उत्तराखंड

रामनगर में मनखी बाघ का आतंक, जंगल में लकड़ी लेने गयी महिला व उसकी खोज करने गये सुसर को बनाया शिकार, बेटे को किया घायल

वन विभाग ने किया बाघ को पकड़ने का दावा
रामनगर(प्याउ)। एक खौपनाक घटना से रामनगर क्षेत्र में लोगों में खौप छाया हुआ है। यहां बृहस्पतिवार 16 मार्च को एक मनखी बाघ ने जंगल में अपने बेटे के साथ लकड़ी लेने गयी महिला व उसकी खोज करने गये उसके ससुर लखपत को अपना मौत के घाट उतार दिया तथा उसके बेटे को बुरी तरह से घायल कर दिया। इस घटना के बाद फैले जनाक्रोष को देखते हुए वन विभाग ने काफी खोज करके इस मनखी बाघ को बेहोश कर दबोच लिया तथा दोनों मृतकों का षव भी ंबरामद कर लिया। सुत्रों के अनुसार इस मनखी बाघ ने लखपत के शव को न केवल मिट्टी के नीचे दबा दिया था बल्कि उसने शव के उपर डाली गई मिट्टी को पेड़ों से गिरे पत्तों तक से ढक दिया था।
सुत्रों के अनुसार मुरादाबाद के ग्राम कादराबाद निवासी रामदास अपने परिवार के साथ दाबका नदी में मजदूरी का काम करता था। दाबका में खनन कार्य का अवकाश होने के कारण वह सुबह अपनी पत्नी भगवती देवी के साथ तराई पश्चिमी वन प्रभाग के बैलपड़ाव रेंज के छोई बीट स्थित पश्चिमी चांदनी दाबका जंगल में लकड़ी लेने गया था। उसके साथ उसका पुत्र सचिन व अन्य लोग भी जंगल गए थे। वे जंगल से लकड़ी लेकर लौट रहे थे तभी दाबका नदी के पास घात लगाए एक बाघ ने उन पर हमला बोल दिया। बाघ रामदास की पत्नी भगवती को मौके से उठाकर जंगल की ओर ले भागा। बाघ के हमले से घबराए लोगों के चिल्लाने पर के बाबजूद बाघ फिर मौके पर आ धमका और भगवती के पुत्र सचिन को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
इस घटना के बाद बाघ ने बहू की खोजबीन में निकले ससुर को भी शिकार बना लिया। नरभक्षी बाघ के हमले की घटनाओं की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने आठ घंटे की खोजबीन के बाद बहू और ससुर के शव जंगल से बरामद किए। मनखी बाघ को बेहोश कर पिंजरे में कैद कर लिया। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। प्रशासन के दावे के बाबजूद लोगों के दिलों में छाया मनखी बाघ का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

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