देश स्वास्थ्य

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य एवं कल्याण को केंद्र में रखे जाने को दूरदर्शी और क्रांतिकारी कदम बताया

‘यह न केवल देश के विकास और तरक्की के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में स्वास्थ्य की भूमिका की फिर से पुष्टि करता है बल्कि स्वास्थ्य एवं कल्याण के प्रति सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है’

‘पिछले 6 वर्षों के दौरान स्वास्थ्य खर्च में लगातार वृद्धि हुई’

64,180 करोड़ रुपये परिव्यय के साथ आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना से स्वास्थ्य प्रणालियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों को काफी बढ़ावा मिलेगा

कोविड-19 वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये के आवंटन के साथ वैश्विक लीडर के रूप में भारत की सशक्त भूमिका और दृढ़ हुई है

15 फरवरी 2021 नई दिल्ली से पसूकाभास

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य एवं कल्याण पर विशेष ध्यान देने और उसे केंद्र में रखे जाने को दूरदर्शी और क्रांतिकारी कदम बताया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ‘केंद्रीय बजट 2021-22’ एक ‘बोल्ड बजट’ और एक ‘हेल्थ बजट’ है जहां स्वास्थ्य और कल्याण क्षेत्र के लिए आवंटन में काफी वृद्धि हुई है। शुरुआत से ही बजट ने छह मूलभूत स्तंभों में स्वास्थ्य और कल्याण को सबसे ऊपर रखा है।’

उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय बजट 2021 में स्वास्थ्य और कल्याण के समग्र क्षेत्र को विकास और बढ़ोतरी के प्रमुख चालक के रूप में स्थान दिया गया है। यह स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति सरकार की गहरी प्रतिबद्धता और उसके दृष्टिकोण को पूरी दृढ़ता से व्यक्त करता है।’

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र को कुल आवंटन पिछले साल (बीई 2020-21) के 94,452 करोड़ से बढ़कर 2,23,846 करोड़ रुपये हो गया है।

मंत्रालय/विभाग वास्तविक 2019-20 (करोड़ में) बीई

2020-21 (करोड़ रुपये)

बीई

2021-22 (करोड़ रुपये में)

डी/ओ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण 62,397 65,012 71,269
डी/ओ स्वास्थ्य अनुसंधान 1,934 2,100 2,663
एम/ओ आयुष 1,784 2,122 2,970
कोविड संबंधी विशेष प्रावधान
टीकाकरण 35,000
डी/ओ पेयजल और स्वच्छता 18,264 21,518 60,030
पोषण 1,880 3,700 2,700
पानी और स्वच्छता के लिए एफसी अनुदान 36,022
स्वास्थ्य के लिए एफसी अनुदान 13,192
कुल 86,259 94,452 2,23,846

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बजट आवंटन में भारी वृद्धि स्वास्थ्य क्षेत्र में बजटीय आवंटन और खर्च में लगातार बढ़ती प्रवृत्ति को पूरी मजबूती से दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा पिछले छह वर्षों के दौरान शुरू की कई जन केंद्रित पहलों ने समग्र स्वास्थ्य एवं कल्याण के प्रति सरकार के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता को स्थापित किया है।

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डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘किसी भी देश की मजबूत और लचीली स्वास्थ्य प्रणाली प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तरों के मजबूत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर खड़ी होती है, इसमें बीमारियों का पता लगाने और निगरानी करने वाले संस्थानों के साथ ही अनुसंधान एवं विकास संस्थानों का भी सहयोग होता है जो नीतियों और कार्यों के लिए विश्वस्तरीय अत्याधुनिक अनुसंधान के नतीजे प्रदान करते हैं।’

उन्होंने कहा कि 6 वर्षों में 64,180 करोड़ रुपये के खर्च के साथ, हाल में घोषित की गई केंद्रीय योजना प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल की क्षमता विकसित करेगी, वितरण स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को मजबूत करेगी, नई और उभरती बीमारियों का पता लगाने और उनके इलाज के लिए संस्थानों के विकास के साथ ही मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को मजबूती देगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यह योजना 17 हजार ग्रामीण और 11 हजार शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों को मजबूत करेगी, सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी और 11 राज्यों में 3382 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयां बनेंगी। इसके साथ ही 602 जिलों और 12 केंद्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक तैयार किए जाएंगे।’

