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भीषण ठण्ड में कैसे चुनाव लड रहे हैं गैरसैंण में शीतकालीन सत्र को ठण्ड के बहाने देहरादून में कराने वाले नेता?

ठण्ड व कोरोना के प्रकोप के साथ चुनाव आयोग की लक्ष्मण रेखायें भी नहीं रोक पायी चुनावी महारथियों का उत्साह

 

प्यारा उतराखण्ड डाट काम

भले ही भारत सहित पूरा विश्व विगत दो सालों से चीन से प्रसारित कोरोना महामारी से सहमा हुआ है। इसी से बचने के लिए भारत के निर्वाचन आयोग ने भारत में उप्र, उतराखण्ड, पंजाब, मणिपुर व गोवा में 10 फरवरी से 10 मार्च 2022 तक हो रहे चुनावी समर पर कोरोना महामारी से बचाव के लिए 31 जनवरी तक रैलियां, पदयात्रा व सभाओं आदि पर पाबंदी लगा देने के बाबजूद चुनावी महारथियों के उत्साह के ज्वार पर अंकुश नहीं लगा पाया। इसका साफ तस्वीर उतराखण्ड में दिखाई दे रही है। कोरोना के प्रकोप व चुनाव आयोग के अंकुश के साथ हिमालयी राज्य उतराखण्ड इन दिनों भीषण ठण्ड की थप्पेडों से ठिठुर रहा है। प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में ठण्ड की केसा प्रकोप है कि जो कांग्रेस भाजपा के नेता दो तीन महिने पहले प्रदेश का शीतकालिन सत्र गैरसैंण में घोषित करने के बाद ठण्ड के बहाने देहरादून में कराने को मजबूर हुए। अब वे ही नेता भीषण ठण्ड में उतराखण्ड के इन दूरस्थ क्षेत्रों में दर दर जनादेश की याचना करते नजर आ रहे हैं। इससे साफ हो गया कि ये तमाम नेता अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी करने को तैयार होते हैं और जनहित को ठण्ड का बहाना बना कर रौंद देते है। गैरसैंण में ठण्ड के बहाना बना कर देहरादून में ही शीतकालीन सत्र का आयोजन कराने वाले भाजपा व कांग्रेस के नेता ठण्ड में भी हिमालयी राज्य उतराखण्ड में चुनाव लडने से न तो मना कर रहे है व नहीं गैरसैंण से भी अधिक ठण्डे स्थानों पर चुनावी प्रचार से मना कर रहे है।
इसके बाबजूद यहां हो रहे विधानसभा चुनाव ,में चुनावी महारथियों का उत्साह पर कोई अवरोध नहीं लगा पाया। यह बात उजागर हुई 28 जनवरी को उतराखण्ड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए नामांकन की अंतिम दिन। 21 जनवरी से 28 जनवरी तक उतराखण्ड की 70 सदस्यीय विधानसभा क्षेत्रों के लिए 755 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया। जो गत विधानसभा चुनाव 2017 के विधानसभा चुनावों से 32 अधिक है। गत विधानसभा चुनावों में 723 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। पिछली बार प्रदेश में कुल 723 नामांकन पत्र दाखिल हुए थे। चुनाव लडे 637 प्रत्याशियों (पुरूष 573 महिला 62 व अन्य 2 ) में से 474 प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाये।
इस प्रकार इस विधानसभा चुनाव में हुए नामांकनों की संख्या से साफ हो गया कि इस हिमालयी राज्य में कडाके की ठण्ड व कोरोना के प्रकोप के साथ चुनाव आयोग की लक्ष्मण रेखाओं का अंकुश भी चुनावी महारथियों के उत्साह के ज्वार को नहीं रोक पाया। अंतिम दिन नामांकन दाखिल करने वालों में इस चुनाव के लिए किये जा रहे तमाम चुनावी सर्वेक्षणों में जनता का पसींदा मुख्यमंत्री हरीश रावत, व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल सहित कुल 307 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किये।
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार जनपदों के अनुसार देहरादून में सबसे अधिक 144,हरिद्वार में 129, यूएसनगर में 106,नैनीताल में 74, पौड़ी में 57,अल्मोड़ा में 55, टिहरी में 43, मोली जिले में 34, उत्तरकाशी जिले में 27, रुद्रप्रयाग में 27, पिथौरागढ़ में 24, बागेश्वर में 20,चंपावत जिले में सबसे कम 15, प्रत्याशियों ने नामांकन कराया है। अब जनता के दिलो दिमाग में यही सवाल बार बार उठ रहा है कि इस भीषण ठण्ड में कैसे चुनाव लड रहे हैं गैरसैंण में शीतकालीन सत्र को ठण्ड के बहाने देहरादून में कराने वाले नेता?

 

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