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बिहार बोर्ड परीक्षा में चल रहे फर्जीवाडे पर अंकुश न लगाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश व शिक्षा मंत्री इस्तीफा दे

गणेश से अधिक गुनाहगार है बिहार बोर्ड के प्रमुखों को भी किया जाय गिरफ्तार

देश विदेश में जगहंसाई का पात्र बने बिहार शिक्षा बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्रकरण ने गणेश को किया गया गिरफ्तार।

देवसिंह रावत

बिहार बोर्ड की बारहवीं परीक्षा में सर्वोच्च स्थान अर्जित करने वाले गणेश  को पुलिस ने गलत प्रमाणपत्र यानी कम उम्र बता ने के लिए गिरफ्तार किया गया। पर इन फर्जीवाडा को संरक्षण देने वाले व कराने वालों का गत वर्ष की तरह इस साल भी बाल भी बांका नहीं किया गया। अगर पिछले साल इस फर्जीवाडे पर अंकुश लगता तो इस साल ऐसा कृत्य नहीं होता। इसलिए इस प्रकरण में बिहार शिक्षा बोर्ड के प्रमुख व जिम्मेदार अधिकारियों को क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया? बिहार के शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। क्यों बिहार व देश की देश विदेश में जगहंसाई कराने वालों को खुला छोडा गया। सर्वोच्च स्थान लेने वाले तो मोहरे मात्र है। जो लोग हर साल ऐसे मोहरों को प्रथम स्थान या पास कराते हैं उन भैडियों को कोन करेगा दण्डित। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  व शिक्षा मंत्री क्यों मौन है। उनकी नैतिक जिम्मेदारी क्या है? क्या सर्वोच्च स्थान लेने वाले छात्र/छात्रा के साथ  बिहार बोर्ड के प्रमुख व उच्च अधिकारियों को गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए?
गौरतलब है कि गणेश ने अपनी कम उम्र के फर्जी दस्तावेजों के सहारे  12 कक्षा की परीक्षा दी। पर उनको बोर्ड ने बारहवीं में सर्वोच्च स्थान दिला कर पूरे देश को चैंका दिया। बताया जा रहा है कि संगीत के ज्ञान न होने के बाबजूद भी गणेश को संगीत सहित तमाम विषयों में इतने अधिक अंक दिये गये कि वह बिहार बोर्ड का प्रथम स्थान अर्जित कर चर्चा में आ गया। गत वर्ष बिहार बोर्ड की परीक्षा की सर्वोच्च अंक लेने वाली रूबी राय का भी फर्जीवाडा सामने आया। उसके बाद बिहार बोर्ड की जगहंसाई हुई। अपनी नाक बचाने के लिए बोर्ड ने आनन फानन में रूबी राय को भी जेल में बंद करना पडा। गत वर्ष हुई भूलों को सुधारने की आश बिहार व देश की जनता को थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो खुद को प्रधानमंत्री बनने के तमाम तिकडम करने में लगे है। परन्तु वह बिहार की नींव समझी जाने वाली शिक्षा में पनप रहे भ्रष्टाचार व फर्जीवाडे को अंकुश तक नहीं लगा पाये।
इससे पूरे देश में बिहार व विदेश में भारत की जगहंसाई हो रही है। इससे बिहार व देश की प्रतिभाओं को भी अपमानित होना पड रहा है। हैरानी की बात यह है कि बिहार की बोर्ड परीक्षा का इस साल का सर्वोच्च अंक लाने वाला गणेश भी गत वर्ष की सर्वोच्च अंक लाने वाली रूबी राय की तरह फर्जीवाडा के जुर्म में जेल में बंद होना पडा। यहां पर साफ है कि सर्वोच्च स्थान लाने वाला छात्र व छात्रायें तो जेल में बंद हो गये परन्तु इन छात्रों को फर्जीवाडा करा कर बिहार व देश की भद पिटाने वाले आस्तीन के सांप जो बिहार बोर्ड व शासन प्रशासन में है उनको बेनकाब कर जेल में बंद करने में सरकार असफल रही।
फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे 12वीं की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान अर्जित करने वाले गणेश से कहीं अधिक गुनाहगार है बिहार परीक्षा बोर्ड व बिहार सरकार। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश, बिहार व देश से माफी मांगे कि पिछले साल भी परीक्षा में सर्वोच्च स्थान पर हुए फर्जीवाडा पर एक साल बाद भी अंकुश न लगा सके और गणेश प्रकरण उजागर हो गया।
फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे 12वीं की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान अर्जित करने वाले गणेश से कहीं अधिक गुनाहगार है बिहार परीक्षा बोर्ड व बिहार सरकार। गणेश ने तो फर्जी प्रमाण पत्र बनाया परन्तु बोर्ड की परीक्षा में उसे सर्वोच्च अंक उसने नहीं उसे बोर्ड ने दिया। जो गत वर्ष भी इसी प्रकार के सर्वोच्च स्थान  प्रकरण के लिए पूरे देश में हंसी का पात्र बना।
गत वर्ष के फर्जीवाडा के बाद बिहार सरकार व बोर्ड को सजग हो कर इस प्रकरण से बचने का हर संभव कोशिश करनी चाहिए थी। परन्तु गणेश प्रकरण से साफ हो गया कि बोर्ड व सरकार दोनांें ने पूरे विहार व देश की शिक्षा प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाने वाली भयंकर भूलों को सुधारने का कोई काम ईमानदारी से नहीं किया। पूरे विश्व में बिहार की प्रतिभाओं के साथ यह अन्याय है। उनकी मेहनत व प्रतिभा पर आज भारत में ही नहीं विश्व में शंका की दृष्टि से देखा जा रहा है। प्यादों को सजा और गुनाहगारों को छूट क्यों?

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