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सरकार ने सोमवार 16 जून 2025 को वर्ष 2027 में जातिगत गणना के साथ भारत की 16वीं जनगणना कराने के लिए अधिसूचना जारी की। पिछली बार ऐसी जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी। अधिसूचना में कहा गया है कि लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों में जनगणना एक अक्टूबर 2026 से तथा देश के बाकी हिस्सों में एक मार्च 2027 से की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कल 15 जून2025 को नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह सचिव, महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह सचिव, महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की। जनगणना कराने की अधिसूचना 16 जून, 2025 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की गई।
जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण यानी मकान सूचीकरण और मकानों की गणना (HLO) में प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण यानी जनगणना (PE) में प्रत्येक घर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी एकत्र की जाएगी। जनगणना में जाति गणना भी की जाएगी।
जनगणना कार्य के लिए लगभग 34 लाख प्रगणक एवं पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी तैनात किये जायेंगे।
यह जनगणना प्रक्रिया शुरू होने के बाद से 16वीं जनगणना है और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना है।
आगामी जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लोगों को स्व-गणना का प्रावधान भी उपलब्ध कराया जाएगा।
संग्रहण, प्रेषण और भंडारण के समय डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत कड़े डेटा सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।