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सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित सौर ऊर्जा आधारित खाना बनाने की प्रणाली, हरित और प्रदूषण मुक्त भारत की ओर एक कदम

23 सितम्बर 2021 नई दिल्ली से पसूकाभास

सीएसआईआर-सीएमईआरआई के निदेशक प्रो. हरीश हिरानी ने 22  सितम्बर 2021 को स्वामी सोमात्मानंद जी महाराज, रामकृष्ण मिशन आश्रम, आसनसोल और तापस बनर्जी,अध्यक्ष,आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण, पश्चिम बंगाल सरकार की गरिमामय उपस्थिति में सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम आसनसोन ब्रेल अकादमी, पश्चिम बंगाल को सौंपा। सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित सोलर डीसी कुकिंग टेक्नोलॉजी दो व्यावसायिक संस्थाओं मेसर्स आसनसोल सोलर एंड एलईडी हाउस, पश्चिम बंगाल और मेसर्स मीको सोलर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर एसोसिएट्स, दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल को दिया गया।

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सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम एक सौर ऊर्जा आधारित खाना बनाने की प्रणाली है, जिसमें सोलर पीवी पैनल, चार्ज कंट्रोलर, बैटरी बैंक और कुकिंग ओवन शामिल होता है। यह प्रौद्योगिकी खाना बनाने के लिए स्वच्छ वातावरण, इन्वर्टर-लेस डायरेक्ट ऑपरेशन, तेज और एक समान हीटिंग और एक घर से हर साल 1 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को रोकने की क्षमता मुहैया कराती है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीएसआईआर-सीएमईआरआई के निदेशक प्रो. हरीश हिरानी ने कहा कि मुझे आसनसोल ब्रेल अकादमी को स्वदेशी तरीके से विकसित सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम सौंपने का सौभाग्य मिला है। यह अकादमी विशेष रूप से सक्षम बच्चों की सेवा में बेहतरीन काम कर रहा है। ‘प्रदूषण मुक्त भारत’ का सपना देखा गया है और सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम उस सपने को साकार करने की दिशा में एक छोटा कदम है।

सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम की क्षमता पारंपरिक सोलर आधारित कुकिंग सिस्टम से 20-25 प्रतिशत अधिक है और यह उससे किफायती भी है। एसी-डीसी कन्वर्जन के कारण पारंपरिक प्रणाली की कार्यक्षमता घट जाती है। सरल प्रौद्योगिकी डिजाइन होने से इसे तैयार करना आसान हो जाता है और इस प्रकार सूक्ष्म उद्योगों के लिए पर्याप्त आर्थिक अवसर भी प्रदान करता है। प्रौद्योगिकी की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही नौकरी की संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं।

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यह प्रणाली कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पर पर्याप्त अंकुश लगाने में मदद करेगी, जबकि एलपीजी के उपयोग से भी कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। एक बार जब यह तकनीक बाजार में पहुंचेगी तो इसकी कीमत 65 हजार से 70 हजार रुपये के बीच होगी। अन्य सौर ऊर्जा आधारित उत्पादों की तरह, यदि सरकारी सब्सिडी प्रदान की जाती है तो उत्पाद की कीमत में काफी कमी आएगी। सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम का उपयोग भी 200 गीगावाट सौर ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिसकी कल्पना भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने की थी और लगभग 290 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन भी बचाया जा सकता है।

 

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