डॉ. हर्षवर्धन ने वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लंबी लड़ाई और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों, स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति में कार्य करने वाले लोगों, पत्रकारों और अन्य हितधारकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘इस साल के बजट को कोविड-19 से पैदा हुए वैश्विक जन स्वास्थ्य संकट को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।’

प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी- राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र में अब 5 क्षेत्रीय शाखाएं और 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयां होंगी। सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल के विस्तार के साथ-साथ 17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों का परिचालन किया जाएगा और 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों के लिहाज से 32 हवाई अड्डों, 11 बंदरगाहों और 7 लैंड क्रॉसिंग को मजबूत किया जाएगा। यह योजना 15 स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केंद्रों और दो मोबाइल अस्पतालों की स्थापना में सहयोग करेगी; डब्लूएचओ दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्र के कार्यालय के लिए स्वास्थ्य क्षेत्रीय अनुसंधान मंच के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान और 9 जैव विविधता स्तर-3 प्रयोगशालाओं के साथ ही 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय वायरोलॉजी संस्थान के लिए भी मदद करेगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि न केवल केंद्रीय बजट 2021-22 में बल्कि पिछले साल कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए लगातार धन का आवंटन किया गया।

क्रमांक योजनाएं/संस्थान 2020-21 (करोड़ रुपये में)
आरई 2020-21 वास्तविक 10.02.2021 तक
1. एनआरएचएम-कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज (ईएसी) 6937.96 6458.15
2. कोविड-19 महामारी के लिए आपूर्तियों और सामग्रियों की केंद्रीय खरीद 4724.00 3179.34
3. रोग नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय केंद्र 95.00 46.03
कुल 11756.96 9683.52
4. कोविड-19 स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता और फ्रंटलाइन कर्मचारियों के लिए टीकाकरण 360.00

डॉ. हर्षवर्धन ने जोर देकर कहा कि भारत के आत्मनिर्भर होने का दृष्टिकोण कोविड-19 की प्रतिक्रिया और उसके प्रबंधन में देखा जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘भारत अब तक 20.67 करोड़ टेस्ट कर चुका है। हमारी परीक्षण क्षमता प्रतिदिन 10 लाख से ज्यादा हो गई है। कोविड 19 से संक्रमित होने वाले 1.09 करोड़ लोगों में से 1.06 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं। भारत अब कोविड-19 डायग्नोस्टिक कमोडिटीज के निर्माण में आत्मनिर्भर है, और अतिरिक्त मात्रा के निर्यात में सक्षम है।’

कोविड-19 के प्रक्षेप पथ पर बोलते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड मापदंडों में प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘हालांकि हमारे कोविड पैरामीटर निरंतर ढलान पर हैं लेकिन इससे लोगों के मन में यह गलत धारणा पैदा नहीं होनी चाहिए कि मास्क और शारीरिक दूरी की अब जरूरत नहीं है। अब भी सामाजिक टीका असली टीका जितना ही महत्वपूर्ण है।’

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘हम कम से कम 18 से 20 टीकों पर काम कर रहे हैं, जो इस समय विभिन्न चरणों में हैं, उनमें से कुछ पूर्व क्लिनिकल ट्रायल स्टेज में हैं, कुछ क्लिनिकल ट्रायल, कुछ पहले चरण और कुछ तीसरे चरण में हैं और अगले कुछ महीनों में जनता के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। भारत कई देशों को टीके निर्यात कर रहा है। हमने 150 से ज्यादा देशों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात किया है।’

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डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत ने कोविड-19 टीकों के मामले में खुद को वैश्विक अगुआ के रूप में मजबूती से खड़ा किया है। 35 हजार करोड़ रुपये के बजट के साथ कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई मजबूती हुई है। उन्होंने कहा, ‘भारत की नेतृत्व की भूमिका, इसकी उत्पादन क्षमता और टीकाकरण की गति में दिखाई देती है। हमने अब तक 82 लाख से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया है।’

बजटीय सहायता, नवीन योजनाओं, स्वास्थ्य अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली को मजबूत करने के साथ, केंद्रीय मंत्री ने विश्वास जताया कि भारत जन स्वास्थ्य में एक वैश्विक अगुआ के तौर पर उभरेगा और दूसरे देश उसका अनुकरण करेंगे।

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