देश स्वास्थ्य

मात्र बयानबाजी से नहीं अपितु कठोर कदम उठाने से ही लगेगा दिल्ली में कोरोना पर अंकुश

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कटिबद्ध है मोदी सरकार: गृह मंत्री अमित शाह

 
दिल्ली में कोरोना के विस्फोटक स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए संयुक्त अभियान चलायेंगी केंद्र व दिल्ली सरकार

नई दिल्ली(प्याउ)। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी की हो रही बिकराल स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार दोनों मिल कर संयुक्त अभियान चलाने में सहमत हो गयी। इस आशय की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रधानमंत्री द्वारा 13 जून को लिये गये निर्णय को अमलीजामा पहनाते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन 14 जून को दिल्ली में की।इसमें कई निर्णय लिये गये। कई घोषणायें की गयी। 14 जून को इस बैठक से पहले पूरे देश में कोरोना पीडितों की संख्या 320922 हो गयी तथा इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 9195 हो गयी। 162379 लोगों का उपचार से रोगमुक्त हो गये।
तालाबंदी के खुलने के बाद जिस ढंग से दिल्ली सहित पूरे देश में कोरोना से पीड़ितों की संख्या में भारी उछाल आया उससे देश स्तब्ध है।  सबसे हैरानी की बात है देश की राजधानी दिल्ली में जहां चिकित्सा सुविधायें देश में सबसे बेहतर मानी जाती है। वहां पर कोरोना एक प्रकार से निरंतर बढ़ रहा है और देश में सबसे अधिक संख्या की दृष्टि से दिल्ली तीसरे स्थान पर पंहुच गया है।  महाराष्ट्र में 104568, तमिलनाडू में 42687 तथा दिल्ली में 38958 कोरोना पीडित है। दिल्ली में सेकडों चिकित्सालय है। स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से आप सरकार का दावा है कि उनके 189मोहल्ला क्लिनिक से पूरी दिल्ली स्वास्थ्य लाभ ले रही है। दिल्ली में 88 बडे अस्पताल, 17 मेडिकल कालेज, 178 पोलीक्लिनिक,230 मेटेरनिटी होम, 1160 नर्सिंग होम, 1298डिस्पेंस्जि है। इसके बाबजूद दिल्ली के लोगों को अस्पतालों में भर्ती नहीं किया जा रहा है। केजरीवाल सरकार के दावों की हवा खुद ही केजरीवाल ही कुछ दिन बाद निकाल देते है। पहले दावा करते है कि दिल्ली में पर्याप्त संख्या में अस्पतालों में विस्तर है। रोगियों की बेहतर देख भाल होगी। परन्तु सर्वोच्च में जब इंडिया टीवी ने दिल्ली में कोरोना महामारी  की विकराल स्थिति और यहां के चिकित्सालयों के अमानवीय प्रबंधन को बेनकाब किया तो न्यायालय को सरकार को फटकार लगानी पड़ी। परन्तु स्थिति में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं आया। केवल सरकारों की घोषणा व दावे ही सुनाई दे रहे है। जनता को सरकार के दावों व घोषणाओं पर विश्वास नहीं हो रहा है। एक प्रकार से राम भरोसे ही लोग अपनी तरफ से बचाव में लगे है। निजी अस्पताल मानवीय मूल्यों को दर किनारे करके केवल धन वसूली का अवसर इसे समझ रही है। वहीं सरकारी अस्पतालों की स्थिति को देख सुन कर सर्वोच्च न्यायालय भी हैरान व स्तब्ध है। आम आदमी को इन अस्पतालों में इलाज ही नहीं मिल रहा है। मृतकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। मृतक के परिजनों को लांश का अंतिम संस्कार करने के लिए कितनी परेशानी व जलालत उठानी पड रही हैे उसे देख कर लगता है कि सरकार नाम की कोई चीज यहां पर है ही नहीं।
अगर सरकार को इस पर अंकुश लगाना है तो  सबसे पहले देश के निजी चिकित्सालयों की इस अंधेर लूट पर अंकुश लगाते हुए आपात दायित्वों की तरह उनको वाजिफ दाम पर इलाज करना होगा। जिसका भुगतान सरकार ही करे। इसके साथ देश में चिकित्सकों की पर्याप्त संख्या बढाने के लिए चिकित्सा शिक्षा ग्रहण कर रहे अंतिम वर्ष के छात्रों को चिकित्सा सेवा में एक वर्षीय विशेष सेवा में लगाया जाय। उनको इसका लाभ डिग्री के साथ मिले इसका भी प्रबंध किया जाय। अगर इसको युद्धस्तर पर आपात सेवा के तहत दिल्ली में नहीं किया गया तो मात्र सरकारी इन  घोषणाओं व बैठकों से दिल्ली में कोरोना पर अंकुश नहीं लगने वाला। सरकारों की उदासीनता व दिशाहीनता के कारण यह समस्या दिन प्रतिदिन विकराल हो रही है। सरकारों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए खासकर दिल्ली सरकार को समझना चाहिए कि एनजीओं चलाने की तर्ज पर सरकार नहीं चलाई जा सकती। उससे लोगों का जीना ही दुश्वार होगा।   
