उत्तराखंड

हरक के विरोध के बाबजूद केदारनाथ विकास प्राधिकरण गठन कराने में सफल रहे महाराज

देहरादून(प्याउ)। 12 जुलाई को उत्तराखंड मंत्रीमण्डल ने जहां पर्यटन विभाग की तरफ से केदारनाथ विकास प्राधिकरण गठन का निर्णय लिया गया। हालांकि  इस प्राधिकरण के गठन व इसमें 12 पदों  के सृजन के प्रस्ताव में हो रही चर्चा में कृषि मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा केदारनाथ प्राधिकरण गठन के औचित्य पर ही प्रश्न उठा दिया। मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ विकास प्राधिकरण गठन किया जाना गलत है। अगर केदारनाथ विकास प्राधिकरण गठित किया गया तो सरकार के समक्ष बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री सहित दर्जनों ऐसे ही प्राधिकरण गठन की मांगे उठेगी।
हरक सिंह रावत के विरोध पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कड़ा विरोध जताते हुए केदारनाथ में आयी प्राकृतिक आपदा के बाद तबाह हुए इस क्षेत्र के तेजी से विकास के लिए यह नितांत जरूरी है।
सुत्रों के अनुसार दोनों में हुई तीखी बहस न केवल सचिवालय में अपितु पूरे उत्तराखण्ड के सियासी जगत में चर्चा में रही। हालांकि इस प्रकार की तीखी बहस के बारे में मंत्रीमण्डल के प्रवक्ता मदन कोशिक व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सिरे से नकार दिया। पर कृषि मंत्री इसमें अपने भिन्न मत की बात स्वीकारी। उल्लेखनीय है कि पर्यटनमंत्री व कृषि मंत्री के बीच लम्बे समय से राजनैतिक दूरियां जग जाहिर है। फर्क केवल इतना है कि सतपाल महाराज पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में सम्मलित हुए थे व हरक सिंह रावत पूरे हरीश रावत सरकार के खिलाफ पूरे अपने अन्य विधायक साथियों के साथ विद्रोह करके भाजपा में सम्मलित हुए । महाराज जहां पूरे देश विदेश में विख्यात हैं वहीं हरक सिंह प्रदेश के सबसे बडे विद्रोही नेताओं में जाने जाते है।

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