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उतराखण्ड की गढवाल-(54.47 ) , टिहरी(58.30 ) , हरिद्वार(68.92) , अल्मोडा(51.82 ) व नैनीताल(68.69 ) में हुआ 61.50 प्रतिशत मतदान प्रतिशत मतदान

उतराखण्ड की 5 संसदीय सीट सहित देश के 20 राज्यों की 91 संसदीय सीट पर 11 अप्रैल 2019 को हुआ प्रथम चरण का मतदान

 

प्यारा उतराखण्ड समाचार संवाद
लोकसभा चुनाव 2019 के प्रथम चरण के चुनाव में उतराखण्ड की 5 संसदीय सीट सहित देश के 20 राज्यों की 91 संसदीय सीट पर 11 अप्रैल 2019 को हुआ औसतन 66 फीसद मतदान। एकाद घटना को छोड कर प्रथम चरण का मतदान शांतिपूर्ण हुआ। कहीं कहीं मतदान मशीने कुछ समय के लिए खराब होने की भी खबरें आयी। उतराखण्ड  निर्वाचन आयोग के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनाव में 61.50 प्रतिशत मतदान हुआ। उत्तराखंड में कुल 77,65,423 मतदाताओं में से 47,75,517 ने ही मतदान किया। उतराखण्ड में कुल 259 में से 38 तृतीय लिंगी मतदाताओं ने ही मतदान किया।. गौरतलब है कि सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में 62.15 प्रतिशत मतदान हुआ। गत वर्ष इस बार 0.17  प्रतिशत कम मतदान हुआ है। पांचों सीटों के 52 प्रत्याशियों का भाग्य 11229 ईवीएम में बंद है। इसकी मतगणना 7 चरणों के मतदान के 19 मई को सम्पन्न होने के बाद 23 मई को होगी। उतराखण्ड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्य के अनुसार 2019 में लोक सभा के 5 सीटों के लिए हुए 11 अप्रैल को हुए मतदान के दौरान 82 कंट्रोल यूनिट, 82 बैलेट (82 यूनिट ईवीएम) और 330 वीवीपैट मशीन खराब होने की शिकायतें मिली।
चुनाव सेवा में नियुक्त हरिद्वार के ज्वालापुर के एक पीठासीन अधिकारी द्वारा अपने दायित्वों का सही से निर्वहन न किये जाने के कारण उनके खिलाफ की गई कार्रवाईं। इसके साथ हरिद्वार में चुनाव सेवा में लगे एक होमगार्ड की हृदयाघात से मृत्यु हो गयी। इस होंमगार्ड को चुनाव दायित्वों के निर्वहन के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा सम्मानित व परिजनों के आर्थिक सहयोग देने की पुरजोर मांग की जा रही है। देहरादून की दस विधानसभा क्षेत्रों में 61.5 प्रतिशत रहा। ऊधमसिंह नगर जनपद के  सितारगंज सीट पर सबसे अधिक 78.59 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। उतराखण्ड की कुल 70 में से 13 विधानसभा क्षेत्रों में मत प्रतिशत 70 से ज्यादा रहा। सबसे कम मतदान अल्मोड़ा जनपद के सल्ट विस क्षेत्र में हुआ। यहां 38.75 प्रतिशत मतदाताओं ने ही मतदान किया।   9 विस क्षेत्रों में मतदान का आंकड़ा 50 प्रतिशत भी नहीं पहुंचा।

उतराखण्ड के 5 लोकसभा सीटों पर  प्रतिशत मतदान हुआ। उतराखण्ड की 5 संसदीय क्षेत्रों में 2019 में हुए मतदान पर एक नजर

टिहरी संसदीय सीट पर  58.30 प्रतिशत ( सन2014 में 57.50 प्रतिशत) मतदान हुआ।
गढवाल संसदीय सीट पर  54.47  प्रतिशत ( सन2014 में 55.03 प्रतिशत) मतदान हुआ।
अल्मोड़ा 51.82 प्रतिशत ( सन2014 में  53.22 प्रतिशत) मतदान हुआ।
नैनीताल 68.69   प्रतिशत (सन2014 में 68.89प्रतिशत) मतदान हुआ।
हरिद्वार 68.92  प्रतिशत  (सन2014 में 71.02 प्रतिशत) मतदान हुआ।
उतराखण्ड में कई मतदान केन्द्रों पर लोगों ने मोटर मार्ग सहित अन्य जनहित की मांगों को लम्बे समय से शासन प्रशासन द्वारा अनसुना किये जाने पर चुनाव बहिष्कार भी किया। इसका इन क्षेत्र के मतदान केन्द्र प्रभावित रहे।  चमोली जनपद के जोशीमठ के लांजी, पोखनी, ह्यूंणा, तिरोसी में नहीं हुआ मतदान। पिछले तीन दशक से सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण संघर्ष कर रहे किंतु एक के बाद एक सरकारें आने के बावजूद ग्रामीण हर बार कोरे आश्वासनों पर ही रहे। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत चुनाव का भी बहिष्कार किया जाएगा।
नलगांव से 12.5 किमी कंडवालगांव (नलगांव)-कफोली-बमियाला मोटर मार्ग निर्माण की स्वीकृति होने के बाबजूद  नहीं बनने पर लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया। कफोली में मतदाता सूची से 1 तथा ईडीसी के 3 वोट पड़े। बमियाला में ईडीसी के 2 तथा गंडीक में ईडीसी के ही 2 वोट पड़े। मतदान केंद्र कफोली में 322 मतदाता, बमियाला में 259 तथा गंडीक में 223 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया।
ऊखीमठ के पंचायत गौंडार में कुछ ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार के बाद भी मतदान किया तो फापंज गांव के सलामी तोक के नौ परिवारों ने मतदान नहीं किया।
अल्मोड़ा जनपद के रानीखेत विस के राजकीय इंटर कॉलेज चैनलिया मतदान केन्द्र  पर ग्राम करगीना, खनौली, भौनली एवं डुमना के ग्रामीणों ने रोड की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया। द्वाराहाट विधानसभा के बासुलिसेरा में केवल 11 तथा 31 ईडीसीएम मताधिकार का प्रयोग किया। जागेश्वर,द्वाराहाट एवं सल्ट के झिमार में  मतदान बहिष्कार किया।
धानाचूली के धारी तहसील के बबियाड़ ग्राम सभा के तोक बिरसिंगिया में ग्रामीणों ने रोड नहीं वोट नहीं नारे के साथ लोस चुनावों का बहिष्कार कर दिया है। बागेश्वर में वाछम गांव में भी लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया।

