देश

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस बने फिर मुख्यमंत्री

भारतीय राजनीति का निर्लज्ज चेहरा महाराष्ट्र की सत्ता खेल में हुआ बेनकाब  

 
शाह वह पवार की तिकड़म से देवेंद्र फडणवीस बने फिर मुख्यमंत्री

 

देवसिंह रावत

भारतीय राजनीति में किस प्रकार हुई सिद्धांत भी विष्णु जी का भ्रष्टाचार परिवारवाद का खेल भी सही सही जाता है इसका सबसे ताजा उदाहरण है महाराष्ट्र में भाजपा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की मिली जुली सरकार का अचानक सत्तासीन होना उल्लेखनीय है कि कल रात तक जिस उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस शिवसेना व कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने जा रही थी आज इस गठबंधन का की सरकार बनने का दावा राज्यपाल के समक्ष किया जाना था ऐन वक्त पर सुबह जब लोग सो कर उठे तुलु खबरिया चैनलों से यह खबर सुनकर क्योंकि महाराष्ट्र में भाजपा वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की जीत सरकार ने शपथ ग्रहण कर लिया है देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बन गए और राष्ट्रवादी कांग्रेस के अजित पवार उपमुख्यमंत्री बंद दोनों को राजभवन में भी तड़के आनन-फानन में शपथ ग्रहण भी करा दिया पूरे देश में देखा कैसे केंद्रीय सत्ता अपने हितों का पोषण संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों से निर्ममता से कराता है। रात को छगन भुजगल की मौजूदगी में अजित पवार ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से बात की, बाहर बताया जा रहा है कि शरद पवार को इस बात का भान नहीं। शरद पवार देश को बता रहे है कि अजित का फैसला उनका नहीं है। सबसे हैरानी की बात यह है कि राज्यपाल ने देवेन्द्र को 30 नवम्बर तक अपना बहुमत साबित करने का समय दिया। जबकि शिवसेना को दो दिन सरकार बनाने का समय नहीं दिया।
ताजा समीकरण यह है 288 की विधानसभा में  भाजपा के पास 105, शिवसेना के पास 56, राकांपा के पास 54 व कांग्रेस  के पास 44 इसके अलावा शेष अन्य थे। अब भाजपा राकांपा के साथ यह सरकार बना दी। केन्द्र में भाजपा की सरकार है, राज्यपाल उसी का है। इसलिए चुनाव परिणाम आने के बाद मुझे पूरा विश्वास था कि सरकार तो भाजपा ही बनायेगी। जिस प्रकार भाजपा ने गोवा व पूर्वोतर में कम संख्या बल होने के बाबजूद अपनी सरकार बनायी। वह भाजपा अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व के होते हुए भाजपा किसी अन्य को महाराष्ट्र में सरकार बनाने दे। वही परिणाम सामने है। शिवसेना को भाजपा के गठबंधन से बाहर आने के लिए किसी ने समर्थन से सरकार का झांसा दिया वह और कोई और नहीं शरद पवार ही होगा। शिव सेना को गच्छा देकर व कांग्रेस को एक बार फिर बडा विश्वासघात का दंश दे कर पवार ने जिस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी से मिल कर महाराष्ट्र सरकार बनाने का काम किया वह सामने है।
लोग यह भी जानते हैं अगर यही काम शिवसेना राष्ट्रवादी कांग्रेस व कांग्रेस का गठबंधन करता है तो राज्यपाल इतनी तड़के उन्हें कोई शपथ नहीं दिलाता परंतु इसे ही कहते हैं जो जीता वही सिकंदर बाकी सभी बंदर विदेशी नहीं पूर्व विश्व की राजनीति में होता है जो जीता उसी को जय हिंद जय हिंद पूरी दुनिया करती है अब शिवसेना को घर हो अब घाट का छूने वाले शरद पवार तथा कांग्रेस से विश्वासघात करने वाले शरद पवार महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के समर्थन से भारतीय जनता पार्टी की सरकार की सत्ता सिंह होने की तमाम गोपियां बिछाने के बाद आप खुद को पाक साफ साबित करने में लगे
इस पर मेने तुरंत फेसबुक,व्हाटएप,टिवटर पर अपने तुरंत प्रतिक्रिया दी  जो निम्न लिखित है।

शिवसेना को घर का ना घाट का रखकर व कांग्रेस से विश्वासघात कर पवार ने धूर्त लोमड़ी की तरह चटकाई भाजपा के संग सत्ता की मलाई

महाराष्ट्र में रुभाजपा व राकांपा के साथ गठबंधन की बिसात बिछा कर अब पाकऋसाफ होने का नाटक कर रहे हैं शरद पवार

रुपवार की राजनीति पर प्यारा उत्तराखंड की भविष्यवाणी हुई साकार केंद्र में बन सकती है पवार की बेटी में मंत्री। पटेल दाग होंगे मुक्त

आखिरकार पवार पर रुशाह का दबाव रंग लाया। लालू व चिदंबरम की तरह दुर्गति ना हो इसलिए पवार ने बनाई भाजपा से मिलकर महाराष्ट्र में सरकार

महाराष्ट्र में गठजोड़ की सरकार बनाकर रुपंवार व रुभाजपा हुए बेनकाब। भ्रष्टाचार व विश्वासघात की राजनीति का पदार्पण

महाराष्ट्र में शाह और पवार ने दिखाई अपनी बाजीगरी व दबंगई फिर बने देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री।
इस प्रकार महाराष्ट्र की राजनीति में साफ हो गयी कि यहां किसी भी दल का कोई सिद्धांत नहीं। भ्रष्टाचार व नैतिकता केवल भाषणों का ताज होते है असल दुनिया में तो वही चलता जो जीता वही सिकंदर। यह महाराष्ट्र की राजनीति से साफ हो गया।

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