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ऑपरेशन_सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है; हमारे कार्य सिर्फ एक ट्रेलर थे, अगर जरूरत पड़ी तो हम पूरी तस्वीर दिखाएंगे:-रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्रालय
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आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई अब राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत का हिस्सा है, हम आतंकवाद के हर स्‍वरूप को जड़ से खत्म कर देंगे: भुज एयरफोर्स स्टेशन पर रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह


श्री राजनाथ सिंह ने आईएमएफ से पाकिस्तान को वित्तीय सहायता देने पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया क्योंकि उसने फिर से अपने आतंकी बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण शुरू कर दिया है

“वर्तमान युद्धविराम का अर्थ है कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई उसके व्यवहार के आधार पर स्‍थगित की है”

“भारतीय वायु सेना ने आतंकवाद के खिलाफ इस अभियान का नेतृत्व किया; वह न केवल दुश्मन पर हावी रही, बल्कि ऑपरेशन के दौरान उन्हें अधिक नुकसान पहुंचाया”

 16 मई 2025, दिल्ली से पसूकाभास 

रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने 16 मई, 2025 को गुजरात के भुज एयरफोर्स स्टेशन पर वायुसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई सिर्फ सुरक्षा का मामला नहीं है, यह अब राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत का हिस्सा बन गया है और हम आतंकवाद के हर स्‍वरूप को जड़ से खत्म कर देंगे।” उन्होंने कहा कि मौजूदा युद्धविराम का मतलब है कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई उसके व्‍यवहार के आधार पर स्‍थगित की है। उन्होंने कहा कि अगर उसके व्यवहार में सुधार होता है तो अच्‍छी बात है; लेकिन अगर कोई गड़बड़ी होती है तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “हमारी कार्रवाई तो बस एक ट्रेलर थी, अगर जरूरत पड़ी तो हम पूरी तस्वीर दिखाएंगे। ‘आतंकवाद पर हमला करना और उसे खत्म करना’ नए भारत की नई सामान्य बात है।”

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श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत द्वारा नष्ट किए गए आतंकी ढांचे का पाकिस्‍त’न ने फिर से निर्माण शुरू कर दिया है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से इसे दी जाने वाली एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करने और भविष्य में भी कोई सहायता न देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान अपने नागरिकों से एकत्र किए गए कर को जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के प्रमुख मसूद अजहर को लगभग 14 करोड़ रुपये देने में खर्च करेगा, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी नामित किया है। पाकिस्तान सरकार ने मुरीदके और बहावलपुर में स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता की भी घोषणा की है। आईएमएफ की एक अरब डॉलर की सहायता का एक बड़ा हिस्सा आतंकी ढांचे के वित्तपोषण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। क्या इसे एक अंतरराष्ट्रीय संगठन आईएमएफ द्वारा अप्रत्यक्ष वित्तपोषण नहीं माना जाएगा? पाकिस्तान को दी जाने वाली कोई भी वित्तीय सहायता आतंकी वित्तपोषण से कम नहीं है। भारत द्वारा आईएमएफ को दी जाने वाली धनराशि का उपयोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान या किसी अन्य देश में आतंकी ढांचा बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।”

रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की प्रभावी भूमिका की सराहना की। पाकिस्तान और पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों को सिर्फ 23 मिनट में खत्म करने के लिए वायु सेना के जांबाजों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “जब दुश्मन के इलाके में मिसाइलें गिराई गईं, तो दुनिया ने भारत की वीरता और पराक्रम की गूंज सुनी।” उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस अभियान का नेतृत्व भारतीय वायुसेना ने किया और ऑपरेशन के दौरान इसने सिर्फ दुश्मनों पर हावी होकर उन्हें खत्म कर दिया।

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श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के लड़ाकू विमान सीमा पार किए बिना पाकिस्तान के हर कोने पर हमला करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, “दुनिया ने देखा है कि कैसे भारतीय वायुसेना ने आतंकी शिविरों और बाद में पाकिस्तान के एयरबेसों को नष्ट कर दिया। भारतीय वायुसेना ने इस बात का प्रमाण दिया कि भारत की युद्ध नीति और तकनीक बदल गई है। उन्होंने नए भारत का संदेश दिया कि हम सिर्फ विदेश से आयात किए गए हथियारों और प्लेटफार्मों पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि भारत में निर्मित उपकरण हमारी सैन्य शक्ति का हिस्सा बन गए हैं। भारत में निर्मित हथियार अभेद्य भी हैं।”

रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने खुद ही ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की ताकत को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि भारत में बनी इस मिसाइल ने पाकिस्तान को रात के अंधेरे में दिन की रोशनी दिखाई। उन्होंने भारत की वायु रक्षा प्रणाली की भी सराहना की, जिसमें डीआरडीओ द्वारा बनाए गए आकाश और अन्य रडार सिस्टम ने जबरदस्त भूमिका निभाई है।

उन्‍होंने कल श्रीनगर के बादामी बाग कैंट में भारतीय सेना के जवानों से संवाद किया था आज भुज में वायु सेना के जवानों से बातचीत करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें एक बार फिर यकीन हो गया है कि भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा, “मैंने दोनों मोर्चों पर सैनिकों में जोश और देशभक्ति का उच्चतम स्तर देखा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सुरक्षा बलों ने जो किया, वह पूरे देश के लिए गर्व की बात है।”

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रक्षा मंत्री ने कहा कि भुज 1965, 1971 और अब पाकिस्तान पर भारत की जीत का गवाह रहा है। उन्होंने भुज को देशभक्ति की भूमि बताया, जहां सैनिक राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अडिग संकल्प के साथ खड़े रहते हैं। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए वायु सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अन्य बहादुर सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

श्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों को नवीनतम हथियारों/प्लेटफॉर्मों और आधुनिक बुनियादी ढांचे से लगातार लैस करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि एक मजबूत राष्ट्र अपनी सेना का सम्मान करता है और उसे संसाधन, तकनीक तथा हर तरह का सहयोग प्रदान करता है। उन्होंने इस बात का उल्‍लेख किया कि पहले भारत आयात पर बहुत अधिक निर्भर था, लेकिन आज वह आर्टिलरी सिस्टम, रडार सिस्टम, मिसाइल शील्ड, ड्रोन और जवाबी ड्रोन जैसे उपकरणों का स्‍वयं निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम आयातक से निर्यातक बन रहे हैं; और यह तो बस शुरुआत है।”

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के लोगों, सरकार, सशस्त्र बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में एकता और समझदारी दिखाई है, जिसमें हर नागरिक एक सैनिक की तरह भाग ले रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार और देश के लोग हर कदम पर अपनी सेनाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, “हम सब मिलकर इस क्षेत्र से आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म कर देंगे और भारत की संप्रभुता पर कोई भी बुरी नजर डालने की हिम्मत नहीं करेगा।”

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत पहलगाम में मारे गए निर्दोष लोगों और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर की । उन्होंने घायल सैनिकों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

इस अवसर पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और वायुसेना के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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