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पाक द्वारा कब्जाये कश्मीर को वापस लेने की भारतीय हुंकार पर आतंकी पाक की ढाल बन सकता है चीन

सिक्किम मे भारतीय सैनिको से हुई चीनी सैनिकों की झडप से उजागर हुए चीन के पाक की ढाल बनने के नापाक मंसूबे

 
नई दिल्ली(प्याउ)। भले ही भारत में इन दिनों खबरिया चैनलों व इंटरनेटी जगत में सात दशक पहले पाक द्वारा कब्जाये गये कश्मीर को भारत द्वारा जल्द ही पुन्न हासिल करने की खबरें बडी प्रमुखता से गूंज रही है। इन खबरों को देख पढ़ कर भारतीय जनमानस को इस बात की आश बढ़ गयी कि जिस प्रकार मोदी सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाने, तीन तलाक व रामजन्मभूमि विवाद जैसे शताब्दियों व दशकों से विकराल बनी समस्याओं बहुत ही सहजता से हल कर दी हो सकता है मोदी सरकार पाक द्वारा कब्जाये कश्मीर को शीघ्र ही भारत में मिला देगी। देश की जनता के इस विश्वास पर पंख लगाये भारत के मौसम विभाग ने जिसने देश के मौसम की पूर्वानुमान के समाचारों में पाक द्वारा कब्जाये हुए कश्मीर के भी मौेसम का अनुमान बताना शुरू कर दिया। इसके साथ भारतीय सेना ने भी समय समय पर यह ऐलान किया कि पाक द्वारा कब्जायें भारतीय हिस्से कश्मीर को आतंकी देश पाक तुरंत खाली कर दे।  भारत की इस मंशा की आश तब बढ़ गयी जब भाजपा की केंद्र सरकार व दल दोनों ने कश्मीर मामले में पहली स्पष्ट रूख अपनाते हुए कश्मीर को अपना बताते हुए पाक को कब्जाये हटा कर कश्मीर को भारत को सोंपने की कई बार चेतावनी दे चूके है।
जहां एक तरफ भारत सहित पूरा विश्व चीनी विषाणु कोरोना महामारी से त्रस्त हो कर पूरी व्यवस्था बंद कर घरों में सहमें है। ऐसी त्रासदी में कश्मीर सहित भारतीय सीमा पर आतंकी पाकिस्तान के हमलों से देश बेहद आक्रोशित है। परन्तु 10 मई को जैसे ही यह खबर सुनी कि चीनी सेना व भारतीय सैनिकों के बीच भारत चीन सीमा पर स्थित सिक्किम के नाकू ला क्षेत्र में झडप हुई। जिसे बाद में दोनों देशों की सेनाओं के उच्चाधिकारियों की बैठक के बाद सुलझ लिया गया। इसके बाद दोनों देश के सैनिक अपने अपने स्थानों में वापस हो गये। इससे भारतीय सामरिक विशेषज्ञों के कान खडे हो गये। क्योंकि चीन बिना सोचे समझे एक कदम तो रहा दूर एक शब्द भी नहीं बोलता है। वह भी ऐसे समय में जब अमेरिका, यूरोप व आस्टेªलिया सहित संसार के अधिकांश मजबूत देश कोरोना महामारी से त्रस्त हो कर चीन को इस विमारी का वैश्विक करण करने के लिए गुनाहगार बता रहे है। ऐसे समय में चीन क्यों संसार के एक मजबूत देश जो चीन का पडोसी भी है उससे जानबुझ कर पंगा लेकर अपने हाथ से संसार का सबसे बडा बाजार हाथ से गंवा दे।
चीन सहित अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ देवसिंह रावत ने कहा कि भले ही सिक्किम के नाकू ला क्षेत्र में हुई भारतीय व चीनी सैनिकों के बीच हल्की झडप हो पर इस झडप के गहरे संदेश है भारत के लिए। ऐसे समय चीनी सैनिकों व भारतीय सैनिकों के बीच  हुई मुठभैड का साफ संकेत है कि भारत को कश्मीर लेने के लिए  पाक पर किये जाने वाले हमले में पाक की ढाल बन सकता है चीन।
