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जन्म दिन के एक दिन पहले 91 वर्षीय, विष्णु हरि डालमियां का निधन

नई दिल्ली(प्याउ)। विश्व हिन्दू परिषद् के पूर्व अध्यक्ष व देश के अग्रणी उद्यमी रहे  विष्णु हरि डालमिया का 16 जनवरी को 91 साल की उम्र में नई दिल्ली में निधन हो गया। श्री डालमिया के निधन पर संघ प्रमुख मोहन भागवत, विहिप के अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे सहित अनैक वरिष्ठ लोगों ने गहरा शोक प्रकट किया।
भारत के सबसे प्रतिष्ठित उद्योग घराने ‘डालमिया समुह के जयदयाल डालमिया के बडे बेटे विष्णु हरि डालमियां का जन्म 17 जनवरी 1928 में राजस्थान के झंुझुनू जनपद के चिडावा में हुआ। वे डालमिया उद्योग समुह की अनैक नामीग्रामी कंपनियों, संस्थाओं, संगठनों तथा आयात निर्यात बैंक, चेम्बर्स आफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज , फेडरेशन आफ इंण्डियन चम्बर आफ कामर्स एवड इंडस्ट्रीज के प्रतिष्ठित पदों में आसीन रहे विष्णु हरि डालमिया के शोकाकुल परिवार में उनके पुत्र संजय डालमिया व अनुराग डालमिया उनके परिजन हैं।
स्वर्गीय विष्णु हरी डालमिया जी को श्रद्धांजलि प्रकट करते हुए सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि श्री विष्णु हरी डालमिया जी के दुःखद निधन का समाचार हम सभी के मन में एक दुःखदायक रिक्तता निर्माण कर गया है। वर्तमान पीढ़ी सहित समाज की तीन पीढ़ियां उनके समाज जीवन में सतत व सक्रिय योगदान को देखते आयी है। विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष के नाते धार्मिक जगत सहित सभी क्षेत्रों में काम करने वाले कार्यकर्ताओं में उनकी आत्मीयता के अधिकार से दिये गये सामयिक परामर्श पाया है समाज के अनेक विषयों के प्रति उनका निश्चल मन कितनी चिंताओं का वहन करता था यह हम सब के सामने प्रत्यक्ष हुआ है।
उस पुण्यात्मा के पार्थिव के विसर्जन से हम अपने एक वरिष्ठ सहयोगी मार्गदर्शक को खो बैठे हैं। इश्वरेच्छा बलीयसी इस दुःखद प्रसंग को सहने तथा उनकी जीवन मूल्यधारा को आगे बढाने का कर्तव्य करते रहने का धैर्य हम सबको प्रदान हो इस प्रार्थना के साथ मैं उनकी पवित्र स्मृति में अपनी व्यक्तिगत तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से श्रद्धांजलि अर्पण करता हूं।

ं विहिप के दिल्ली संवाद प्रभारी महेन्द्र रावत द्वारा जारी शोक विज्ञप्ति में श्री विष्णु हरि डालमियां के निधन पर अपनी संवदेना प्रकट करते हुए विहिप के अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि श्री डालमियां के निधन से सिर्फ विहिप ही नहीं अपितु सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एक अपूर्णीय क्षति हुई है। विहिप अध्यक्ष  विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा है कि श्री डालमियां सरलता, सक्रियता, सौम्यता व दृढ़ता के संगम थे। वे विश्व हिन्दू परिषद् से एक लम्बे कालखंड तक जुड़े रहे। हर मुद्दे पर उनके सम्वेदनशील विचार मस्तिष्क को झकझोर देते थे। 1979 में प्रयागराज की पुण्य भूमि पर द्वितीय विश्व हिन्दू सम्मलेन के स्वागताध्यक्ष के रूप में जुड़े देश के ये प्रसिद्द उद्योगपति विहिप के उपाध्यक्ष, कार्याध्यक्ष व अध्यक्ष के रूप में सन् 2005 तक जुड़े रहे। विष्णु हरि डालमियां 1992 से 2005 तक उदयपुर के महाराणा के बाद विहिप के चतुर्थ अध्यक्ष बने। वे एक महान गौभक्त, दानदाता के साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी सेवा संस्थान, मथुरा के उपाध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि न्यास के प्रन्यासी तथा विहिप के संरक्षक व आजीवन प्रन्यासी थे।. श्री राम जन्मभूमि के सन्दर्भ में हुईं विविध वार्ताओं में उनकी सक्रिय भूमिका थी। विष्णु हरि डालमियां श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर की अधूरी साध लेकर चले गए। विष्णु हरि डालमियां के इस अधूरे सपने को पूरा करना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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