घर तलाशी ली जानी चाहिए और क्षेत्र में सड़क सहित तमाम अवैध अतिक्रमण को सरकार को तुरंत मुक्त कराना चाहिए।

कई बार सरकार से मांग रखी जा चुकी है कि दंगे की तमाम आरोपियों पर रासुका लगा कर कड़ी सजा दी जाए ।उनकी संपत्तियां जबकि जाए तथा उनको मताधिकार से वंचित किया जाए।
परंतु अफसोस की बात है कि देश में गाल बजाने के लिए भले ही राजनीतिक दल एक दूसरे पर घुसपैठ इत्यादि मुद्दों को अपने स्वार्थ को देखकर हवा में उछालते हों ।परंतु इसका समाधान करने के लिए ठोस कदम कोई उठाने को तैयार नहीं है। इसी कारण आज इन अपराधिक तत्वों का इतना दुस्साहस बढ़ गया है कि दिन दोपहर में भी आप जहांगीरपुरी सीमापुरी आदि इनके क्षेत्रों में सुरक्षित जाने का साहस नहीं कर सकते हो आम आदमी की तो बात ही दूर पुलिस वह सरकारी कर्मचारी भी क्षेत्रों में जाने को कतराते हैं आसपास के क्षेत्रों में यह अपराधी तत्व लूटपाट मारपीट कर आम लोगों का जीना दुश्वार किए हुए हैं ।क्या मजाल की स्थानीय पुलिस प्रशासन ,राजनीतिक दल इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की हिम्मत जुटा पाये।
अगर यूं ही चलता रहा तो आने वाला समय देश के हर शहर में जहांगीर पुरी जैसा कांड हो सकता है।

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