उत्तराखंड

गैरसैंण विधानसभा में पारित हुआ उतराखण्ड का सन 2021-22 ₹57,400.32 करोड़ का बजट

गैरसैंण (भराड़ीसैंण) से प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम

मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र रावत द्वारा  4 मार्च को पेश किये गये  उत्तराखंड का सन्  2021-22 के लिए  रू57400.32 का बजट  विधानसभा ने पारित कर दिया।  बजट  पर अपने संबोधन में  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि यह बजट प्रदेश को समृद्ध बनाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। यह बजट समस्त प्रदेशवासियों की वित्तीय अपेक्षाओं को पूर्ण करने वाला सिद्ध होगा।

विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान मुख्यमंत्री ने  गैरसैंण को राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी) बनाने की घोषणा की। भराड़ीसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए एक माह में टाउन प्लानर की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया होगी। नई बनाई गई नगर पंचायतों की स्थापना के लिए 1-1 करोड़ रूपए धनराशि की घोषणा की।

वर्तमान बजट में कृषि विकास योजना में ₹87.56 करोड़, गन्ना भुगतान के लिए ₹245 करोड़, मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में ₹20 करोड़ व एकीकृत आदर्श कृषि योजना में ₹12 करोड़ तथा दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए ₹47 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट 2021-22 में चिकित्सा व परिवार कल्याण के लिए ₹3319.63 करोड़, हरिद्वार, पिथौरागढ़ एवं रूद्रपुर में मेडिकल काॅलेज हेतु ₹228.99 करोड़, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के संचालन के लिए ₹150 करोड़ व क्लस्टर जिला अस्पतालों के विकास के लिए ₹200 करोड़ का प्रावधान किया है।

विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान पेयजल व सिंचाई के लिए कई प्रावधान किए। इसके अंतर्गत जल जीवन मिशन ग्रामीण के लिए ₹667.76 करोड़, पेरी अर्बन योजना के लिए ₹328 करोड़, जमरानी बांध परियोजना के लिए ₹240 करोड़ और सौंग पेयजल योजना के लिए ₹150 करोड़ का प्रावधान किया है।

बजट में समग्र शिक्षा अभियान के लिए ₹1154.62 करोड़, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के लिए ₹153.7 करोड़, शिक्षा विभाग के लिए कक्षा 1-8 के विद्यार्थियों के लिए निशुल्क जूता व बैग उपलब्ध करवाने के लिए ₹24 करोड़ व माध्यमिक शिक्षांतर्गत एडीबी के माध्यम से ₹39.70 करोड़ का प्रावधान किया है

विधानसभा में पेश बजट में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत पूंजीगत परिसंपत्तियों के सृजन हेतु ₹1511.29 करोड़, प्रदेश के मार्गों के रखरखाव व नवीनीकरण कार्य हेतु ₹385.27 करोड़ और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पूंजीगत परिसंपत्तियों के सृजन हेतु ₹954.75 करोड़ का प्रावधान किया गया।

वर्तमान बजट 2021-22 में मातृशक्ति को सम्मान देते हुए ‘मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना’ के लिए बजट में ₹25 करोड़ का प्रावधान किया है। इससे महिलाओं के सिर से घास का बोझ हटेगा।

युवा कल्याण के अंतर्गत प्रदेश में महिला मंगल दल एवं युवक मंगल दल को सहायता के लिए ₹15 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट में ऊर्जा विभाग के अंतर्गत जल विद्युत परियोजना किसाऊ, लखवाड़ व त्यूनी आराकोट के निर्माण हेतु ₹30 करोड़,समाज में महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत न्यायवाद के दौरान महिलाओं को आर्थिक सहायता हेतु ₹3.60 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

विधानसभा भराड़ीसैंण में पेश बजट 2021-22 में समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए ₹1152.88 करोड़ का और नंदा गौरा योजनांतर्गत आय-व्ययक में ₹120 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

सूचना व विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग में विज्ञानधाम अंतर्गत सांइस सिटी व विज्ञान केंद्रों की स्थापना हेतु ₹23.15 करोड़, राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों के संचालन हेतु ₹110 करोड़ व विश्व बैंक पोषित उत्तराखंड वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट अंतर्गत ₹140 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश एवं हरिद्वार में ट्रैक निर्माण एवं चालक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना हेतु ₹17.62 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट 2021-22 में राज्य में हवाई सुविधा के विस्तारीकरण के दृष्टिगत चौखुटिया में हवाई पट्टी निर्माण हेतु ₹20 करोड़, मुजफ्फरनगर रेल लाइन निर्माण परियोजना के लिए ₹70 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है।

अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत), राष्ट्रीय आजीविका मिशन (एन.यू.एल.एम.) प्रधानमंत्री आवास योजना (हाउसिंग फाॅर आल), स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय अवस्थापना का सुदृढ़ीकरण, जल जीवन (शहरी) एवं स्मार्ट सिटी आदि के लिए ₹695.16 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए ₹20 करोड़, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए ₹18 करोड़ तथा राष्ट्रीय ग्राम स्वरोजगार अभियान तथा राज्य सेक्टर में पंचायत भवनों के निर्माण के लिए ₹49.86 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कुल ₹681 करोड़ के खर्च का अनुमान है। इसके सापेक्ष सामग्री मद में ₹272.45 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

साथ ही प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत अल्पसंख्यक बाहुल्य विकासखंडों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि के लिए ₹40.35 करोड़ व अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति योजनांतर्गत आय-व्ययक में ₹25. 65 करोड़ का प्रावधान किया है।

बजट में अल्पसंख्यक युवाओं के कौशल विकास पर जोर देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री हुनर योजना के बजट प्रावधान को दोगुना किया गया।

मातृ-मृत्यु अनुपात 201 से घट कर 99 प्रति लाख जीवित जन्म के स्तर पर आ गया है। ऐसा राज्य में संस्थागत प्रसव दर के 50% से बढ़कर 71% के कारण सम्भव हो पाया है। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की बाल मृत्यु दर 41 से घटकर 33 हो गई है और टीकाकरण प्रतिशत भी 87% से बढ़कर 99% हो गया है।

प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना के लागू होने के बाद से २३६,००० से अधिक लाभार्थियों को इलाज हेतु २५४ करोड़ की मदद की गई है। इस वर्ष भी १५० करोड़ का बजट प्रस्तावित है। इस योजना के अंतर्गत ४२ लाख गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं।

उत्तराखंड की जनभावनाओं के अनुरूप इस बार के बजट में हमारी सरकार ने विकसित उत्तराखंड की परिकल्पना को पूरा करने के उद्देश्य से निम्न चार विकास स्तम्भों को मज़बूत करने पर बल दिया है –
#स्वस्थ_उत्तराखंड, #सुगम_उत्तराखंड, #स्वावलंबी_उत्तराखंड और #सुरक्षित_उत्तराखंड

सरकार के सामने स्वास्थ्य के क्षेत्र में चुनौतियाँ बहुत हैं लेकिन हम पूरी ईमानदारी से सभी ज़रूरी प्रयास कर रहे हैं और इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हम 108 ऐम्ब्युलन्स सेवा, प्राइमरी हेल्थ सेंटर एवं टेलीमेडिसिन जैसी सेवाओं के माध्यम से भी स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ कर रहे हैं।

बजट में समेकित बाल विकास योजनांतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों को प्री-स्कूल किट एवं मेडिसिन किट उपलब्ध करवाने एवं कार्यकर्ताओं के लिए ड्रेस के रूप में 2 साड़ी उपलब्ध करवाने के लिए ₹15.43 करोड़ का प्रावधान किया है।

सरकार महिलाओं एवं बच्चों की पोषण सम्बन्धी ज़रूरतों के प्रति सजग है। इसी क्रम में आंगनबाड़ी एवं अन्य माध्यमों से चलायी जाने वाली विभिन्न पोषण योजनाओं के लिए 2021-22 के बजट में 565 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

बजट में रोड, रेल, एयर कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया गया है। #सुगम_उत्तराखंड का संकल्प साकार करने के लिए सड़कों व पुलों के लिए बजट में 300 करोड़ की वृद्धि है। इसके अलावा रेलवे नेटवर्क मे विस्तार, नई हवाई पट्टियों के निर्माण के लिए भी पैसा दिया गया है।

प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हो रहा है। हमारी सरकार ने विगत 4 वर्षों के दौरान प्रदेश के ग्रामीण इलाक़ों में 7431 KM सड़कों का निर्माण किया है जो कि पिछले 16 साल में निर्मित कुल लम्बाई की सड़कों ( 7529 KM) से मात्र 98 KM कम है।

सरकार ने दशकों से लम्बित कई पुलों, फ़्लाइओवरों, सुरंगों (डोबरा चांटी, जानकी सेतु, डाट काली टनल इत्यादि) का निर्माण भी पूरा किया। हमारी सरकार ने केंद्रीय परियोजनाओं के लिए समय पर स्वीकृतियाँ ना मिलने से होने वाली देरी के कारण को भी ख़त्म किया है।

