मनोरंजन

फिल्मी जगत के शीर्ष हास्य अभिनेता कादर खान का निधन

 
कादरखान भले इस दुनिया से अलविदा हो गये परन्तु अपने करोड़ों प्रशंसकों के दिलों में अपनी फिल्मों के माध्यम से वे कालजयी हो गये।
प्यारा उतराखण्ड डाट काम
जिस समय पूरा विश्व नये साल 2019 के स्वागत में पलके बिछाये हुए था उसी समय भारतीय फिल्मी जगत के प्रसिद्ध हास्य अभिनेता कादर खान का निधन 1 जनवरी को कनाडा में हुआ। 22 अक्तूबर 1937 को काबूल में जन्में कादर खान भारतीय फिल्मी जगत के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता होने के साथ साथ एक फिल्म निर्देशक व डायलोग लेखक भी थेे। प्रसिद्ध हास्य अभिनेता कादरखान की मौत की खबरें जब भारतीय खबरिया चैनलों में आयी तो पहले कनाडा निवासी कादरखान के बेटे ने इसे कोरी अफवाह बता कर खण्डन किया था। हालांकि इसके बाद इन खबरों की पुष्टि करते हुए कादरखान के बेटे सरफराज ने बताया कि मेरे पिता हमें छोड़कर चले गए। सरताज ने बताया कि उनके पिता ने 31 दिसंबर को शाम 6 बजे अंतिम सांस ली। उन्होंने बताया कि कादर खान दोपहर में ही कोमा में चले गए थे।
 
कादरखान के निधन की खबर सुनते ही भारतीय फिल्मी जगत बोलीवुड में मातम छा गया। फिल्मी जगत के सितारे अपनी अंतिम संस्कार में सम्मलित होकर श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते थे परन्तु कादर खान के बेटे सरफराज के अनुसार उनके दिवंगत पिता अभिनेता कादर खान का अंतिम संस्कार कनाडा में ही किया जाएगा। क्योंकि हमारे परिवार के सभी सदस्य यहां हैं और हम यहीं रहते हैं इसीलिए हमने यहीं अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है।
कादर खान प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी डिसऑर्डर बीमारी से पीड़ित थे इस कारण उनके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था।
कादरखान ने हिम्मतवाला, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, आंखें,हम,मुझसे शादी करोगी,साजन चले ससुराल,कुली नंबर 1, दूल्हे राजा,बाप नंबरी बेटा दस नंबरी, आदि 300 से अधिक फिल्मो में काम किया है। उनकी पहली फिल्म दाग (1973) थी जिसमे उन्होंने अभियोगपक्ष के वकील की भूमिका निभाई थी।।, कादर खान नेे स्नातक की पढ़ाई इस्माइल यूसुफ कॉलेज से पूरी की। उन्होंने एक शिक्षक के रूप में भी कार्य किया।
 
 
कादरखान ने अभियन का शुभारंभ अपने कॉलेज में किसी भूमिका को निभाकर किया। इनके लाजवाब अभिनय की खबर जब अभिनेता दिलीप कुमार को ये पता चला तो उन्होंने खान का अभिनय देखा। उनके अभिनय से प्रभावित होकर दिलीप कुमार ने उन्हें सगीना महतो और बैराग जैसी फिल्म में काम दिया।
 
कादर खान को अपने लाजवाब अभियन के लिए 2013 – साहित्य शिरोमणि पुरस्कार (हिन्दी सिनेमा में योगदान के लिए), 1982 – फिल्म फेयर अवार्ड (बेस्ट डाइलोग ष्मेरी आवाज सुनो) व 1981 – फिल्म फेयर बेस्ट कॉमेडियन (बाप नम्बरी बेटा दस नम्बरी ) के लिए सम्मानित किया गया। हास्य अभिनेता कादर खान के निधन पर फिल्मी दुनिया ही नहीं अपितु उनके अभियन के कायल रहे करोड़ों लोग उनको भावभीनी श्रद्धांजलि देता है। कादरखान भले इस दुनिया से अलविदा हो गये परन्तु अपने करोड़ों प्रशंसकों के दिलों में अपनी फिल्मों के माध्यम से वे कालजयी हो गये।

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