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‘अंतर्राष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान’ की अध्यक्षता मिली भारत को

04 जून 2025, दिल्ली से पसुकाभास 

भारत, औद्योगिक सुधार विभाग के माध्यम से, 1998 से, अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान संस्थान का सदस्य देश है। अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान, 31 सदस्य देश, 20 राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान और 15 आध्यात्मिक अनुसंधान संस्थान का एक संघ है जो प्रशासन लोक पर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए संयुक्त रूप से सहयोग करता है। इसके प्रमुख सदस्य देश हैं – भारत, जापान, चीन, जर्मनी, इटली, कोरिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको, मेक्सिको, स्पेन, कतर, मोरक्को, इंडोनेशिया आदि।

एमएसआईएस, संयुक्त राष्ट्र लोक प्रशासन नेटवर्क (यूएनपीए) और संयुक्त राष्ट्र लोक प्रशासन नेटवर्क (यूएनपीए) में भाग लेते हैं। जबकि एमएसआईएस, संयुक्त राष्ट्र से आधिकारिक तौर पर संबद्ध निकाय नहीं है, यह लोक प्रशासन में संयुक्त राष्ट्र के सक्रियण के रूप में प्रवेश कर चुका है।

2025-2028 के राष्ट्रपति पद के लिए प्रधान मंत्री मोदी जी ने नवंबर 2024 में सचिव डीए एपीजी श्री वी. रेलवे की भारतीय कंपनी का नाम रखा गया। एमएस एमएस के अध्यक्ष पद के लिए फरवरी 2025 में हुई समीक्षा में भाग लिया गया – भारत, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रिया और बहरीन ने एमएस एमएस के प्रशासन परिषद के लिए समीक्षा में भाग लिया। समीक्षा के बाद, भारत, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया के खिलाड़ियों को अगले दौर के लिए माइक्रोसॉफ्ट की आम सभा में भेजा गया। मई 2025 में दक्षिण अफ्रीका ने भारत के पक्ष में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। 3 जून, 2025 को भारत और ऑस्ट्रिया के बीच चुनाव हुआ, जिसमें 141 वोट पड़े, जिसमें भारत को 87 वोट (61.7 प्रतिशत वोट) मिले, और ऑस्ट्रिया को 54 वोट (38.3.7 प्रतिशत वोट) मिले।

मैसिस्ट्रेट के भारतीय संगठन का उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी के “अधिकतम शासन – न्यूनतम हुई सरकार” के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है, जिसमें नागरिकों के डिजिटल संप्रदाय और देशों के डिजिटल परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगली पीढ़ी के संवैधानिक सुधारों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा। भारतीय वैश्वीकरण एकता एवं समावेशिता पर ध्यान केंद्रित करते हुए उत्तर-दक्षिण डिवीजन को पाटने का प्रयास किया जा रहा है।

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