सड़कों के लिए पिछली बार 2055 करोड़ के bajat में 300 करोड़ रुपए की वृद्धि कर इसको 2369 करोड़ किया गया है। सड़क निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी को 1511 करोड़ रुपए का प्रावधान है, इसके तहत 843 किमी सड़कों का निर्माण, 743 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण तथा 43 पुलों का निर्माण किया जाएगा है।

सड़कों के रखरखाव/सुधारीकरण के लिए 385.87 करोड़ का प्रावधान किया गया है।ग्रामीण क्षेत्रों में नाबार्ड के तहत विभिन्न मार्गों व पुलों के निर्माण के लिए 337 करोड़ रुपए; PMGSY में नई सड़कों के निर्माण हेतु 954.75 करोड़; अतिरिक्त भू अधिग्रहण के लिए 129 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सुगम उत्तराखंड का एक अभिन्न अंग जलापूर्ति की व्यवस्था करना है। इसी मद में सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 667 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जैसा कि सभी जानते हैं हमारी सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में जलाशय निर्माण पर विशेष ध्यान दे रही है और बजट में इस ज़रूरत का ध्यान रखा गया है।

छोटे शहरों व कस्बों तक पानी की उपलब्धता के लिए पेरी अर्बन योजना में 328 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार ने जमरानी बांध के लिए 240 करोड़
और सौंग बांध के लिए 150 करोड़ भी स्वीकृत किए हैं।दर्शकों से लम्बित पेयजल की योजनाओं पर हमारी सरकार ने कार्य किया है और बजट की व्यवस्था की है।

सुगम उत्तराखंड की परिकल्पना राज्य के पहाड़ी एवं मैदानी क्षेत्रों में जीवन के आधार की सभी ज़रूरी आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से की गई है। हमारी सरकार कनेक्टिविटी, जल एवं बिजली आपूर्ति को सभी नागरिकों के लिए सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास कर रही है।

स्वावलंबी उत्तराखंड के लिए शिक्षा के बजट में करीब 300 करोड़ की वृद्धि की है। विभिन्न ऋण योजनाओं से मातृशक्ति संबल बन रही है। मुख्यमंत्री घस्यारी योजना के लिए 25 करोड़ का प्रावधान है। ग्रोथ सेंटर, ग्रामीण विकास, स्किल डेवलेपमेंट, MSY से हम आत्मनिर्भर उत्तराखंड की ओर बढ़ रहे हैं।

ग़ैरसैण राजधानी क्षेत्र के विकास से प्रदेश के सभी पर्वतीय क्षेत्रों के विकास को एक नई दिशा मिलेगी। हमारी सरकार ने इस क्षेत्र में ३५० करोड़ की विभिन्न विकास योजनाओं एवं आधारभूत ढाँचा निर्माण का कार्य आरम्भ कर दिया गया है। जल्द ही टाउन प्लानर की नियुक्ति भी की जाएगी।

ग़ैरसैण हमारी सरकार के लिए एक भावनात्मक मुद्दा भी है। सरकार इस क्षेत्र के सुनियोजित एवं त्वरित विकास के लिए वचनबद्ध है। अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली एवं रूद्रप्रयाग जनपदों को मिलाकर बनाई गई नई कमिश्नरी इस क्षेत्र के चौमुखी विकास का इंजन बनेगी ।

बीते एक वर्ष में गैरसैंण के विकास के लिए कई कार्य तथा घोषणाएं की गई हैं, जिनमें आगामी दस वर्षों में ₹25 हजार करोड़ की लागत से समूचे राजधानी क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करने हेतु एक वृहद् योजना बनाने पर कार्य किया जा रहा है।

उत्तराखंड भाषा विकास संस्थान की स्थापना,चाय विकास बोर्ड मुख्यालय की स्थापना,ओएफसी नेटवर्किंग का विस्तार,पंपिंग/पेयजल पाइपलाइन निर्माण,सीएचसी में 50 बेड्स के सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की स्थापना,ब्लॉक में कोल्ड स्टोरेज एवं फूड प्रोसेसिंग प्लांट को स्वीकृति आदि पर कार्य हो रहा है।

हमारी सरकार ने पिछले वर्ष आज ही के दिन शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों के सपने को सर्वोच्च सम्मान देकर व जनभावनाओं का आदर करते हुए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था। गैरसैंण के चहुंमुखी विकास के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है।

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