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भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने की 10 उद्योगों को 9 प्रणालियों की प्रौद्योगिकियां हस्तांतरित

आज़ादी का अमृत महोत्सव

08 जून 2025, दिल्ली से पसुकाभास 

सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की भागीदारी के साथ एक मजबूत रक्षा औद्योगिक तंत्र की स्थापना करने के लिए सरकार के दृष्टिकोण के साथ, महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में स्थित डीओ की एक मशीनरी – वाहन अनुसंधान और विकास संस्थान (आरडीवी) ने 10 कंपनियों को नौ इंजीनियरों की कंपनियों के साथ मिलकर एक बड़ा कदम उठाया है। 7 जून, 2025 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. के दौरान एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समीर वी. कामत की उपस्थिति में लाइसेंसिंग को ठीक किया गया। इन कर्मचारियों को वैधानिक तरीके से दी गई प्रौद्योगिकियां इस प्रकार हैं:

क्र. सं.

 

उत्पाद/प्रौद्योगिकी उद्योग साझेदारी
1.

 

रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल, परमाणु (सीबीआरएन) टोही वाहन (ट्रैक) एमके-II

 

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
2.

 

माउंटेड गन सिस्टम भारत फोर्ज लिमिटेड
3.

 

रेहन वाहन – ट्रैक किया गया संस्करण मेटलटेक मोटर बॉडीज़ प्राइवेट लिमिटेड
 

 

 

 

4.

 

 

 

 

मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन एमके-1ए के लिए 70टी टैंक टैंकर का पूर्ण टेलीकॉम

बीई पोर्टफोलियो लिमिटेड
टाटा इंटरनेशनल ओपीएलआईकेशंस
एस इंडस्ट्रीज ऑटो प्राइवेट लिमिटेड

 

जॉन गाल्ट इंटरनेशनल

 

5.

 

विस्तार योग्य मोबाइल शेल्टर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड

 

6.

 

वज्र-दंगा वाहन नियंत्रण टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड

 

7.

 

यूनिट इंजीनियरिंग वाहन के लिए एमबीबीटी अर्जुन

 

 

 

बीई पोर्टफोलियो लिमिटेड

8.

 

एमबीटी अर्जुन के लिए यूनिट कार्गो वाहन

 

 

 

9.

 

 

बहुउद्देश्यीय शोधन प्रणाली

 

दास हिताची लिमिटेड

 

गोमा प्राइवेट लिमिटेड

 

वीडियो टैग: रिलायंस जियो ने संयुक्त रूप से काम करने के लिए डंकाईपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी, पुणे के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर  डॉ. कामत ने  डीडीआरओ और उद्योग जगत के निदेशक के लिए  ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान स्वदेशी आतंकवादियों का प्रदर्शन किया। उन्होंने उद्योग जगत को क्षमता वृद्धि की योजना बनाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने उच्च-स्तरीय तकनीकी समाधानों के लिए वीडिय के प्रयास की खोज में भूमि और हथियार उपकरण स्थापित किए।

इस अवसर पर उद्योग जगत के निर्माताओं के साथ प्रोफेसर (डॉ.) प्रतीक किशोर, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं जहाज़ (आयुध एवं युद्ध इंजीनियरिंग) अनुभवी डीआरडीओ; वी.डी.आर.डी. के निदेशक श्री जी राममोहन राव और अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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