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जंगल में आग बुझाने गए एक 2 फॉरेस्टर कर्मियों की मौत, कारणों का अभी पता नहीं

  • गढ़वाल वन प्रभाग की पोखड़ा रेंज के जंगल में लगी आग बुझाने के लिए गए एक फॉरेस्टर और एक फॉरेस्ट गार्ड की मौत हो गई। वन अधिकारियों ने दोनों वन कर्मियों के शवों को जंगल से बरामद कर लिया है। 

  • दरअसल बुधवार को पोखड़ा बीट में ल्वींठा गांव से ऊपर जंगल में आग लगी थी। आग बुझाने के लिए पांच वन कर्मियों को मौके पर भेजा गया था। शाम करीब चार बजे आग बुझाने की कार्रवाई से पहले जंगल के नीचे तीन वन कर्मियों को रोककर दो वन कर्मी फॉरेस्ट गार्ड हरिमोहन (51) और फॉरेस्टर दिनेेश लाल (55) आग देखने गए थे।

  • काफी देर के बाद भी उनके नहीं लौटने पर नीचे इंतजार कर रहे तीन वन कर्मियों ने उनकी खोज शुरू कर दी। जंगल में उनके बैग देखे गए। इसके बाद दोनों जंगल की खाई में गंभीर रूप से घायल अवस्था में गिरे मिले। पूरा घटना क्रम :-

  • दोपहर करीब 12 बजे टीम ने जंगल में प्रवेश किया। टीम के अन्य सदस्य आगे निकल गए जबकि पौड़ी मल्ली निवासी दिनेश लाल व पोखरा ब्लॉक निवासी हरिमोहन पीछे रह गए। आग बुझाने के बाद जब कर्मियों ने दोनों सदस्यों को अपने साथ नहीं पाया तो उन्होंने दिनेश लाल के मोबाइल पर संपर्क कर उनकी स्थिति जानने का प्रयास किया। मोबाइल पर घटी गई लेकिन दिनेश लाल ने फोन नहीं उठाया। सदस्यों ने हरिमोहन को भी फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अनहोनी की आशका में सभी कर्मी अपने साथियों को ढूंढते हुए वापस आने लगे, जहा रास्ते में उन्हें दिनेश लाल का बैग पड़ा दिखाई दिया। सदस्यों ने खाई की ओर नजर डाली, जहा उन्हें दिनेश लाल बुरी तरह घायल अवस्था में पड़े दिखाई दिए। वन कíमयों ने रेंज कार्यालय में घटना की सूचना दी व ग्रामीणों की मदद से दिनेश लाल को खाई से बाहर निकालने के प्रयास शुरू कर दिए। काफी मशक्कत के बाद घायल दिनेश को खाई से बाहर निकाला।

  • फिर उन दोनों कर्मियों को प्राथमिक स्वास्थ्य के लिए नौगांवखाल पहुँचाया गया । जहां डाक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चला है। वन विभाग इसकी जांच में जुटा हुआ है।

इस दुखद खबर पर भारतीय वन विभाग ने अपने ट्विटर पर ट्वीट कर कहा की “श्री हरिमोहन सिंह, फॉरेस्ट गार्ड और श्री दिनेश लाल, वनपाल, गढ़वाल वन प्रभाग, उतराखंड ने जंगल की आग को नियंत्रित करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। कर्तव्य के लिए उनके बलिदान और समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा। और उनको ग्रीन वॉरियर की संज्ञा दी”

https://twitter.com/ParveenKaswan/status/1359880418204540929

 

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