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कब होगी भाजपा मेें गये विद्रोही कांग्रेसियों की घर वापसी ?

उतराखण्ड कांग्रेस का एक बडा धड़ा विद्रोहियों के स्वागत में पलके बिछाये हुआ है

 
मुम्बई में उतराखण्डी व्यवसायी मोहन काला काग्रेस मे शामिल

नई दिल्ली(प्याउ)। भले ही उत्तराखंड काग्रेस के प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह, पूर्व प्रभारी  संजय कपूर,उत्तराखंड काग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंहं,प्रतिपक्ष  की नेता श्रीमती इंदिरा ह्रदयेश की उपस्थिति मे आज 9 फरवरी को उत्तराखंड के   प्रमुख समाजसेवी एवं व्यवसायी मोहन काला  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय मे काग्रेस मे शामिल  हो गए। परन्तु इस अवसर पर भी सभी की जुबान पर एक ही सवाल था कि कब होगी भाजपा में गये विद्रोही कांग्रेसी दिग्गज नेताओं की घर वापसी। ऐसा कायश लगाये जा रहे हैं कि विद्रोहियों में से कुछ दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस में घर वापसी कर सकते है। पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश ने भी ऐसा ही बयान दिया कि विद्रोहियों को घर वापसी करनी है तो एक साथ सामुहिक रूप से करनी चाहिए। वेसे भी विद्रोहियों में घर वापसी के बारे में सबसे अधिक अटकलें लगायी जा रही है वह हैं प्रदेश की सभी प्रमुख दल भाजपा, कांग्रेस व बसपा के दिग्गज नेता रहे हरक सिंह रावत पर। परन्तु हरक सिंह रावत की राजनीति पर पेनी नजर रखने वाले विशेेषज्ञों का मानना है हरक सिंह रावत सहित तमाम विद्रोही भले ही खुद को असहज महसूस कर रहे हैें। जो धमक उनकी कांग्रेसी सरकार में थी वह धमक व पूछ  किसी की वर्तमान भाजपा सरकार में मंत्री बनने के बाबजूद नहीं है। इसके साथ इन विद्रोही कांग्रेसियों की घर वापसी की अटकलों को सबसे अधिक बल इस बात से भी मिलता है कि प्रदेश की वर्तमान कमान संभाल रहे प्रीतम सिंह व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश  सहित दोनोे के समर्थकों की इन दिनों प्रदेश के सबसे बडे दिग्गज व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत से छत्तीस का आंकडा है। प्रीतम व इंदिरा समर्थक हरीश रावत की कांग्रेस नेतृत्व के साथ प्रदेश की जनता में इनसे अधिक मजबूत पकड़ से खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसलिए ये तमाम नेता चाहते हैं कि विद्रोहियों की लोकसभा चुनाव से पहले घर वापसी हो। इससे कांग्रेस में हरीश रावत के प्रभाव को कम करने के लिए वे सक्षम होंगे। प्रदेश में ऐसी अटकलें हैं कि कांग्रेस का एक मजबूत तबका, विद्रोहियों की घर वापसी में पलके बिछाये हुए है। देखना यह है विद्रोही एक साथ घर वापसी में सफल होगे या एक दो ही छत्रप घर वापसी करते हैं या एक भी विद्रोही घर वापस नहीं कर कांग्रेस की आशाओं पर पानी फेरता? यह सब दो महीनों में सरेआम हो जायेगा।
कांग्रेस में अपनी पकड़ मजबूत करने वाली रणनीति के तहत ही प्रदेश कांग्रेस ने मोहन काला आदि चर्चित चेहरों को कांग्रेस में कांग्रेस के उतराखण्ड प्रदेश मुख्यालय देहरादून के बजाय आनन फानन में दिल्ली में किया गया। उतराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी, हरीश रावत की उपस्थिति में इस समारोह को न करा पाने से  आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में उतराखण्ड में कांग्रेस को मजबूत होने की आश लगाने वाले समर्पित कांग्रेसी कार्यकत्र्ताओं को निराशा ही हाथ लगी।
गौरतलब है कि मोेहन काला मुम्बई में उतराखण्ड के बडे व्यवसायी होने के साथ उतराखण्ड के पौडी जनपद के प्रसिद्ध गांव सुमाड़ी के मूल निवासी है। कांग्रेस में सम्मलित हुए मोेहन काला 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में बडी मजबूती से लडा था।
प्यारा उतराखण्ड समाचार पत्र को इसकी सबसे पहले जानकारी कांग्रेसी नेता राजेश्वर पैनूली, उत्तराखंड काग्रेस के महासचिव विजय सारस्वत व मुख्य प्रचार समन्वयक धीरेन्द्र प्रताप ने बताया कि इस मौके पर अन्य लोगो के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष एस पी सिहं इजीनियर,संजय पालीवाल, पूर्व मन्त्री अजय सिंह, अंबरीश कुमार,किसान काग्रेस उपाध्यक्ष राम कुमार वालिया,चैधरी राजेंद्र सिहं और मनोज जेन समेत बड़ी सख्या मे मौजूद काग्रेस नेताओ ने मोहन काला  काग्रेस प्रवेश का जोरदार स्वागत  किया।
कांग्रेस प्रभारी अनुग्रह नारायण सिह ने मोहन काला के फैसले को बुद्धिमत्तापूर्ण कदम बताते हुए कहा काग्रेस इससे मजबूत होगी।प्रीतम सिंह और इन्दिरा ह्रदयेश ने कहा देश मे काग्रेस की लहर चल रही है और मोहन काला जैसे नेताओ के काग्रेस मे आने से इसे और बल मिलेगा।

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