वहीं दूसरी तरफ आज नई दिल्ली में कैसे कोरोना पर अंकुश लगाया जाय इस विषय को लेकर भारत के गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक मे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा हर्ष बर्धन, दिल्ली के उप राज्यपाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौधिया, स्वास्थ्य मंत्री जैन व अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक सहित अनैक वरिष्ठ अधिकारी  उपस्थित थे। इस बैठक में दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोनो महामारी के प्रकोप से दिल्ली से मुक्त करने के उपायों पर गहन चर्चा करने के बाद निर्णय लिया कि दिल्ली में कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार मिल कर काम करेगी। दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस को रोकने के मुद्दे पर रविवार 14 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय में एलजी अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। अमित शाह ने बताया कि मीटिंग में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इस बैठक की जानकारी अपने टविटर पर देते हुए गृहमंत्री ने बताया कि
दिल्ली में कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए बेड की कमी को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने तुरंत 500 रेल्वे कोच दिल्ली को देने का निर्णय लिया है।इन रेलवे कोच से न सिर्फ दिल्ली में 8000 बेड बढ़ेंगे बल्कि यह कोच कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए सभी सुविधाओं से लेस होंगे।दिल्ली के कन्टेनमेंट जोन में ब्वदजंबज उंचचपदह अच्छे से हो पाए इसके लिए घर-घर जाकर हर एक व्यक्ति का व्यापक स्वास्थ्य सर्वे किया जायेगा, जिसकी रिपोर्ट 1 सप्ताह में आ जाएगी।  साथ ही अच्छे से मोनिटरिंग हो इसके लिए वहां हर व्यक्ति के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाई जाएगी।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अगले दो दिन में कोरोना की टेस्टिंग को बढाकर दो गुना किया जायेगा और 6 दिन बाद टेस्टिंग को बढाकर तीन गुना कर दिया जायेगा। साथ ही कुछ दिन के बाद कन्टेनमेंट जोन में हर पोलिंग स्टेशन पर टेस्टिंग की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी।
दिल्ली के निजी अस्पताओं में कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए निजी अस्पतालों के कोरोना बेड में से 60ः बेड कम रेट में उपलब्ध कराने, कोरोना उपचार व कोरोना की टेस्टिंग के रेट तय करने के लिए डा. पाल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गयी है जो कल तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
दिल्ली के छोटे अस्पतालों तक कोरोना के लिए सही जानकारी व दिशा निर्देश देने के लिए मोदी सरकार ने ।प्प्डै में ज्मसमचीवदपब हनपकंदबम के लिए वरिष्ठ डाक्टर्स की एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। जिससे नीचे तक सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों का संचार किया जा सके। इसका हेल्पलाइन नं. कल जारी हो जाएगा।
कोरोना से भारत पूरी मजबूती से लड़ रहा है और इस संक्रमण से अपनी जान गंवाने वाले लोगों के लिए सरकार दुखी भी है और उनके परिजनों के प्रति संवेदनशील भी है। सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए नई गाइडलाइन्स जारी करने का निर्णय लिया है, जिससे अंतिम संस्कार की प्रतीक्षा अवधि कम कम हो जाएगी।
मोदी जी के नेतृत्व में देश कोरोना से पूरी सतर्कता और सहभागिता के साथ लड़ा है। कई स्वयंसेवी संस्थाएं बहुत उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं। इस क्रम में सरकार ने ैबवनज हनपकमएछब्ब्एछैै व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं को इस महामारी में स्वास्थ्य सेवाओं में वालंटियर के नाते जोड़ने का निर्णय लिया है
केंद्र सरकार ने दिल्ली में कोरोना संक्रमण को रोकने व इससे मजबूती से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार को भारत सरकार के और पांच वरिष्ठ अधिकारी देने का निर्णय किया है।
इन सभी प्रमुखों निर्णयों के साथ आज की बैठक में कई और निर्णय लिए गए। साथ ही केंद्र व दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग, सभी सम्बंधित विभाग व् एक्सपर्ट्स को आज किये गए सभी निर्णय नीचे तक अच्छे से अमल हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
भारत सरकार ने दिल्ली सरकार को इस महामारी से लड़ने के लिए आवश्यक संसाधन जैसे आक्सीजन सिलिंडर, वेंटीलेटर, पल्स आक्सीमीटर व् अन्य सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूर्णतः आश्वस्त किया है।

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