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कांग्रेस नेतृत्व के खुदगर्ज दरवारियों के दंश से मर्माहित हो कर सिंधिया ने थामा भाजपा का दामन

मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार की कमान संभालेगे सिंधिया या चैहान या विजयवर्गीज
प्यारा उतराखण्ड डाट काम
खुदगर्ज दरवारियों से घिरी कांग्रेस को निरंतर एक के बाद एक झटके खाने के लिए अभिशापित होना पड़ रहा है। कई घण्टों की इंतजारी के बाद आखिरकार कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को 11 मार्च को 2.50बजे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भाजपा के शीर्ष रणनीतिकार मोदी व अमित शाह के  आशीर्वाद  से  भाजपा की सदस्यता दिलायी गयी। प्रधानमंत्री मोदी व अमितशाह से मुलाकात के बाद जैसे ही सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद खबर थी कि सिंधिया 10 मार्च की सांयकाल 6 बजे भाजपा मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता दिलायी जायेगी। उसके बाद यह समय भी बीता और बताया गया कि 11 मार्च के 12 बजे भाजपा में सम्मलित होंगे। बाद में 12.30 बजे का समय प्रचारित किया गया। इसके बाद 2 बजे दोपहर का समय दिया गया। परन्तु दो बजे भी सिंधिया अपने दिल्ली आवास से नहीं निकले। आखिरकार 2.09 बजे श्री सिंधिया भाजपा में सम्मलित होने के लिए भाजपा मुख्यालय के लिए अपने घर से चले। उनके सेाथ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम भी साथ है।
लगातार 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी नेतृत्व वाली भाजपा से बुरी तरह मात खाकर सत्ताच्युत हुई कांग्रेस को मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ विधानसभा  चुनाव जीतने के बाद जो जीवन संजीवनी मिली थी उस पर मध्य प्रदेश की सरकार में सत्तासीन मुख्यमंत्री कमलनाथ व दिगविजय द्वारा सत्तामद में चूर होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को हाशिये में डालने के आत्मघाती दाव के कारण ग्रहण लग गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने से वंचित रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को जब राज्यसभा के चुनाव में भी उन्हें प्रत्याशी न बनाये जाने की भनक लगी तो उन्होने होली के दिन 10 मार्च को जहां कांग्रेस से अपना इस्तीफा थमा दिया वहीं उनके समर्थन में ही मध्य प्रदेश के 22 विधायकों ने भी बंगलोर से अपना इस्तीफा भेज दिया। होली के दिन आये इस सियासी भूचाल  ने जहां मध्य प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस की कमलनाथ सरकार की चूलें हिला कर कांग्रेस नेतृत्व सहित देश पर के कांग्रेसियों की होली ही बदरंग कर दी। वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी करने से बाल बाल वंचित रही भाजपा कांग्रेस का एक किला ध्वस्थ करने की खुशी में बाग बाग हो गयी। इस विवाद से पहले 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा का समीकरण यह है। दो विधायकों का निधन हो चुका है। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। सरकार के लिए 115 का जरूरी आंकड़ा है। कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बसपा और एक सपा विधायक का समर्थन है। कांग्रेस के पास कुल 121 विधायक तथा  भाजपा के पास 107 विधायक हैं।

भले ही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान सहित राष्ट्रीय स्तर पर सभी भाजपा नेता, भाजपाई चक्रव्यूह में आकंठ फंसी मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार प्रकरण को कांग्रेस का अंदरूनी उठापटक बताते हुए भाजपा की किसी प्रकार से संलिप्ता को सिरे से नकार रहे हों परन्तु यह जगजाहिर हो गया कि जिस प्रकार होली के दिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अमितशाह के साथ प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक घण्टे की विशेष मंत्रणा की और सिंधिया समर्थक सभी 22 विधायक बंगलुर के कोप भवन में है, यह दोनो स्थितियां खुद ही मध्य प्रदेश में हो रहे सत्ता प्रकरण के पीछे भाजपा का हाथ ही जगजाहिर कर रहा है।
भले ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत में आयी कमलनाथ सरकार केे अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट के बादल को खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित तमाम कांग्रेसी नेता सिरे से नकारते हुए अपना पूर्ण बहुमत बताते हुए दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। कांग्रेसी नेता दावा कर रहे हैं बेंगलूर में उनके सभी 22 विधायकों को भाजपा ने दवाब में इस्तीफा लिखाया। उनको गुमराह किया गया। वे सभी कांग्रेस के साथ है। जैसे ही सरकार सदन में अपना विश्वास अर्जित करेगी, वेसे ही कांग्रेस सहित सभी समर्थक विधायक कांग्रेस के पक्ष में मतदान करके भाजपा की आशाओं में पानी फैर देंगे। कांग्रेस के इस दावे से भाजपा आशंकित है कि कहीं कमलनाथ भाजपाई विधायकों पर सैंध न मार दे इसीलिए भाजपा ने अपने विधायकों को सुरक्षित हरियाणा में रखा है।
मध्य प्रदेश की इस उठापटक से कांग्रेस ही नहीं भाजपा भी आशंकित है। दोनों ने अपने अपने विधायकों पर सेंधमारी की आशंका से उबरने के लिए अपने अपने विधायकों को अपने दूसरे राज्य की सरकार के भरोेसे सुरक्षित रखने के लिए भेज दिये है। जहां  भाजपा ने अपने सभी विधायकों को विशेष विमान से 10 मार्च की रात को ही दिल्ली भेज दिया। इसके बाद दिल्ली से उनको हरियाणा के  मानेसर स्थित पंचतारा होटल में कड़ी सुरक्षा में रखा है।  वहीं कांग्रेस ने भी 11 मार्च को अपने शेष विधायकों को  हवाई मार्ग से राजस्थान भेज कर जयपुर के पंचतारा होटल रूपि सुरक्षित आशियाने में रखा है। इसके साथ कांग्रेस के दो केन्द्रीय पर्यवेक्षक मुकुल वासनिक व हरीश रावत को भी विधायकों को और मजबूती का पाठ पढाने जयपुर पंहुच गये। अब देखना यह है कि सिंधिया द्वारा भाजपा का दामन थामने के बाद अल्पमत में आयी मध्य प्रदेश सरकार को कांग्रेस कैसे बचा पाती है। मध्य प्रदेश में इस घटनाक्रम के बाद मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार की कमान सिंधिया संभालेगे या चैहान या विजयवर्गीज। ऐसी भी खबर है कि सिंधिया भाजपा की तरफ से राज्यसभा सांसद के प्रत्याशी होंगे । सिंधिया के भाजपा में सम्मलित होने  पर भाजपा के विरष्ठ नेता प्रभात झा को नाराज बताया जा रहा है।

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