पिथौरागढ़ जिले के पांच बूथों पर कोई नहीं आया वोट देने ।  पिथौरागढ़ में जिले में पांच बूथों पर आम मतदाताओं ने चुनाव का बहिष्कार कियाइन सभी जगहों पर लोग सड़क व स्वास्य जैसी बुनियादी सुविधाओं को लेकर मतदान बहिष्कार पर अड़े रहे। चुनाव बहिष्कार वाले इन बूथों में गंगोलीहाट विधानसभा क्षेत्र का बोयल, धारचूला विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले मुनस्यारी ब्लॉक का रीजिमया, साईपोलो और गांधीनगर तथा डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र का कांडाधार बूथ शामिल है।

नई टिहरी में ग्राम पंचायत दिगोठी व घनसाली के लोदस गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया और एक भी ग्रामीण ने मतदान नहीं किया। ग्रामीणों का कहना था कि गांव के लिए सड़क नहीं तो वोट नहीं। दिगोठी गांव अभी तक सड़क से नहीं जुड़ा है। गांव में करीब ढाई सौ मतदाता हैं। घनसाली के गोनगढ़ पट्टी के लोदस गांव के ग्रामीणों ने वोट नहीं डाला। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में पूर्व में सड़क स्वीकृत होंने के बाद भी निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया है।

उप्र की 8 लोकसभा हुए मतदान( शाम छह बजे तक) सहारनपुर में 70.68 प्रतिशत, गाजियाबाद में 58.16 प्रतिशत, मुजफ्फरनगर में 66.66 प्रतिशत,बागपत में 63.90 प्रतिशत, बिजनौर में 65.40 प्रतिशत, कैराना में 62.10 प्रतिशत, मेरठ में 63.00 प्रतिशत व गौतमबुद्ध नगर में 62 प्रतिशत  मतदान हुआ ।

मुजफ्फरनगर के भाजपा के प्रत्याशी संजीव बलियान ने आरोप लगाया कि उनकी संसदीय सीट पर बडी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने बुर्के में मतदान दिया। उन्होने इस संसदीय क्षेत्र के कई मतदान केन्द्रों पर दुबारा मतदान कराने की पुरजोर मांग की। बंगाल के कूचबिहार व अलीपुरद्वारा में 81 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। बिहार, आंध्र प्रदेश, अरूणांचल प्रदेश में भी मतदान हुआ।
पहले चरण में उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत (नैनीताल-उधमसिंह नगर)  अजित सिंह (मुजफ्फरनगर), वीके सिंह (गाजियाबाद), डॉ. महेश शर्मा (गौतमबुद्धनगर), जयंत चैधरी (बागपत), नितिन गडकरी (नागपुर), असदुद्दीन ओवैसी (हैदराबाद),  चिराग पासवान (जमुई), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (गया) सहित अनैक वरिष्ठ नेताओं की लोकसभाई सीट पर मतदान हुआ।
पहले चरण में आंध्र प्रदेश, अरु णाचल प्रदेश, मेघालय, उत्तराखंड, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और तेलंगाना की सभी सीटों पर मतदान हुआ। आंध्र प्रदेश की 25 सीटों पर 66 प्रतिशत, उत्तराखंड की पांच सीटों पर 57.85, तेलंगाना की 17 सीटों पर 60 प्रतिशत, सिक्किम, मिजोरम और नगालैंड की एक-एक सीटों पर क्रमश 69, 60 और 79 पर्सेट वोट पड़े। त्रिपुरा की एक सीट पर 81. 8 पर्सेट और असम की पांच सीटों पर 68 प्रतिशत वोटिंग हुई। पश्चिम बंगाल की दो सीटों पर 81 प्रतिशत वोट पड़े।
उल्लेखनीय है कि देश की 17वीं लोकसभा के गठन के लिए हो रहे लोकसभा चुनाव-2019 में 7 चरणों में मतदान हो रहा है। प्रथम चरण के मतदान जहां 11 अप्रैल को हुआ व सातवें चरण का मतदान 19 मई को हुआ। देश के 543 लोकसभा सीट पर हुए चुनाव का परिणाम 23 मई को एक साथ घोषित किया जायेगा। नक्सली प्रभावित उडिसा की दो मतदान केंन्द्र पर एक भी मतदान नहीं हुआ।

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