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चीन की विश्वशांति को ग्रहण लगाने वाली, आत्मघाती विस्तारवादी प्रवृति पर अंकुश लगायेंगे भारत, अमेरिका व जापान

चीन की कश्मीर में हमला करने की मंशा से सच साबित हुई प्यारा उत्तराखण्ड की आशंका

देवसिंह रावत

चीन सरकार के नियंत्रण वाले ‘ग्लोबल टाइम्स’ में चीन की कश्मीर में हमला करने की मंशा की खबर प्रमुखता से छपने से भले ही भले ही आम भारतीय हस्तप्रदः हो गये हों पर ऐसे हमले की आशंका ‘ प्यारा उत्तराखण्ड’ समाचार पत्र ने अपने 6 जुलाई को अपने अंक में प्रमुखता से प्रकाशित कर दिया था। चीनी समाचार की इस खबर से भारतीय सुरक्षा तंत्र चैकन्ना हो गया हो।
वहीं दूसरी तरफ चीन की विश्व शांति पर ग्रहण लगाने वाली विस्तारवादी आत्मघाती प्रवृति पर भारत, अमेरिका व जापान अंकुश लगा सकते है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक महिने के अंदर जिस प्रकार से अमेरिका, इजराइल व जर्मन के दौरों से चीन बहुत ही चिंतित है। वह समझ रहा है कि भारत न केवल अपनी अर्थव्यवस्था मजबूत कर चीन द्वारा काबिज विश्व बाजार पर सेंघ मारेगा अपितु इसके साथ भारत अपनी सामरिक ताकत को मजबूत कर विश्व से ही नहीं अपितु एशिया से चीन के बर्चस्व पर ग्रहण लगा देगा।  इसी आशंका से बैचेन चीन ने अपने प्यादे आतंकी पाक को आगे करके भारत की सीमा पर निरंतर पाकिस्तान द्वारा हमला कर भारत को पाक से युद्ध के चक्रव्यूह में फंसा कर उसे अभिमन्यु का सा हस्र करना चाहता है। चीन चाहता है कि भारत पाक से उलझे और वह पाक से जैसे ही युद्ध के लिए उतरे तो उसी समय चीन भारत पर चैतरफा हमला कर भारत की विश्व शक्ति बनने के मिशन को जमीदोज करना चाहते है। शायद भारतीय हुक्मरानों ने चीन की इस मंशा को भांपते हुए पाक से सीधे युद्ध का ऐलान नहीं किया। भारत की इस रणनीति से बौखलाया चीन ने भूटान व सिक्कम प्रकरण छेड़ कर खुद भारत को ललकारने लगा। भारत ने चीन की इस ललकार का बहुत ही सुझबुझ से कदम उठाते हुए जहां भूटान की उस क्षेत्र में जहां चीन जबरन सड़क बनाने के लिए उतारू है वहां पर चीन की युद्ध की धमकी को दरकिनारे कर अपनी सेना का वहां पर डेरा डाल दिया है। यह एक प्रकार चीन की धमकी का ठोस जवाब दिया। अपने भूटान व सिक्कम दाव में भारत को फंसते न देख कर बौखलाये चीन ने अब अपने असली इरादों को खुद ही जगजाहिर किया गया। असल में पाकिस्तान को चीन ने सुरक्षा कवच देते हुए पूरा भरोसा दिलाया कि चीन भविष्य में पाक के भारत के साथ होने वाले युद्ध में पाक का साथ देकर भारत से कश्मीर छीन कर पाकिस्तान को सौंप देगा। शायद इसी का नजराना पाक ने चीन को पाक अधिकृत कश्मीर का बड़ा हिस्सा चीन को पहले ही दे दिया है।
भारत ने चीन की इस मंशा को भांप कर शायद अमेरिका व जापान के साथ मजबूत सामरिक गठबंधन किया है। चीन को अपने इस प्रकार के नापाक इरादों पर अंकुश लगाने के लिए चेतावनी के तौर पर भारत, अमेरिका व जापान के साथ मिल कर हिंद महासागर में सैन्य अभ्यास कर रहे है।
जहां तक चीन व पाक के इस खौपनाक चक्रव्यूह को खुद जगजाहिर किया चीन सरकार के संरक्षण में चलने वाले ‘ग्लोबल टाइम्स’ समाचार पत्र चाइना वेस्ट नॉर्मल विश्वविद्यालय में भारतीय अध्ययन केंद्र के निदेशक लांग जिंगचुन ने ‘ग्लोबल टाइम्स ‘में लिखे अपने आलेख में बिना लाग लपेट के दो टूक शब्दों में कहा है, ‘अगर भारत से भूटान के क्षेत्र को बचाने का आग्रह किया भी जाता है तो यह उसके स्थापित क्षेत्र तक हो सकता है, तो पाकिस्तान के आग्रह पर तीसरे देश की सेना कश्मीर में घुस सकती है। भले ही इस पर तीसरा देश यह तीसरा देश और कोई नहीं अपितु चीन ही है। जो इन दिनों पाकिस्तान का संरक्षक बना हुआ है।
खबरों से साफ है कि भारत द्वारा भूटान के क्षेत्र में जबरन सडक बनाने को आतुर चीन को रोकने से चीन बेहद खपा है और वह इसका जवाब कश्मीर में सैन्य हस्तक्षेप करके देने की धमकी दे रहा है।इसके साथ चीन की मंशा भूटान को भी तिब्बत की तरफ हड़पना की भी है। पर इस के मार्ग में भारत रौड़ा बना है।  
चीन ने अपने समाचार के द्वारा यह धमकी दी गयी है कि जिस तरह भूटान की ओर से सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में सड़क निर्माण से चीनी सेना को भारतीय सेना ने रोका, उसी तर्क का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के आग्रह पर कश्मीर में तीसरे देश की सेना घुस सकती है। यानी पाक के हितों की रक्षा में चीनी सेना कश्मीर में दखल दे सकती है।
खबर से स्पष्ट है अगर पाकिस्तान सरकार अनुरोध करे तो तीसरे देश की सेना भारत नियंत्रित कश्मीर सहित भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित क्षेत्र में घुस सकती है।इधर भारत ने भूटान के क्षेत्र में कब्जा रोकने के लिए अपनी सेना डोकलाम क्षेत्र में तैनात कर दी है। जिससे चिढ़ कर चीन कश्मीर में हमला करने की धमकी दे रहा है।

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