हालांकि सीमा पर दुश्मन देश से इस तरह की झडपे सामान्य घटनायें होती हो। परन्तु चीन ने यह समय चुना उसका अपना साफ संदेश है।
क्योंकि जिस पाक अधिकृत कश्मीर पर भारत अपना हिस्सा बता रहा है ।  13,300 वर्ग किलोमीटर पर फैले पाक अधिकृत कश्मीर की  आबादी करीब 40 लाख है।उस क्षेत्र के एक बडे हिस्से में पाकिस्तान ने चीन को सौंपा हुआ है। इस क्षेत्र में चीन की अनैक गतिविधियां चल रही है। पाक-प्रशासित कश्मीर मूल कश्मीर का वह भाग है, जिस पर पाकिस्तान ने 1947 में हमला कर अधिकार कर लिया था। यह भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित क्षेत्र है। इसकी सीमाएं पाकिस्तानी पंजाब एवं उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत से पश्चिम में, उत्तर पश्चिम में अफगानिस्तान के वाखान गलियारे से, चीन के जिन्जियांग उयघूर स्वायत्त क्षेत्र से उत्तर और भारतीय कश्मीर से पूर्व में लगती हैं। इस क्षेत्र के पूर्व कश्मीर राज्य के कुछ भाग, ट्रांस-काराकोरम ट्रैक्ट को पाकिस्तान द्वारा चीन को दे दिया गया था व शेष क्षेत्र को दो भागों में विलय किया गया था। उत्तरी क्षेत्र एवं आजाद कश्मीर। इस विषय पर पाकिस्तान और भारत के बीच में युद्ध भी हुआ था। भारत द्वारा इस क्षेत्र को पाक अधिकृत कश्मीर कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र सहित अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं इस क्षेत्र को पाक-प्रशासित कश्मीर ही कहा जाता है। इसके साथ अक्साई चिन नामक क्षेत्र जो पूर्व जम्मू एवं कश्मीर राज्य का भाग था, पाक अधिकृत कश्मीर में नहीं आता है। ये 1962से चीनी नियंत्रण में है। जम्मू एवं कश्मीर को अक्साई चिन क्षेत्र से अलग करने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा कहलाती है। 1963 में पाकिस्तान ने पाक अधिकृत  कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान वाले हिस्से में से 1900 वर्ग मील एक इलाका चाइना को सौगात में दिया।
सन 2009 तके पाकिस्तान ने शेष रहे के कब्जाये कश्मीर के भी  गिलगित-बाल्टिस्तान व आजाद कश्मीर नाम के 2 टुकड़े कर दिए।  पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर को 3 हिस्सों में बांटा जिनमें एक आजाद कश्मीर, दूसरा गिलगिट-बाल्टिस्तान और तीसरा चीन को सौगात में दे दिया, जहां चीन ने सड़कें और रेल लाइन बना ली हैं। एक चैथा हिस्सा अक्साई चिन है जिसे चीन ने हथिया लिया
-मतलब यह कि पाक अधिकृत कश्मीरे और गिलगित-बाल्टिस्तान 2 क्षेत्र हो गए। अब भारत सरकार को क्या नजरिया है। क्या भारत सरकार जब पाक अधिकृत कश्मीर को वापस लेने की बात कहती है तो वह उस पूरे जम्मू कश्मीर के उस क्षेत्र को लेना चाहेगी जो 1947 में पाक ने बलात कब्जा किया या  केवल उस क्षेत्र को जिसको पाकिस्तान अब आजाद कश्मीर कहता है। जिसमें चीन द्वारा कब्जाये गये अकाई चीन व गिलगिट बाल्टिस्तान क्षेत्र को भी वापस लेगा।

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