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जय उत्तराखण्ड: पीएम मोदी के इस कदम से NSA अजीत डोवाल बने देश के सबसे ताकतवर नौकरशाह

  • उत्तराखंड और देश की शान है NSA अजीत डोवाल अब बन गए देश के सबसे ताकतवर नौकरशाह

  • मोदी सरकार के इस बड़े कदम के बाद देश के सबसे ताकतवर नौकरशाह बने अजीत डोभाल

    PM मोदी ने अजित डोभाल को दी नई बड़ी जिम्मेदारी

    उत्तराखंड और देश की शान है अजीत डोवाल जिसका नाम सुनकर काँपते है अमेरिका चीन और

  • जय उत्तराखण्ड: पीएम मोदी के इस कदम से NSA अजीत डोवाल बने देश के सबसे ताकतवर नौकरशाह


प्यारा उत्तराखण्ड –भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को एक नई जिम्मेदारी दी गई है। रणनीतिक नीति समूह (स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप) यानी एसपीजी के कैबिनेट सचिव के बदले अब वो इसकी अध्यक्षता करेंगे। इस नई जिम्मेदारी के साथ वो और भी शक्तिशाली नौकरशाह बन गए हैं।

अजित डोभाल पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में छह साल तक काम कर चुके हैं। शुरुआती दिनों में वे अंडरकवर एजेंट थे और सात वर्ष तक पाकिस्तान में सक्रिय रहे। वे पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक पाकिस्तानी मुस्लिम की तरह रहे।

ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार में निभाई थी मुख्य गुप्तचर की भूमिका
भारतीय सेना के एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान उन्होंने एक गुप्तचर की भूमिका निभाई और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराईं, जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका। इस दौरान उनकी भूमिका एक ऐसे पाकिस्तानी जासूस की थी, जिसने खालिस्तानियों का विश्वास जीत लिया था और उनकी तैयारियों की जानकारी मुहैया करवाई थी।

  • अजित डोभाल जिसने 37 सालों तक सिर्फ जासूसी की। और हर बार एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।
    अजीत डोभाल भारत के इकलौते ऐसे पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें कीर्ति चक्र और शांतिकाल में मिलने वाले गैलेंट्री अवॉर्ड से नवाजा गया है। डोभाल ने पठानकोट ऑपरेशन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। डोभाल कई सिक्युरिटी कैंपेन का हिस्सा रहे हैं। इसी के चलते उन्होंने जासूसी की दुनिया में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

ये है अजीत डोभाल का परिचय  

  • अजीत डोभाल का जन्म 1945 को पौड़ी गढ़वाल में हुआ था ।
    NSA अजीत डोवाल की पढ़ाई अजमेर मिलिट्री स्कूल में हुई है।
  • केरल के 1968 बैच के IPS अफसर डोभाल अपनी नियुक्ति के 4 साल बाद 1972 में ही इंटेलीजेंस ब्यूरो -IB से जुड़ गए थे। उन्होंने अपना ज्यादातर समय खुफिया विभाग में जासूसी करके गुजारा है। वह 2005 में आईबी की डायरेक्टर पोस्ट से रिटायर हुए हैं। उन्होंने अपने पूरे करियर में सिर्फ सात साल ही पुलिस की वर्दी पहनी है।
  • जून 2010, अजित डोभाल के दिशा निर्देशन में भारतीय सेना ने पहली बार सीमा पार म्यांमार में कार्रवाई कर उग्रवादियों को मार गिराया। ऑपरेशन में 30 उग्रवादी मारे गए।
    जून 2014, डोभाल ने आईएसआईएस के कब्जे से 46 भारतीय नर्सों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • 1971 से लेकर 1999 तक 5 इंडियन एयरलाइंस के विमानों के अपहरण की घटनाओं को टालने में भूमिका निभाई।
    1999, कंधार में इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के अपहर्ताओं के साथ भारत के मुख्य वार्ताकार के तौर पर अजित डोभाल ही थे।
    वह सात साल तक पाकिस्तान में एक गुप्त एजेंट बन के रहे थे।

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