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नोटबंदी व जीएसटी से बर्बाद हुए व्यापारी प्रकाश पाण्डे की मौत से आक्रोशित व्यापारियों ने रखा 10 जनवरी को नैनीताल बंद

पीड़ित की फरियाद न सुनने वाली सरकार की संवेदनहिनता से जनता स्तब्ध और आक्रोशित

नोटबंदी व जीएसटी से बर्बाद हुए ट्रांसपोर्ट कारोबारी ने उत्तराखण्ड के कबीना मंत्री सुबोध के समक्ष खाया था जहर

 

देहरादून स्थित भाजपा कार्यालय में जहर खाने के बाद गंभीर स्थिति में हल्द्वानी के टांसपोर्ट कारोबारी को मैक्स अस्पताल में किया था भर्ती

 
प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री द्वारा फरियाद न सुने जाने के बाद उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को 5 जनवरी को लिखा अंतिम पत्र

 

देहरादून(प्याउ)। नोटबंदी व जीएसटी से बर्बाद हो गये व्यापारी प्रकाश पाण्डे की देहरादून के मैक्स अस्पताल में 9 जनवरी को मौत हो जाने से उत्तराखण्ड का व्यापार जगत स्तब्ध है। आक्रोशित व्यापारियों ने 10 जनवरी को नैनीताल बंद रखा है। व्यापारी की मौत से सत्तारूढ दल भाजपा हैरान है वहीं कांग्रेस सहित विपक्षी दलो ने इसके लिए प्रदेश व देश की संवेदनहीन भाजपा सरकार को गुनाहगार माना।

वहीं आम जनता हैरान है कि ये सत्तासीन होने के बाद ये राजनेता इतने पत्थर दिल क्यों हो जाते है क्यों ये दुखियों की फरियाद तक नहीं सुनते है। अगर भाजपा सरकार इस फरियाद को सुनती तो इस युवा व्यापारी की जान बचायी जा सकती थी।जिस समय व्यापारी ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में जहर खाने की धमकी दी अगर मंत्री व भाजपा मुख्यालय के पदाधिकारी जरा सी भी सावधानी बरतते तो व्यापारी की जान बचायी जा सकती थी। 
गौरतलब है कि दिवंगत व्यापारी की व्यथा को सरकारों द्वारा न सुने जाने से निराश व्यापारी ने 6 जनवरी को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में प्रदेश सरकार के कबीना मंत्री सुबोध उनियाल के समक्ष जहर खा लिया था। इसके बाद उनका इलाज मैक्स अस्प्ताल मे  चल रहा था।

उत्तराखण्ड भाजपा के मुख्यालय बलबीर रोड़ में 6 जनवरी को उस समय हडकंप मच गया जब जनता दरवार में जनता की समस्याओं को सुन रहे प्रदेश सरकार के कबीना मंत्री सुबोध उनियाल के समक्ष नोटबंदी व जीएसटी से बर्बाद हुए हल्द्वानी के एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी प्रकाश पाण्डे ने फरियाद न सुने जाने व्यथित हो कर जहर खा लिया। आनन फानन में भाजपा के ही कार्यकत्र्ता उसे दून अस्पताल ले गये । पीड़ित व्यापारी को गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हे मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया।
व्यापारी ने प्रधानमंत्री व उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के लिखे अपने पत्र में अपनी बर्बादी का कारण ननोटबंदी व जीएसटी को जिम्मेदार ठहराया। व्यापारी द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में बताया कि नोटबंदी व जीएसटी से  4-5 साल पहले 60 लाख से एक करोड़ रूपये तक का हर साल कारोबार होता रहा। परन्तु नोटबंदी व जीएसटी लागू होने के बाद इन 12-13 महीने से  उसका धंधा चैपट हो गया। वह  न गाडियों की किस्ते जमा कर पा रहा है व नहीं बच्चे की स्कूल की फीस। उसने प्रधानमंत्री से भी फरियाद की परन्तु कोई सुनवाई न होने से वह टूट गया। उसे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा हैं। 5 जनवरी को उसने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र को एक अंतिम पत्र भी कुछ आर्थिक मदद लोन के लिए लिखा। वह पत्र मुख्यमंत्री को भेज पाये या नहीं। पर उन्होने 6 जनवरी को प्रदेश की सत्ता में आसीन भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश सरकार के कबीना मंत्री के समक्ष फरियाद करनी चाही। परन्तु मंत्री द्वारा उनकी समस्या पर उचित ध्यान न दिये जाने से आहत व्यवसायी प्रकाश पाण्डे ने जहर खा लिया।
यह खबर सोशल मीडिया व केदारनाथ के जागरूक विधायक मनोज रावत ने इस खबर अपनी तीब्र प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए पीड़ित व्यापारी के स्वस्थ्य लाभ की कामना की। वहीं विधायक मनोज ने नोटबंदी व जीएसटी जैसे देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने व प्रकाश पाण्डे जैसे असंख्य कारोबारियों पर ग्रहण लगाने वाला कदम बताया।

सोशल मीडिया में प्रकाश में आये कारोबारी प्रकाश पाण्डे की व्यथा उन्हीं द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को 5 जनवरी को लिखे अंतिम पत्र द्वारा

सेवा में श्रीमान त्रिवेन्द्र रावत
मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार
देहरादून उत्तराखण्ड

महोदय,
आपको अवगत कराना है कि नोटबंदी व जीएसटी आदि के बाद से ट्रांसपोर्ट का कारोबार बुरी तरह पिट गया है। प्रार्थी की अपनी ट्रक व डम्पर है जो की फाईनेन्स  की गयी है। पिछले 12.-13 महीने से काम नहीं रहा और गाडियों की किस्ते नहीं जा पायी है और मैं काफी कर्जदार हो गया हॅू तथा अपनी जीवन बीमें की किस्त तथा पिछले 6 महीने  से अपने बच्चों की स्कूल की फीस भी नहीं भर पाया हॅू।
महोदय, मेरा बैंक आफ इंडिया हल्द्वानी शाखा में श्री सिद्धि विनायक के नाम से करंट अकाउन्ट है खाता सं.705130110000063 है। पिछले चार पांच वर्षों में मेरी बैंक खाते में ट्रान्जेक्शन 60 लाख रूपये से 1 करोड़ रू0 प्रति वर्ष थी। पिछले चार पांच महीनों से खाते में कोई ट्रान्जेंक्शन नहीं हो पाई है। महोदय प्रधानमंत्री श्री मोदी जी को भी इस सम्बंध में लिखा, वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली जी को भी लिखा  परन्तु केवल प्रधानमंत्री कार्यालय से ‘आपकी शिकायत सुन ली गयी है’ वाला लैटर आया।
महोदय स्थिति प्रति दिन खराब हो रही है। सोचने समझने की शक्ति भी समाप्त हो गयी है, समझ में नहीं आ रहा है  मैं क्या करूं। आपसे एक अंतिम गुजारिश है कि आप प्रार्थी को बैंक से या किसी अन्य मद से आर्थिक मदद लोन के रूप में दिलाने की कृपा करें। जिससे प्रार्थी अपना कारोबार पुन्न खडा कर सके। कृपया मेरी मदद करे।

प्राथी
प्रकाश पान्डे
निवास-नई कालोनी काठगोदाम नैनीताल

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